- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
- मसाहिफ़ (क़ुरआन की प्रतियाँ)
- क़ुरआन करीम के पाठ
- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
- विशिष्ट तिलावतें
- नोबल क़ुरआन और उसके वाहकों के शिष्टाचार
- हदीस
- अक़ीदा (आस्था)
- तौहीद (एकेश्वरवाद)
- इबादत (उपासना) और उसके प्रकार
- इस्लाम
- ईमान और उसके स्तंभ
- ईमान के मसायल
- एहसान
- कुफ्र (नास्तिकता)
- निफाक़ (पाखण्ड)
- शिर्क (अनेकेश्वरवाद) और उसका खतरा
- बिदअत (नवाचार) : उसके प्रकार एवं उदाहरण
- सहाबा और आले-बैत
- तवस्सुल
- वलायत और औलिया की करामतें
- जिन्न
- वफादारी और दुश्मनी तथा उसके प्रावधान
- अह्लुस्सुन्नह वल-जमाअह
- धर्म और पंथ
- संप्रदाय (पंथ)
- इस्लाम से संबद्ध संप्रदाय
- समकालीन वैचारिक सिद्धांत
- धर्मशास्त्र
- उपासनाएं
- लेनदेन के मसायल
- क़सम और मन्नत
- पारिवारिक मसायल का ज्ञान
- चिकित्सा, उपचार और शरई झाड़-फूँक
- खाद्य पदार्थ और पेय
- दंडनीय अपराध
- न्यायिक व्यवस्था
- जिहाद
- समसामयिक एवं उभरते हुए मुद्दों का न्यायशास्त्र
- अल्पसंख्यकों के मसाईल का ज्ञान
- इस्लामी राजनीति
- इस्लामी धर्मशास्त्र के मत
- फ़त्वे
- उसूल फ़िक़्ह (धर्मशास्त्र के सिद्धांत)
- इस्लामी धर्मशास्त्र की किताबें
- विशेषताएं (खूबियाँ)
- अरबी भाषा
- इस्लाम का आह्वान
- Issues That Muslims Need to Know
- दिल को विनम्र करने वाली बातें और सदुपदेश
- भलाई का आदेश देना तथा बुराई से रोकना
- इस्लामी दावत की वस्तुस्थिति
- क़ुरआन करीम
- हिन्दी Lecturer : अब्दुल मोहसिन अल-क़ासिम
ज़िल-हिज्जा के दस दिनों के कर्म
- हिन्दी Lecturer : माजिद बिन सुलैमान अर्रस्सी
ज़िलहिज्जा के १० दिनों की विशेषताएं एवं श्रेष्ठताऐं
- हिन्दी
- हिन्दी
- हिन्दी Lecturer : माजिद बिन सुलैमान अर्रस्सी
ईदुलिफ़त़र से संबंधित दस बिन्दुऐं
- हिन्दी Lecturer : अब्दुल मोहसिन अल-क़ासिम
रमज़ान के आखिरी दस दिनों को पाने की नेमत (आशीर्वाद)
- हिन्दी Lecturer : माजिद बिन सुलैमान अर्रस्सी
यह एक छोटा उपदेश है जिसमें इस्लामी कैलेंडर के अनुसार हिजरी वर्ष में मुहर्रम के महीने की विशेषताओं का वर्णन किया गया है, साथ ही मुहर्रम के दसवें दिन रखे जाने वाले आशूरा के उपवास का गुण भी बताया गया है।
- हिन्दी
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर से यह प्रश्न किया गया किः क्या मुहर्रम के महीने के समान सफर के महीने की भी कोई विशेषता है? आशा है कि इस पर विस्तार के साथ प्रकाश डालेंगे। तथा मैं ने कुछ लोगों से सुना है कि वे इस महीने से अपशकुन लेते हैं, तो इसका क्या कारण है?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन हमद अलमहमूद अन्-नजदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
