साइट अंडर्स्टेंड क़ुरआन (क़ुरआन समझें) www.understandquran.com - किताबें
आइटम्स की संख्या: 4
- हिन्दी लेखक : मौलाना अज़ीज़ ज़ुबैदी लेखक : हाफिज़ नज़र अहमद अनुवाद : हाफिज़ नज़र अहमद संशोधन : मौलाना अज़ीज़ ज़ुबैदी
आसान हिंदी तर्जुमाः यह क़ुरआन मजीद के अर्थ का आसान हिंदी अनुवाद है जिसे उसके उर्दू अनुवाद से हिंदी लिपि में परिवर्तित किया गया है। इसकी विशेषता यह है कि प्रत्येक शब्द का उसके नीचे अलग अलग अनुवाद दिया गया है, तथा साइड में पूरी आयत का आसान अनुवाद भी दिया गया है। अरबी भाषा न जानने वालों के लिए क़ुरआन के अर्थ को समझने में यह सहायक सिद्ध हो सकता है।
- हिन्दी लेखक : डाक्टर अब्दुल अज़ीज़ अब्दुर्रहीम संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
क़ुर्आन को समझने के लिए संछिप्त कोर्सः क़ुर्आन और नमाज़ को समझने की शुरूआत करने के लिए एक शार्ट कोर्स, क़ुर्आन में बाहुल्य रूप से आने वाले एक सौ मुख्य शब्दों का ज्ञान प्राप्त करके, उनका अर्थ ससझकर और उन्हें याद करने की मदमद से। यह शार्ट कोर्स टेक्सट बुक, वर्क बुक, आडियो और प्रति पाठ के पावर प्वाइंट प्रीज़ेंटेशन पर आरधारित है। इसका उद्देश्य यह है कि क़ुर्आन को समझना आसान लगने लगे, प्रोत्साहन मिले, आगे की तालीम मज़ीद आसान हो, क़ुर्आन की आयतों में मननचिंतन का रास्ता हमवार हो। यह कोर्स प्रारंभ करने वालों के लिए है, इसके बाद बेसिक कोर्स है जिसमें कुछ विस्तार है।
- हिन्दी लेखक : डाक्टर अब्दुल अज़ीज़ अब्दुर्रहीम संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
क़ुर्आन और नमाज़ को सझना शुरू कीजिएः क़ुर्आन और नमाज़ को समझने की शुरूआत करने के लिए एक शार्ट कोर्स, सूरतुल फातिहा, 6 सूरतें, नमाज़ के अज़कार और चंद दुआओं वग़ैरह की मदद से 100 मुख्य शब्दों को सझना और याद रखना जो क़ुर्आन में लगभग 40,000 बार आये हैं (कुल लगभग 77,800 में से), अर्थात् क़ुर्आन के 50 प्रतिशत शब्द!!! इसका उद्देश्य यह है कि क़ुर्आन को समझना आसान लगने लगे, प्रोत्साहन मिले, आगे की तालीम मज़ीद आसान हो, क़ुर्आन की आयतों में मननचिंतन का रास्ता हमवार हो।
- हिन्दी लेखक : मौलाना अब्दुल करीम पारीख अनुवाद : डाक्टर अब्दुल अज़ीज़ अब्दुर्रहीम अनुवाद : डाक्टर मुहम्मद नाहीद सिद्दीक़ी अनुवाद : मौलाना अब्दुल ग़फूर पारीख संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
आसान क़ुर्आनिक कोशः क़ुर्आन करीम मानवता के नाम अल्लाह का अंतिम संदेश है जिसमें परलोक तक के लिए आने वाली मानवजाति के लिए सांसिरक जीवह में कल्याण, सफलता और सौभाग्या तथा परलोक में मोक्ष का मार्गदर्शन है। इसलिए सर्व मनुष्य के लिए इसके संदेश को समझना अति आवश्यक है जिसे उसके सृष्टा व पालनकर्ता ने भेजा है। प्रस्तुत पुस्तक हिंदी भाषियों को उनके पालनहार के अंतिम संदेश और मार्गदर्शन से अवगत कराने का एक सराहनीय प्रयास है। यह पुस्तक या कोश तीह भागों में विभाजित है, प्रथम भाग मे प्रति दिन पढ़ी जाने वाली छोटी सूरतों, नमाज़ की दुआओं, सुबह शाम ... इत्यादि की दुआओं का अनुवाद प्रस्तुत किया गया है। जबकि दूसरे भाग में बेसिक अरबी व्याकरण का उल्लेख किया गया है। तीसरे और अंतिम भाग में पूरे क़ुर्आन के कठिन शब्दों का अर्थ वर्णन किया गया है।