स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश - फत्वे
आइटम्स की संख्या: 45
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
यह बात किसी पर रहस्य नहीं कि जिस व्यक्ति ने रमज़ान के दिन में अपनी पत्नी से संभोग कर लिया उस पर एक गुलाम आज़ाद करना, या लगातार दो महीने रोज़े रखना, या साठ मिस्कीनों को खाना खिलाना अनिवार्य है। प्रश्न यह है किः 1- अगर आदमी अपनी पत्नी से एक से अधिक बार और विभिन्न दिनों में संभोग कर ले, तो क्या वह प्रत्येक दिन के बदले दो महीना रोज़ा रखे गा, या केवल दो महीने का रोज़ा रख लेना उन सभी दिनों के लिए काफी है जिनमें उसने संभोग किया है? 2- यदि उसे इस बातकी जानकारी नहीं है कि जिसने अपनी पत्नी से संभोग किया है, उसपर उपर्युक्त हुक्म लगता है, बल्कि वह यह समझता था कि जितने दिन उसने अपनी पत्नी से संभोग किया है उसके बदले एक दिन क़ज़ा करना होगा। तो इसका क्या हुक्म है ? 3- क्या पत्नी पर भी उसी तरह अनिवार्य है जिस तरह पति पर अनिवार्य है ? 4- क्या खाने के स्थान पर पैसा भुगतान कर देना जाइज़ है ? 5- क्या अपनी तरफ से और पत्नी की तरफ से एक ही मिस्कीन को खाना खिलाना जाइज़ है ? 6- यदि खाना खिलाने के लिए किसी को न पाए तो किसी खैराती संस्था, उदाहरण के तौर पर रियाज़ में स्थित जम्ईयतुल बिर्र या किसी अन्य संस्था को देना जाइज़ है?
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कुछ विद्वानों का कहना है कि पंद्रह शाबान और उस के रोज़े की फज़ीलत और पंद्रहवीं शाबान की रात को इबादत में गुज़ारने के बारे में हदीसें वर्णित हैं। क्या ये हदीसें शुद्ध और प्रमाणित हैं, या सहीह नहीं हैं ? यदि कोई हदीस सही है तो हमें स्पष्ट जानकारी दें, और यदि मामला इसके विपरीत है तो मैं आप से स्पष्टीकरण चाहता हूँ। अल्लाह तआला आप को पुण्य प्रदान करे।
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हमारे यहाँ पंद्रह शाबान की रात को लोग मस्जिदों में एकत्र होते हैं और तीन बार सूरत यासीन पढ़ते हैं और मौलिद पढ़ते हैं।
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मेरे पिता ने अपने जीवन में मुझे यह वसीयत की थी कि मैं अपनी यथा शक्ति प्रति वर्ष पंद्रह शाबान की रात को खैरात किया करूँ। और वास्तव में, अभी तक मैं ऐसा करता रहा हूँ। किन्तु कुछ लोगों ने इस पर मेरी निंदा करते हुए कहा कि ऐसा करना आप के लिए वैध नहीं है। प्रश्न यह है कि क्या मेरे पिता की वसीयत के अनुसार पंद्रहवीं शाबान की रात को यह खैरात करना जाइज़ है, या जाइज़ नहीं है ? हमें शरीअत के हुक्म की जानकारी प्रदान करें, सर्वशक्तिमान अल्लाह आप को अच्छा बदला दे।
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ईदैन की नमाज़ की क़ज़ाः इस फत्वे में ईद की नमाज़ का हुक्म उल्लेख करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी आदमी से ईद की नमाज़ छूट जाए, तो उसे क्या करना चाहिए।