यह मुहम्मद अल-हमूद अन्नजदी से पूछा गया एक प्रश्न है, जिसके शब्द यह हैंः ’’कुछ वार्षिक अवसरों और समारोहों जैसे- अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस, अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस और अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस, इसी तरह कुछ धार्मिक अनुष्ठानों जैसे- इस्रा व मेराज (पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की रातों-रात मक्का से मस्जिदे अक़्सा तक, फिर वहाँ से आकाश तक की यात्रा की सालगिरह), मीलादुन्नबी (पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का जन्म दिवस) और हिज्रत (पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के मक्का से मदीना की ओर प्रवास की सालगिरह) के समारोहों में भाग लेने में शरीअत का क्या हुक्म है? और वह इस प्रकार कि लोगों को याद दिलाने और उन्हें नसीहत (सदुपदेश) करने के लिए व्याख्यान और इस्लामी सेमिनार का आयोजन किया जाए या कुछ पत्रक तैयार किए जाएं।
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
रमज़ान के महीने में एक मुसलमान को किस तरह रहना चाहिए इसके बारे में साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर से यह प्रश्न किया गया किः रमज़ान के महीने की शुरुआत के शुभ अवसर पर आप मुसलमानों को क्या सदुपदेश देंगे?
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
शबे-बरात की वास्तविकता : वर्तमान समय में मुसलमानों के अंदर बिदनतों का बाहुल्य और भरमार है, जिनके दुष्ट परिणाम उनके जीवन में जगज़ाहिर हैं, जबकि परलोक में उन्हें कठोर अपमान, तिरस्कार और ह़ौज़े-कौसर से निराशा का सामना करना होगा। मुसलमानो में बिदअतों के प्रचलन के कुछ कारण हैं। इस आडियो में कुछ कारणों का उल्लेख करते हुए शाबान के महीने में प्रचलित एक निंदित बिदअत शबे-बरात की हक़ीक़त का खुलासा किया गया है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : फैज़ुल्लाह अल-मदनी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
सफर के महीने की बिदअतें : प्रस्तुत वीडियो में सफर के महीने में अरबो के अंदर पाई जाने वाली बुराईयों ; सफर के महीने से अपशकुन लेने, तथा उसे आगे और पीछे कर उसमें खिलवाड़ करने, का उल्लेख किया गया है। इसी तरह, इस्लाम के अनुयायियों के यहाँ इस महीने के अंदर पाये जाने वाले नवाचार (बिद्अतों) और भ्रष्ट मान्यताओं का वर्णन और खण्डन करते हुए, इस महीने के अंदर नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जीवन में घटित होने वाली कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी वक्ता : अबू ज़ैद ज़मीर संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
मुहर्रम के महीने के प्रावधानः इअल्लाह का महीना मुहर्रमुल-हराम एक महान और हुर्मत वाला महीना है, जिसे अल्लाह तआला ने आकाश एवं धरती की रचना करने के समय ही से हुर्मत –सम्मान एवं प्रतिष्ठा- वाला घोषित किया है, तथा यह हिज्री-वर्ष का प्रथम महीना है। प्रस्तुत व्याख्यान में इस महीने की विशेषता तथा इस में धर्मसंगत रोज़े का उल्लेख किया गया है। मुहर्रम के महीने के प्रावधानः इअल्लाह का महीना मुहर्रमुल-हराम एक महान और हुर्मत वाला महीना है, जिसे अल्लाह तआला ने आकाश एवं धरती की रचना करने के समय ही से हुर्मत –सम्मान एवं प्रतिष्ठा- वाला घोषित किया है, तथा यह हिज्री-वर्ष का प्रथम महीना है। प्रस्तुत व्याख्यान में इस महीने की विशेषता तथा इस में धर्मसंगत रोज़े का उल्लेख किया गया है। इसी तरह आशूरा के बारे में वर्णित कमज़ोर व मनगढ़त हदीसों पर चेतावनी दी गई है।
