इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब - लेख
आइटम्स की संख्या: 65
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- इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
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प्रस्तुत लेख में इस्लामी कैलेंडर के प्रथम महीने मुहर्रम का चर्चा करते हुए इस महीने की दसवीं तारीख को रोज़ा रखने की फज़ीलत का उल्लेख किया गया है। इसी तरह इस रोज़े की एतिहासिक पृष्ठभूमि की ओर भी संकेत किया गया है कि किस तरह अल्लाह ने इसी दिन अपने एक महान पैगंबर मूसा अलैहिस्सलाम और उनकी क़ौम को फिरऔन जैसे कुख्यात अहंकारी से मुक्ति प्रदान किया, जिसका आभारी होकर मूसा अलैहिस्सलाम ने इस दिन रोज़ा रखा और अपनी कौम को भी रोज़ा रखने के लिए कहा। नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने भी इस दिन का रोज़ा रखा, सहाबा को इसका रोज़ा रखने का हुक्म दिया। दुर्भाग्य से इसी महीने में हुसैन रज़ियल्लाहु अन्हु की शहादत की दुखद धटना पेश आई। जिसका इस लेख में खुलासा किया गया है।
- हिन्दी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
हमारे महान संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के व्यक्तित्व पर आक्रमण के बाद, पूरी दुनिया में मुसलमानों की भावनाएं उत्तेजित हो गईं और इस अत्याचारी व अन्यायिक आक्रामक व्यवहार के प्रति अपने आक्रोष, क्रोध और अस्वीकृति व्यक्त करने लगीं। यह एक क्रान्ति है जो मूलतः मुसलमानों के अपने सम्मानित पैगंबर से मोहब्बत रखने के परिणाम स्वरूप पैदा हुई है। यह एक सराहनीय चीज़ है, परंतु इस मोहब्बत की जाँच परख करने और इसकी वास्तविकता पर चिंतन करने से यह स्पष्ट होता है कि यह अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुँचती है। इस पुस्तिका में इसी चीज़ का खुलासा करने का प्रयास किया गया है।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
मनुष्य की रचना का मूल उद्देश्य अल्लाह सर्वशक्तिमान की उपासना व आराधना है। इस इबादत की कुछ शर्तें और नियम है जिनके बिना उपासना शुद्ध व मान्य नहीं होती। इस लेख में इस्लाम की दृष्टि में सही उपासना (इबादत) की शर्तों का उल्लेख किया गया है। चुनाँचे इबादत के शुद्ध व मान्य होने के लिए उसका उसके सबब (कारण), जाति (वर्ग, प्रकार), मात्रा, कैफियत (ढंग एवं तरीक़ा), समय और स्थान के अंदर शरीअत के अनुकूल होना अनिवार्य है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख में शहादतैनः ला-इलाहा इल्लल्लाह और मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह की शहादत का वास्तविक अर्थ तथा उन शर्तों का उल्लेख किया गया है जिनका शहादतैन के पढ़ने वाले के अन्दर पाया जाना अनिवार्य है, ताकि यह शहादत उसके लिए आखिरत में लाभदायक सिद्ध हो।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : इब्राहीम अल-यह्या अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस्लाम यह हैः संछिप्त शब्दों एंव स्पष्ट शैली में इस्लाम धर्म, उसके सिद्धान्तों, स्तम्भों, विशेषताओं और उद्देशों का सम्पूर्ण परिचय। इस्लाम को समझने अथवा उस में प्रवेश करने के अभिलाषियों के लिए यह लेख एक कुंजी है।
- हिन्दी लेखक : अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अज़ीज़ अल-ईदान लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : सिद्दीक़ अहमद लेखक : जलालुद्दीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : सिद्दीक़ अहमद संशोधन : जलालुद्दीन प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
सम्पूर्ण इस्लाम जिस के साथ अल्लाह ने अपने संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को भेजा वह पाँच स्तम्भों पर आधारित है। कोई मनुष्य उस समय तक पक्का और सच्चा मुसलमान नहीं हो सकता जब तक कि वह उन पर ईमान न ले आए और उन पर कार्य बद्ध न हो। यह लेख में उन्हीं स्तम्भों पर आधारित है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : सलाह बिन मुहम्मद अल-बुदैर अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
प्रस्तुत लेख मदीना नबविया की ज़ियारत करनेवालों के लिए कुछ निर्देशों पर आधारित है जिसमें उन चीज़ों का उल्लेख किया गया है जिनका करना वैध और धर्मसंगत है, जैसे - मस्जिदे नबवी की ज़ियारत करना और उसमें नमाज़ पढ़ना, नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की क़ब्र और आपके दोनों साथियों की क़ब्रों की ज़ियारत और उन पर सलाम, तथा मस्जिदे क़ुबा की ज़ियारत और उसमें नमाज़ पढ़ना, बक़ीउल गर्क़द और उहुद के शहीदों की उनपर सलाम पढ़ने और उनके लिए दुआ करने के लिए ज़ियारत करना। इसी तरह उन चीज़ों का भी उल्लेख किया गया है जिनका करना अवैघ और नाजायज़ है, जैसे - मस्जिदे नबवी के किसी भाग या नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के कमरे की दीवारों या जालियों आदि को छूकर या चूकमकर बर्कत हासिल करना वग़ैरह।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
