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- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
मानवाधिकार की आधारशिला: इस्लाम एक संपूर्ण व्यापक धर्म है जो मनुष्य के सभी धार्मिक और सांसारिक हितों की रक्षा करता है और उसके लिए मानक स्थापित करता है। चुनांचे उसने मानव जाति के सभी श्रेणियों के लिए अधिकार निर्धारित किए हैं, जिनसे अभी तक मानवता अपने इतिहास में अनभिज्ञ थी। जब अल्लाह सर्वशक्तिमान ने इस्लाम धर्म को पूरा कर देने, अपने अनुग्रह को संपन्न कर देने और मानवता के लिए इस्लाम को धर्म के रूप मे पसंद कर लेने की घोषणा कर दी, तो पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अपने हज्ज के अवसर पर एक ऐतिहासिक भाषण दिया और उसमें लोगों के अधिकारों का उल्लेख किया, जो मानव अधिकारों के लिए नींव रखने के रूप में देखा जाता है। प्रस्तुत लेख में इसी का वर्णन है।
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
तौहीद अर्थात एकेश्वरवाद, अल्लाह तआला को उसके सर्वसंसार का एकमात्र सृष्टा, पालनहार, उपास्य व पूज्य होने, तथा उसके नामों और गुणों में एकता मानने का नाम है। एकेश्वरवाद का मानव के जीवन और समाज पर महान प्रभाव पड़ता है। एकेश्वरवाद मनुष्य को अपने पालनहार के सिवाय सब की गुलामी से मुक्त कर देता है, उसके मन को मिथकों और कल्पनाओं से फ्री कर देता है, उसकी आत्मा को अपमान और किसी के सामने आत्मसमर्पण करने के बजाय उसके अंदर आत्मसम्मान और आत्मविश्वास पैदा कर देता है और इच्छाओं की घेराबंदी से आज़ाद कर देता है। इसके अलावा एकेश्वरवाद के अन्य प्रभाव हैं जिनका प्रस्तुत लेख में उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
क़ुरआन की शिक्षाएं : मानव जीवन के विभिन्न और अनेक पहलू है, और क़ुरआन करीम समुचित मानवता का उसके जीवन के सभी विभिन्न मामलों में मार्गदर्शन करता है। चुनाँचे उसने मानव जीवन और मानव समाज को अनुशासित करने के लिए शिक्षाएं और निर्देश प्रस्तुत किए हैं। इस लेख में, कुरआन की महत्वपूर्ण शिक्षाओं का एक सार प्रस्तुत किया गया है।
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
आमतौर पर यह समझा जाता है कि इस्लाम 1400 वर्ष पुराना धर्म है, और इसके ‘प्रवर्तक’ पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं। लेकिन वास्तव में इस्लाम उतना ही पुराना जितना धर्ती पर स्वयं मानवजाति का इतिहास है, तथा पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम इसके प्रवर्तक व संस्थापक नहीं, बल्कि इसके आह्वाहक हैं। प्रथम मानव व ईश्दूत आदम अलैहिस्सलाम से लेकर अंतिम पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम तक सभी ईश्दूतों और संदेष्टाओं का धर्म इस्लाम ही रहा है। पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम इस श्रृंखला के अंतिम कड़ी हैं। अल्लाह ने आप के हाथों पर इस धर्म को परिपूर्ण और संपन्न कर दिया है। प्रस्तुत लेख में इसी तथ्य का खुलासा करते हुए, इस दुष्प्रचार का खण्डन किया गया है कि इस्लाम के प्रवर्तक मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं।