सलाह बिन मुहम्मद अल-बुदैर - सभी आइटम
आइटम्स की संख्या: 5
- हिन्दी लेखक : सलाह बिन मुहम्मद अल-बुदैर
यह एक संक्षिप्त पुस्तिका है। इसमें तौह़ीद के उन मसायल एवं इस्लाम के मूल सिद्धान्तों का वर्णन है, जिनका सीखना तथा उन में विश्वास रखना हर मुसलमान पर अनिवार्य है। मालूम रहे कि इस पुस्तिका में वर्णित सारे मसायल (العقائد للأئمة الأربعة) "चारों इमामों के अक़़ीदे " की पुस्तकों से लिये गये हैं। अर्थात इमाम अबू ह़नीफ़ा, इमाम मालिक, इमाम शाफ़िई, इमाम अह़मद बिन ह़म्बल और उनके ऐसे अनुसरण करने वाले, जो हर प्रकार के मतभेद से बचते हुए अहले-सुन्नत वल-जमाअत के मार्ग पर चलते रहे।
- अरबी पाठक : अब्दुल मोहसिन अल-क़ासिम पाठक : अली बिन अब्दुर्रहमान अल-हुज़ैफी पाठक : सलाह बिन मुहम्मद अल-बुदैर पाठक : हुसैन बिन अब्दुल अज़ीज़ आलुश्शैख पाठक : अहमद तालिब हमीद पाठक : अब्दुल्लाह अल-बईजान
मस्जिदे-नबवी मदीना में वर्ष 1434 हिज्री की तरावीह की नमाज़ से रिकार्ड किया गया पवित्र क़ुर्आन का मुरत्तल (तर्तील के साथ) पाठ। इस वर्ष लोगों को तरावीह की नमाज़ शैख अली अल-हुज़ैफी, शैख अब्दुल मोहसिन आल-क़ासिम, शैख हुसैन आलुश्शैख, शैख सलाह अल-बुदैर, शैख अहमद हुमैयिद और शैख अब्दुल्लाह अल-बऐजान ने पढ़ाई।
- हिन्दी लेखक : सलाह बिन मुहम्मद अल-बुदैर अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह الناشر : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
प्रस्तुत लेख मदीना नबविया की ज़ियारत करनेवालों के लिए कुछ निर्देशों पर आधारित है जिसमें उन चीज़ों का उल्लेख किया गया है जिनका करना वैध और धर्मसंगत है, जैसे - मस्जिदे नबवी की ज़ियारत करना और उसमें नमाज़ पढ़ना, नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की क़ब्र और आपके दोनों साथियों की क़ब्रों की ज़ियारत और उन पर सलाम, तथा मस्जिदे क़ुबा की ज़ियारत और उसमें नमाज़ पढ़ना, बक़ीउल गर्क़द और उहुद के शहीदों की उनपर सलाम पढ़ने और उनके लिए दुआ करने के लिए ज़ियारत करना। इसी तरह उन चीज़ों का भी उल्लेख किया गया है जिनका करना अवैघ और नाजायज़ है, जैसे - मस्जिदे नबवी के किसी भाग या नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के कमरे की दीवारों या जालियों आदि को छूकर या चूकमकर बर्कत हासिल करना वग़ैरह।
- अरबी पाठक : अब्दुल मोहसिन अल-क़ासिम पाठक : अली बिन अब्दुर्रहमान अल-हुज़ैफी पाठक : सलाह बिन मुहम्मद अल-बुदैर पाठक : हुसैन बिन अब्दुल अज़ीज़ आलुश्शैख
मस्जिदे-नबवी मदीना में वर्ष 1431 हिज्री की तरावीह की नमाज़ से रिकार्ड किया गया पवित्र क़ुर्आन का मुरत्तल (तर्तील के साथ) पाठ। इस वर्ष लोगों को तरावीह की नमाज़ शैख अली अल-हुज़ैफी, शैख अब्दुल मोहसिन आल-क़ासिम, शैख हुसैन आलुश्शैख और शैख सलाह अल-बुदैर ने पढ़ाई। टोरेंट प्रौद्योगिकी में डाउनलोड करने के लिए नीचे टोरेंट की छवि पर क्लिक करें।
- अरबी पाठक : अब्दुल मोहसिन अल-क़ासिम पाठक : सअद अल-ग़ामिदी पाठक : अली बिन अब्दुर्रहमान अल-हुज़ैफी पाठक : सलाह बिन मुहम्मद अल-बुदैर
वर्ष 1430 हिज्री का मस्जिदे-नबवी मदीना का पवित्र क़ुर्आन का पाठः मस्जिदे-नबवी मदीना में वर्ष 1430 हिज्री की तरावीह की नमाज़ से रिकार्ड किया गया पवित्र क़ुर्आन का मुरत्तल (तरतील के साथ) पाठ। इस वर्ष लोगों को तरावीह की नमाज़ आदरणीय शैख अली अल-हुज़ैफी, शैख अब्दुल मोहसिन अल-क़ासिम, शैख सअद अल-ग़ामिदी, और शैख सलाह अल-बुदैर ने पढ़ाई।
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