प्रस्तुत लेख में मस्जिदे नबवी की ज़ियारत के शिष्टाचार और आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम तथा आपके दोनों साथियों अबू बक्र व उमर रज़ियल्लाहु अन्हुमा पर सलाम पढ़ने के तरीक़े का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मह बिन इब्राहीम अत-तुवैजरी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस्लाम ज्ञान और जानकारी का धर्म है, चुनाँचि क़ुर्आन करीम की जो सर्व प्रथम आयत उतरी वह पढ़ने का आदेश देती है जो कि हर प्रकार के विज्ञान की कुंजी है। प्रस्तुत लेख में इस्लाम धर्म में ज्ञान का महत्व और उसकी विशेषता, ज्ञान को सीखने और सिखाने की फज़ीलत, तथा ज्ञानियों के महान पद और स्थान का वर्णन किया गया है।
- हिन्दी लेखक : सालेह बिन फौज़ान अल-फौज़ान लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख में पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्म दिवस के अवसर पर यादगार समारोह आयोजित करने का शरई हुक्म उल्लेख करते हुये इन तत्वों को स्पष्ट किया गया है कि इस का आरम्भ कैसे हुआ, सर्व प्रथम किन लोगों ने इस का प्रदशZन किया, इस समारोह के आयोजन के साथ क्या अन्य बुराईयां घटित होती हैं, तथा इस समारोह के अवैध होने के क्या कारण हैं। इसी प्रकार इस समारोह को मनाने और इसे वैध समझने वाले जिन प्रमाणों का सहारा लेते हैं उन का विश्लेशण करते हुये उन का उत्तर दिया गया है और या निष्कर्ष प्रस्तुत किया गया कि वे मात्र सन्देह और आशंकाये हैं जो मकड़ी के जाले से भी अधिक कमज़ोर हैं।
- हिन्दी लेखक : अब्दुल अज़ीज़ बिन सालिम अल-उमर लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
दीन में बिद्अत और ईद मीलादुन्नबी का उत्सवः बिद्अत कुफ्र की डाक और उसका सूचक है, और जो आदमी इसके जाल में फंस जाता है उसकी बुद्धि उलटी हो जाती है और वह अपनी बिद्अत को पुण्य का कार्य समझ कर अन्जाम देता है, बल्कि दूसरों को भी उसकी ओर न्योता देता है, जबकि वह पुण्य और अल्लाह की निकटता से कोसों दूर होता है और होता ही चला जाता है। इस लेख में बिद्अत की परिभाषा, तथा पैंग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल, आपके सहाबा और पूर्वजों के कथनों की रौशनी में उसकी वास्तविकता को स्पष्ट किया गया है। साथ ही साथ वर्तमान समय के एक घृणित बिद्अत ईद मीलादुन्नबी की व्यर्थता को स्पष्ट करते हुए इस बिद्अत के समर्थकों के सन्देहों का खण्डन भी किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : सुलैमान नदवी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख में अल्लाह के अन्तिम पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जीवन चरित्र और आप के अतिरिक्त अन्य भूतपूर्व ईश्दूतों की जीवनियों, तथा वर्तमान युग में प्रचलित अन्य धर्मों और मतों के प्रस्थापकों की जीवनियों और उनके सिद्धान्तों की तुलना करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि पूरे मानव इतिहास में आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के सिवाए कोई ऐसी व्यक्तित्व नहीं है जिस की जीवनी सर्व संसार के लिए रहती दुनिया तक आदर्श जीवन का नमूना और अनुकरण के योग्य हो।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
ईद मीलादुन्नबी का ऐतिहासिक एंव धार्मिक दृश्य : हर वर्ष रबीउल-अव्वल के महीने में 12 तारीख को बडी़ धूम-धाम और हर्ष व उल्लास से ईद मीलादुन्नबी का उत्सव मनाया जाता है, जबकि वास्तव में यह ऐतिहासिक दृष्टि से निराधार एंव धार्मिक दृष्टि से अवैध है। इस लेख में ईद मीलादुन्नबी की ऐतिहासिक एंव धार्मिक वास्तविकता को स्पष्ट किया गया है।
- हिन्दी
- हिन्दी लेखक : नाजी इब्राहीम अल-अरफज
इस्लाम धर्म जीवन के तमाम गोशों को शामिल है। वुजू और पवित्रता की अहमियत महामारी के दौरान। बीमारीयों और महामारीयों से संबंधित चंद दुआयें और हदीसें
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- हिन्दी लेखक : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
पंद्रहवीं शाबान की रात का जश्न मनाने का हुक्म : इस लेख में पंद्रहवीं शाबान की रात का जश्न मनाने का इतिहास, इस कार्य का हुक्म,तथा इस नई गढ़ ली गई बिदअत के बारे में विद्वानों के कथनों का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
हाल के वर्षों में बहुत से मुस्लिम समुदायों में नए ईसवी साल के प्रवेश का जश्न मनाने की प्रथा प्रचलित हो गई है। प्रस्तुत लेख में हर प्रकार के जन्मदिन समारोहों के आयोजन और नए वर्ष के प्रवेश का उत्सव मनाने के निषिद्ध होने का उल्लेख किया गया है।