अबुज़्ज़ुबैर अहमद बिन तालिब बिन अब्दुल हमीद बिन मुजफ्फर खान, 1401 हिज्री में रियाद में पैदा हुए। उन्हों ने इमाम मुहम्मद बिन सऊद इस्लामी विश्वविद्यालय, रियाद में शिक्षा अर्जित किया और वहीं से बीए की डिग्री प्राप्त की। फिर माहदुल आली लिल-क़ज़ा - तुलनात्मक धर्म-शास्त्र विभाग - से मास्टर की डिग्री अर्जित की। रमजान 1434 हिज्री में मस्जिद नबवी में तरावीह और तहज्जुद की नमाज़ में इमामत का दायुत्व दिया गया तथा बुधवार, 9 अक्टूबर, 2013 को उन्हें निरंतर आधार पर पैगंबर की मस्जिद में इमामत के लिए नियुक्ति का फरमान जारी किया गया।
बंदर बिन अब्दुल अजीज बलीला, 1395 हि. में मक्का मुकर्रमा में पैदा हुए, और वहीं पर प्राथमिक, माध्यमिक, सेकंडरी और बैचलर की शिक्षा प्राप्त की। उम्मुल-क़ुरा विश्वविद्यालय से 1422 हि. में मास्टर की डिग्री अर्जित की। तथा मदीना इस्लामी विश्वविद्यालय से 1429 में शरीयत के संकाय से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की। तायफ विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम किया है, 12/9/1434 हि. को मस्जिद हराम का इमाम नियुक्त किये जाने का निर्णय जारी किया गया।
वह कुरआन करीम के एक यमनी क़ारी हैं, उन्होंने अल-हदीदा में जामा मस्जिद (ओसामा बिन ज़ैद) में पवित्र क़ुरआन का अध्ययन किया है, और अल-हदीदा ही में (अन्नूर) शैक्षिक संस्थान में शिक्षा प्राप्त किया, और वर्तमान में यमनी राजधानी सनआ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं।
1963 में मोरक्को के अस्सुवैरिया प्रांत के रजराजा कोण में जन्म हुआ, क़ुरआन के हाफिज़ हैं, इस्लामी अध्ययन, ऐनुश्शिक़, कैसाब्लांका में मस्जिदुस्सबील के इमाम और खतीब (उपदेशक) हैं। और मोहम्मद छठे कुरआन पुरस्कार जूरी के एक सदस्य हैं। तथा (अपने घर पर कुरआन कंठस्थ कीजिए) परियोजना के संस्थापक हैं। यह उन लोगों के लिए एक विशेष परियोजना है जो मस्जिद में क़ुरआन नहीं कंठस्थ कर सके हैं। तथा (तोहफतुल हदीदी फी क़वायदुत्तजवीद) के लेखक हैं।
1967 में, मोरक्को के शहर साफी में जन्म हुआ। कैसाब्लांका शहर के उनासी मुहल्ले में एक मस्जिद के इमाम और खतीब (उपदेशक) हैं। नौ साल से कम उम्र में ही कुरआन याद कर लिया। वह नाफे द्वारा वर्श की रिवायत के वरिष्ठ मोरक्कन क़ारियों में से हैं।
एक अल्जीरियाई क़ारी हैं, और उनका असफहानी के माध्यम से वर्श द्वारा नाफे की रिवायत से अल्जीरिया के धार्मिक मामलों के मंत्रालय की ओर से मंजूरशुशा एक मुसहफ है।
क़ारी अब्दुल अली बिन ताहिर आनून ,1947 ई. में मग़्रिब के नगर फास में पैदा हुए। उन्होंने शैख अहमद बिन उस्मान अबुल-अला से, असफहानी के माध्यम से वर्श द्वारा नाफे की रिवायत से इजाज़ा प्राप्त किया।
वह क़ारी यासीन फक़ीह अल्जीरियाई हैं, 1969 ईं. में राजधानी अल्जीरिया, अल-हराइश में जन्म हुआ। रसायन शास्त्र में स्नातक की डिग्री अर्जित की है, और शरीयत कालेज में धर्मशास्त्र में अपनी पढ़ाई जारी रखे हैं।
वह मिस्री क़ारीः अहमद अब्दुल फत्ताह मुहम्मद अल-हद्दाद हैं. 25-8-1984 में जन्म हुआ। 2007 ई. में क़ाहिरा-अज़हर विश्वविद्यालय से भाषाओं और अनुवाद में स्नातक प्राप्त किया। तथा अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से दस मुतवातिर क़िराअतों में इजाज़ा के साथ क़ुरआन विज्ञान में मास्टर की डिग्रा प्राप्त की।
वह शेरज़ाद बिन अब्दुर रहमान बिन ताहिर बिन हसन अल-कूफी अल-कुर्दी अश्शाफेई हैं, 1968 में उत्तरी इराक में मोसिल में नोमानिया महल्ला में पैदा हुए। शैख अब्दुल लतीफ बिन खलील सूफी, शैख हाफिज अली बिन हसन अल-वस्साबी और शैख हाफिज मुक़्री अब्दुर रज़्ज़ाक़ मोहम्मद इमारा सहित इराक में कई क़ारियों से पढ़ा। तथा इराक, यमन और संयुक्त अरब अमीरात में कई मस्जिदों में इमाम के रूप में काम किया।
1404 हि. / 1984 ई. में पैदा हुए एक मिस्री क़ारी हैं। उन्होंने अल-अजहर विश्वविद्यालय के क़िराआत इंस्टीट्यूट से तज्वीद और शरई विज्ञानों में इजाज़ा प्राप्त किया।