यात्री का रोज़े की अवस्था में अपनी पत्नी से सम्भोग कर लेने का हुक्म
मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन
अनुवाद: अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
संशोधन: शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी
प्रकाशक: इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
विवरण
एक आदमी रात के समय अब्हा से मक्का आया, सुबह के समय शैतान ने उसके दिल में वस्वसा डाल दिया और उस ने अपनी पत्नी से सम्भोग कर लिया तो उसका क्या हुक्म है?
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यात्री का रोज़े की अवस्था में अपनी पत्नी से सम्भोग कर लेने का हुक्म
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यात्री का रोज़े की अवस्था में अपनी पत्नी से सम्भोग कर लेने का हुक्म
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