मौलाना अब्दुल करीम पारीख : एक भारतीय धर्मोपदेशक, कुरआन के संदेश को प्रसारित करने और उसकी समझ को आसान करने तथा युवाओं और आधुनिक शिक्षा प्राप्त लोगों को कुरआन की शिक्षा देने में उनके प्रयास सराहनीय हैं। इस विषय में उनकी सबसे महत्वपूर्ण प्रयास उनकी पुस्तक उर्दू में ’लुगातुल क़ुरआन’ है, जिसका हिंदी समेत कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
मौलाना सदरुद्दीन इस्लाही : एक भारतीय धर्मोपदशक, जमात-ए-इस्लामी के गणमान्य व्यक्तियों में से और एक इस्लामी लेखक हैं। उनकी लिखी हुई कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं।
आप इन्डोनेसिया के एक प्रसिद्ध सलफी धर्म-उपदेशक हैं, इमाम मुहम्मद बिन सऊद इस्लामिक युनिवर्सिटी के अधीन जाकरता में चलने वाले इस्लामी और अरबी उलूम के इन्सटीट्यूट से फारिग हैं। कई वर्ष तक शैख उसैमीन के शिष्य रह चुके हैं.सऊदिया में निवास की अवधि में उनैज़ा में इन्डोनेसी समुदाय के धर्म-उपदेशक थे। उनकी विभिन्न इस्लामी कैसिटें हैं जो इन्डोनेसिया और सऊदिया में प्रचलित हैं.उनका एक इन्सटीट्यूट भी है.
वह यह्या अहमद मोहम्मद अल-हुलैली1952/ 1372 हि. में यमन के सनआ जनपद में, (अल हुलैला) नामी गांव में पैदा हुए। 1962 /1382 हि. में पूरा कुरान याद कर लिया। फिर उन्होंने कई विद्वानो से सात क़िराआतों का अध्ययन किया।