वह मक्का मुकर्रमा में जामा मस्जिद नूर में इमाम व खतीब, दस क़िराअतों के शिक्षक क़ारी व मुक़्री (पढ़ानेवाला) मूसा बिलाल हैं। उन्होंने साल 1420 और 1433 हिज्री में, दुबई अंतर्राष्ट्रीय पवित्र कुरआन प्रतियोगिता में जूरी के एक सदस्य के रूप में भाग लिया
मौरिस बूकायली (बूकाय): एक फ्रांसीसी डॉक्टर हैं, कैथोलिक में पले बढ़े। और यहूदियों और मुसलमानों के शास्त्रों का अध्ययन करने और फिरऔन की कहानी की तुलना करने के बाद इस्लाम स्वीकार कर लिए और कुरआन, बाइबल और आधुनिक विज्ञान नामी पुस्तक लिखी, जिसका कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
मोहम्मद बशीर अस्सहसवानी भारतीय : भारत के एक विद्वान, तेरहवीं शताब्दी हिज्री के मध्य में पैदा हुए थे, और - भगवान उस पर दया करे - दिल्ली में 1326 हि. में मर गए, और वो तब चौहत्तर साल के थे।
मोहम्मद बिन अली बिन मोहम्मद बिन उमर बिन याला अल-बअली अल-हंबली, बद्रुद्दीन अबू अब्दुल्लाह, इब्ने सालार से प्रसिद्ध . इनका शाम के बालबक्क नगर में, 714 में जन्म हुआ था वह रबीउल-अव्वल 778 में फौत हुए।
मौलाना अब्दुल करीम पारीख : एक भारतीय धर्मोपदेशक, कुरआन के संदेश को प्रसारित करने और उसकी समझ को आसान करने तथा युवाओं और आधुनिक शिक्षा प्राप्त लोगों को कुरआन की शिक्षा देने में उनके प्रयास सराहनीय हैं। इस विषय में उनकी सबसे महत्वपूर्ण प्रयास उनकी पुस्तक उर्दू में ’लुगातुल क़ुरआन’ है, जिसका हिंदी समेत कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है।