सम्पूर्ण इस्लाम जिस के साथ अल्लाह ने अपने संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को भेजा वह पाँच स्तम्भों पर आधारित है। कोई मनुष्य उस समय तक पक्का और सच्चा मुसलमान नहीं हो सकता जब तक कि वह उन पर ईमान न ले आए और उन पर कार्य बद्ध न हो। यह लेख में उन्हीं स्तम्भों पर आधारित है।
इस लेख में इस प्रश्न का संतोषजनक उत्तर दिया गया है किः क्या मनुष्य को धर्म की आवश्यकता है? चुनाँचे मनुष्य के जीवन में धर्म की आवश्यकता के कारणों का वर्णन करके यह सिद्ध किया गया है कि मनुष्य को मौलिक रूप से घर्म (इस्लाम) की आवश्यकता है।