इराक में के कुर्द क्षेत्र के कुर्दी धर्म-प्रचारक, 1998 में शरीयत और इस्लामी अध्ययन विभाग, ढूक विश्वविद्यालय- शरीयत कानून के संकाय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है, और जो इरबिल नगर की एक मस्जिद में इमाम और खतीब है
सैयद जलालुद्दीन उमरीः (जन्मतिथिः 1935) वह एक प्रतिष्ठित इस्लामी बुद्धिजीवी, लेखक और शिक्षाशास्री हैं। जमात-ए-इस्लामी हिंद के वर्तमान अमीर हैं। उन्होंने तीस से अधिक पुस्तकें और विविध विषयों पर अनेक लेख प्रकाशित लिखे हैं।
नाम: अल-हुसैनी सैयद अली अब्दुल गनी अज़्ज़ाज़ी। राष्ट्रीयता: मिस्री। • जन्म की तिथि: 5/12/1956 ई. • योग्यता: 1- 1986 - 1987 ईस्वी में अल-अजहर से क़िराआत के लिए उच्च प्रमाण पत्र प्राप्त किया 2- दुर्रा और शातिबिय्या के तरीक़ से दस क़िराआतों का इजाज़ा प्रप्त किया। कार्यः 1. बच्चों के द्वारा दोहराने के साथ संपूर्ण शिक्षक मुसहफ रिकार्ड किया। 2- मद्दे-मुनफसिल मे तवस्सुत के साथ संपूर्ण कुरआन का मुरत्तल मुसहफ रिकार्ड किया। 3- कुरआन पढ़ने के तरीक़े के लिए मुसहफ रिकाॅर्ड किया।
क़ारी खलीफा अहमद मुस्बेह अत्-तनीजी, 13 साल की उम्र में पवित्र कुरआन याद किया, और शैख गुलाम हुसैन द्वारा इजाज़ा प्राप्त किया, मदीना मुनव्वरा में शेख इब्राहिम अल-अखज़र के हाथ पर अध्ययन किया और आसिम से हफ्स की रिवायत में इजाज़ा लिया । जीवनी प्रक्रिया: 2001 में संयुक्त अरब अमीरात विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री ली। वर्तमान में संयुक्त अरब अमीरात में शारजाह के अमीरात में लोक निर्माण विभाग के निदेशक के रूप में काम कर रहे हैं।
एक भारतीय धर्म उपदेशक व प्रचारक, पैगंबर के शहर मदीना में इस्लामी विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हैं। सऊदी अरब की राजधामी रियाद में इस्लामी केन्द्र में कार्यरत हैं।
मौलाना अब्दुल करीम पारीख : एक भारतीय धर्मोपदेशक, कुरआन के संदेश को प्रसारित करने और उसकी समझ को आसान करने तथा युवाओं और आधुनिक शिक्षा प्राप्त लोगों को कुरआन की शिक्षा देने में उनके प्रयास सराहनीय हैं। इस विषय में उनकी सबसे महत्वपूर्ण प्रयास उनकी पुस्तक उर्दू में ’लुगातुल क़ुरआन’ है, जिसका हिंदी समेत कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है।