क़ुरआन करीम में भ्रूण के विकास के चरणों के बारे में वैज्ञानिक तथ्य
लेखक : ज़ाकिर नायिक
संशोधन: अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
विवरण
इस युग में विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिक पुनर्जागरण देखा गया है। उन्हीं क्षेत्रों में से एक भ्रूण विज्ञान और मानव रचना के चरणों के ज्ञान से संबंधित क्षेत्र है। जिसके बारे में पहले ज़माने में जानकारी बहुत सीमित और अटकलों और मानसिक कल्पनाओं पर आधारित थी। यहाँ तक कि जब पिछली सदी में विज्ञान के क्षेत्र में विकास हुआ, तो इसके बारे में आधुनिक उपकरणों के उपयोग पर आधारित सटीक वर्णन सामने आया। जिससे यह भी स्पष्ट हो गया कि पिछले ज़माने में इसके बारे में कितना भ्रम पाया जाता था।
लेकिन इसके बावजूद, हम अल्लाह की किताब क़ुरआन करीम में चौदह सौ साल पहले से ही इसके बारे में स्पष्ट बयान देखते हैं। यही नहीं बल्कि क़ुरआन करीम ने मानव रचना के सभी चरणों का उल्लेख किया है और प्रत्येक चरण का एक विशिष्ट नाम रखा है, और उसमें होनेवाले महत्वपूर्ण बदलाव का वर्णन किया है।
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क़ुरआन करीम में भ्रूण के विकास के चरणों के बारे में वैज्ञानिक तथ्य
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क़ुरआन करीम में भ्रूण के विकास के चरणों के बारे में वैज्ञानिक तथ्य
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