नाम: अल-हुसैनी सैयद अली अब्दुल गनी अज़्ज़ाज़ी। राष्ट्रीयता: मिस्री। • जन्म की तिथि: 5/12/1956 ई. • योग्यता: 1- 1986 - 1987 ईस्वी में अल-अजहर से क़िराआत के लिए उच्च प्रमाण पत्र प्राप्त किया 2- दुर्रा और शातिबिय्या के तरीक़ से दस क़िराआतों का इजाज़ा प्रप्त किया। कार्यः 1. बच्चों के द्वारा दोहराने के साथ संपूर्ण शिक्षक मुसहफ रिकार्ड किया। 2- मद्दे-मुनफसिल मे तवस्सुत के साथ संपूर्ण कुरआन का मुरत्तल मुसहफ रिकार्ड किया। 3- कुरआन पढ़ने के तरीक़े के लिए मुसहफ रिकाॅर्ड किया।
क़ारी खलीफा अहमद मुस्बेह अत्-तनीजी, 13 साल की उम्र में पवित्र कुरआन याद किया, और शैख गुलाम हुसैन द्वारा इजाज़ा प्राप्त किया, मदीना मुनव्वरा में शेख इब्राहिम अल-अखज़र के हाथ पर अध्ययन किया और आसिम से हफ्स की रिवायत में इजाज़ा लिया । जीवनी प्रक्रिया: 2001 में संयुक्त अरब अमीरात विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री ली। वर्तमान में संयुक्त अरब अमीरात में शारजाह के अमीरात में लोक निर्माण विभाग के निदेशक के रूप में काम कर रहे हैं।
एक भारतीय धर्म उपदेशक व प्रचारक, पैगंबर के शहर मदीना में इस्लामी विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हैं। सऊदी अरब की राजधामी रियाद में इस्लामी केन्द्र में कार्यरत हैं।
मौलाना अब्दुल करीम पारीख : एक भारतीय धर्मोपदेशक, कुरआन के संदेश को प्रसारित करने और उसकी समझ को आसान करने तथा युवाओं और आधुनिक शिक्षा प्राप्त लोगों को कुरआन की शिक्षा देने में उनके प्रयास सराहनीय हैं। इस विषय में उनकी सबसे महत्वपूर्ण प्रयास उनकी पुस्तक उर्दू में ’लुगातुल क़ुरआन’ है, जिसका हिंदी समेत कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
हाफिज़ नज़र अहमद : एक पाकिस्तानी अनुवादक हैं, जिन्हों ने पवित्र क़ुरआन के अर्थों का हर शब्द का अलग – अलग अनुवाद और फिर पूरी आयत का आसान अनुवाद किया है।
अब्दुल्लाह ताहा मुहम्मद सर्बल, जॉर्डन में 10 मई 1979 ईस्वी को पैदा हुए, मस्जिद उम्मुल मोमिनीन में 1999 से वर्तमान समय तक इमाम और खतीब हैं। योग्यता: स्नातक शरीया - विशेषज्ञता धर्म के सिद्धांत। उन्होंने कहा कि वार के अंतरराष्ट्रीय इस्लामी विज्ञान विश्वविद्यालय से, कुरआन के विज्ञान और तफ्सीर में मास्टर किया।
वह क़ारी अब्दुर्रहमान बिन जमाल बिन अब्दुर्रहमान अल-औसी हैं। 05/05/1980 ईस्वी को पैदा हुए। एक शिक्षक और वह सऊदी अरब के शहर अल-खुबर में कॉर्निश जिले में अल-इख्लास मस्जिद के इमाम हैं।
मक्का मुकर्रमा में सबसे प्रमुख क़ारी हैं, वह एक सीरियाई राष्ट्रीयता वाले हैं। क़िराआत और उसके विज्ञान में माहिर हैं। उन्होंने क़ुरआन का ज्ञान और क़िराआत अपने पिता क़ारी सईद अल-अब्दुल्ला से सीखा है।
बहीरा जनपद के महमूदिया में जन्मे एक मिस्री पाठक हैं, माहदुल क़िराआत का अध्ययन पूरा कर वहीं दस क़िराअतों का अध्ययन किया। इसी तरह उलूमुल-क़ुरआन काॅलेज में भी प्रवेष लिया। न्यूयॉर्क के इस्लामिक सेंटर में इमाम और खतीब (उपदेशक) हैं।