- हिन्दी वक्ता : अबू ज़ैद ज़मीर संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
ज़ुल-हिज्जा के दस दिनों की फज़ीलत : प्रस्तुत आडियो में दुनिया के सर्वोत्तम दिह ज़ुलहिज्जा के पहले दस दिनों की फज़ीलत, और उनमें धर्मसंगत कार्यों का उल्लेख किया गया है। विशेषकर अरफा के दिन के रोज़े की फज़ीलत का वर्णन किया गया है जिससे अगलेऔर पिछले दो वर्ष के पाप माफ कर दिए जाते हैं।
- हिन्दी लेखक : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
पंद्रहवीं शाबान की रात का जश्न मनाने का हुक्म : इस लेख में पंद्रहवीं शाबान की रात का जश्न मनाने का इतिहास, इस कार्य का हुक्म,तथा इस नई गढ़ ली गई बिदअत के बारे में विद्वानों के कथनों का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : फैज़ुल्लाह अल-मदनी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस वीडियो में उल्लेख किया गया है कि शाबान के महीने की क्या फज़ीलत है, नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम विशिष्ट रूप से इस महीने में क्या कार्य करते थे, तथा पंद्रहवीं शाबान की रात को जश्न मनाने और उसमें हज़ारी नमाज़ पढ़ने, विशिष्ट इबादतें करने, उस दिन रोज़ा रखने, तथा आधे शाबान के बाद रोज़ा रखने, रमज़ान से एक-दो दिन पूर्व रोज़ा रखने और शक्क के दिन रोज़ा रखने के अह्काम स्पष्ट किए गए हैं।
- हिन्दी वक्ता : अबू ज़ैद ज़मीर संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
वर्तमान समय में कुछ मुसलमानों के बीच प्रचलित बिदअतों में से एक घृणित बिदअत : पंद्रह शाबान की रात का जश्न मनाना है, जिसे अवाम में शबे-बराअत के नाम से जाना जाता है और उसमें अनेक प्रकार की शरीअत के विरुद्ध कार्य किए जाते हैं, जिनके लिए ज़ईफ़ और मनगढ़त हदीसों का सहारा लिया जाता है। इस आडियो में पंद्रह शाबान की रात के बारे में वर्णित हदीसों का चर्चा करते हुए, उनकी हक़ीक़त से पर्दा उठाया गया है।
- हिन्दी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
हाल के वर्षों में बहुत से मुस्लिम समुदायों में नए ईसवी साल के प्रवेश का जश्न मनाने की प्रथा प्रचलित हो गई है। प्रस्तुत लेख में हर प्रकार के जन्मदिन समारोहों के आयोजन और नए वर्ष के प्रवेश का उत्सव मनाने के निषिद्ध होने का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी वक्ता : फैज़ुल्लाह अल-मदनी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
ज़ुल-हिज्जा के दस दिनों के कार्य : अल्लाह सर्वशक्तिमान की महान कृपा व अनुकम्पा और दानशीलता है कि उसने अपने दासों के लिए नेकियाँ कमाने और पुण्य प्राप्त करने अनेक रास्ते और अवसर प्रदान किए हैं। ज़ुल-हिज्जा के महीने प्राथमिक दस दिन नेकियों का महान अवसर और पर्व है। प्रस्तुत व्याख्यान में ज़ुल-हिज्जा के महीने के प्राथमिक दस दिनों की प्रतिष्ठा और उनके अन्दर वर्णित कार्यों, जैसे- हज्ज और उम्रा की अदायगी, रोज़े रखना - विशेषकर अरफा के दिन का रोज़ा जो दो साल के पापों का प्रायश्चित है-, क़ुर्बानी करना, अधिक से अधिक अल्लाहु अक्बर, ला इलाहा इल्लल्लाह और अल्हम्दुलिल्लाह कहना तथा आज्ञारिता के अन्य कार्य करने, का उल्लेख किया गया है।