इस्लाम के विषय में जानें
आइटम्स की संख्या: 3
- मुख्य पृष्ठ
- अग्र-भाग की भाषा : हिन्दी
- विषयवस्तु की भाषा : सभी भाषाएँ
- इस्लाम के विषय में जानें
- सभी भाषाएँ
- Igbo
- Rohingya
- rn
- अंग्रेज़ी
- अकानी
- अमहरी
- अरबी
- अलबानी
- इटालियन
- इन्डोनेसी
- इरानोन
- उर्दू
- ओरोमो
- कन्नड़
- कोरियन
- खमेरी
- चीनी
- जर्मन
- जापानी
- जॉर्जियाई
- डच
- तगालू
- तमिल
- ताजिकिस्तानी
- तिजरीनी
- तिलगू
- तुर्की
- थाईलेंडी
- नेपाली
- पुर्तगाली
- फरांसीसी
- फारसी
- फिलीपीनी मागुइंदानाव
- बंगाली
- बर्मी
- बलूची
- बोसनियन
- मंडिंका
- मलयालम
- मलागासी
- मालायु
- यूगंडी
- यूनानी
- यूरोबा
- रूमानी
- रूसी
- वीयतनामी
- संजू
- सर्बियाई
- सवाहिली
- सिंहाली
- सूमाली
- स्पेनी
- स्लोवाक
- स्लोवेनियाई
- हिन्दी
- हौसा
- showall भाषणकर्ता : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस्लाम ही वह सत्य धर्म है जिसे अल्लाह तआला ने अपने बंदों के लिए पसंद फरमाया है, उसी के साथ अपने संदेश्वाहकों को भेजा और अपनी पुस्तकें अवतरित की हैं, तथा रहती दुनिया तक, अल्लाह सर्वशक्तिमान ने उसे हर समय काल और प्रति स्थान के लिए एक सर्वव्यापी धर्म बनाया है, जिसके अतिरिक्त कोई अन्य धर्म वह किसी भी मनुष्य से कदापि स्वीकार नहीं करेगा। अतः सर्व मानव जाति के लिए इस्लाम का अनुसरण और अनुपालन करना अनिवार्य है। क्योंकि इसी के पालन में उनके लिए लोक व परलोक में सफलता, सौभाग्य और मोक्ष की प्राप्ति है। तथा हमारे सृष्टा ने अपने इस धर्म को असंख्य गुणों और विशेषताओं से सुसज्जित किया है, प्रस्तुत भाषण में इस्लाम की कुछ विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया है।
- showall भाषणकर्ता : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
हमारे जन्म का उद्देश्य: अल्लाह सर्वशक्तिमान ने मनुष्य की उत्पत्ति की और धरती की समस्त चीज़ों की रचना करके उनके लिए इस दुनिया में जीवन यापन का बढ़िया प्रबंध किया तथा उन्हें असंख्य अनुकंपाओं और नेमतों से सम्मानित किया। लेकिन बहुत कम ही मनुष्य ऐसे हैं जो इस तथ्य पर मननचिंतन करते हैं कि हमारे जन्मदाता का इसके पीछे कोई लक्ष्य है अथवा उसने मनुष्य को व्यर्थ और अकारण बनाया है ॽ जबकि वास्तविकता यह है कोई बुद्धिमान अकारण कोई काम नहीं करता, तो फिर सर्वबुद्धिमान और सर्वज्ञानी अल्लाह सर्वशक्तिमान की यह रचना उद्देश्यहीन कैसे हो सकती हैॽ बल्कि इस ब्रह्माण्ड और उसके बीच मौजूद सृष्टि में मननचिंतन करने वाला इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि उसका एक महान रचयिता और सृष्टा है और वह अकेला है उसका कोई साझी और सहायक नहीं, वही एक मात्र सृष्टा, जन्मदाता और रचयिता है, वही स्वामी और पालनहार है, वही मृत्यु और जन्म देता है और वही सबको जीविका प्रदान करता है। अतः वही एकमात्र पूजा के योग्य और उपास्य व आराध्य है। वही सत्य पूज्य है और उसके अतिरिक्त जिसकी भी पूजा की जाती है वह असत्य और व्यर्थ है।
- showall
इस विडियो में एकेश्वरवाद के महत्व तथा उस की सत्यता पर प्रकाश डाला गया है और यह दर्शाया गया है कि एकेश्वरवाद अर्थात तौहीद के अभाव में संसार का संचालन असंभव हो जायेगा।कोई वर्षा का आदेश देगा तो कोई सुर्य प्रकाश की इच्छा व्यक्त करेगा और इस प्रकार दोनों में मतभेद उत्पन्न होगा जो संसार के संचालन में बाधक सिद्ध होगा..