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    इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब - फत्वे

    आइटम्स की संख्या: 102

    1. मुख्य पृष्ठ
    2. अग्र-भाग की भाषा : हिन्दी
    3. व्यक्तित्व
    4. इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
    5. फत्वे
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      • हिन्दी
    • हिन्दी

      ईद के अहकाम और उसकी सुन्नतें

      8 / 10 / 1432 , 7/9/2011

      मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      मैं ईद की कुछ सुन्नतें और उसके अहकाम जानना चाहता हूँ।

    • हिन्दी

      काफिरों के त्योहारों को मनाने का हुक्म

      18 / 1 / 1432 , 25/12/2010

      मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      क्या ग़ैरमुस्लिमों के त्योहारों में भाग लेना जाइज़ है, उदाहरण के तौर पर जन्मदिवस के त्योहार में؟

    • हिन्दी

      आलस्य करते हुए रोज़ा न रखने वाले का हुक्म

      19 / 9 / 1431 , 29/8/2010

      मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      क्या रोज़ा छोड़ देने वाला काफिर (नास्तिक) हो जाये गा ? जबकि वह नमाज़ पढ़ता है और बिना किसी बीमारी या कारण (शरई उज़्र) के रोज़ा तोड़ देता है।

    • हिन्दी

      वेलेंटाइन दिवस के बारे में शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह का फत्वा

      1 / 3 / 1431 , 15/2/2010

      मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      वेलेंटाइन दिवस (प्यार का त्योहार) मनाने के विषय में शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह का स्वयं उनके हाथ का लिखा हुआ फत्वा जिस में उन्हों ने मुसलमानों को गैर मुस्लिमों की छवि अपनाने से सावधान किया है।

    • हिन्दी

      एतिकाफ़ से संबंधित फत्वे

      21 / 9 / 1428 , 3/10/2007

      मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह मुफ्ती : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      एतिकाफ़ के अहकाम से संबंधित यह कुछ फतावे हैं जिन में एतिकाफ़ का हुक्म, पैग़ंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से प्रमाणित एतिकाफ़ का तरीक़ा, एतिकाफ़ की सुन्नतों तथा एतिकाफ़ से संबंधित अन्य मसाइल का उल्लेख किया गया है।

    • हिन्दी

      क्या ईद की नमाज़ में उपस्थित होनेवाले पर जुमा की नमाज़ अनिवार्य है?

      29 / 9 / 1436 , 16/7/2015

      मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      इस बारे में बहुत प्रश्न किया जाने लगा है कि यदि ईद का दिन जुमा के दिन पड़ जाए। चुनाँचे दो ईदें एक साथ हो जाएं: ईदुल फित्र या ईदुल अज़हा, जुमा की ईद के साथ एकत्रित हो जाए जो कि सप्ताह की ईद है, तो क्या ईद की नमाज़ में उपस्थित होने वाले पर जुमा की नमाज़ अनिवार्य है या कि ईद की नमाज़ उसके लिए पर्याप्त होगी और वह जुमा के बदले ज़ुहर की नमाज़ प़ढ़ेगा? और क्या मस्जिदों में ज़ुहर की नमाज़ के लिए अज़ान दी जायेगी या नहीं? इसके अलावा प्रश्न में वर्णित अन्य बातें। इस पर वैज्ञानिक अनुसंधान और इफ्ता की स्थायी समिति ने यह फत्वा जारी किया हैः

    • हिन्दी

      उस आदमी की ओर से हज्ज का हुक्म जिसने लापरवाही से हज्ज नहीं किया

      27 / 10 / 1435 , 24/8/2014

      मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      आदरणीय शैख मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन रहिमहुल्लाह से प्रश्न किया गया कि एक आदमी की मृत्यु हो गयी और उसने हज्ज नहीं किया, जबकि वह चालीस साल का था और हज्ज करने पर सक्षम था। हालांकि वह पाँच समय की नमाज़ों की पाबंदी करनेवाला थ। वह हर साल कहता था कि : इस साल मैं हज्ज करूँगा। उसकी मृत्यु हो गयी और उसके वारिस हैं, तो क्या उसकी तरफ से हज्ज किया जायेगा? और क्या उसके ऊपर कोई चीज़ अनिवार्य है?

    • हिन्दी

      क्या पति के लिए अपनी पत्नी को हज्ज कराना ज़रुरी है?

      27 / 10 / 1435 , 24/8/2014

      मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      आदरणीय शैख मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन रहिमहुल्लाह से प्रश्न किया गया किः मेरी एक पत्नी है जिसने हज्ज नहीं किया है, तो क्या मेरे ऊपर अनिवार्य है कि मैं उसे हज्ज कराऊँ? और क्या हज्ज में उसका खर्च मेरे ऊपर अनिवार्य है? और अगर वह मेरे ऊपर अनिवार्य नहीं है तो क्या उससे समाप्त हो जायेगा?

    • हिन्दी

      क्या रमज़ान की सत्ताईसवीं रात लैलतुल-क़द्र है?

      27 / 9 / 1435 , 25/7/2014

      मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      कुछ लोग रमज़ान की सत्ताईसवीं रात को लैलतुल-क़द्र से चर्चित करते हैं . . . तो क्या इस निर्धारण (चयन) का कोई आधार है? और क्या इसका कोई प्रमाण है?

    • हिन्दी

      सफर के महीने के अंतिम बुद्धवार की नफ़्ल नमाज़ का हुक्म

      17 / 2 / 1435 , 21/12/2013

      मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      हमारे देश में कुछ विद्वानों का भ्रम यह है कि इस्लाम धर्म में एक नफल नमाज़ है जो सफर महीने के अंत में बुध के दिन चाश्त के समय एक सलाम के साथ चार रकअत पढ़ी जाती है जिसमें हर रकअत के अंदर सूरतुल फातिहा, सत्तरह बार सूरतुल कौसर, पचास बार सूरतुल इख्लास, एक-एक बार मुअव्वज़तैन (यानी सूरतुल फलक़ और सूरतुन्नास) एक-एक बार पढ़े, इसी तरह हर रकअत में किया जाए और सलाम फेर दिया जाए। सलाम फेरने के बाद तीन सौ साठ बार यह आयत पढ़ें: ﴿وَاللَّهُ غَالِبٌ عَلَى أَمْرِهِ وَلَكِنَّ أَكْثَرَ النَّاسِ لاَ يَعْلَمُونَ﴾ तथा तीन बार जौहरतुल कमाल (तीजानी पद्वति का एक वज़ीफा) पढ़े, तथा अंत में ﴿سبحان ربك رب العزة عما يصفون وسلام على المرسلين والحمد لله رب العالمين﴾ और गरीबों को कुछ रोटी दान करे। इस आयत की विशेषता उस आपदा को दूर करना है जो सफ़र के महीने के अंतिम बुध को उतरती है। तथा उनका कहना है कि: हर वर्ष तीन लाख बीस हज़ार आपदाएं अवतरित होती हैं और ये सब की सब सफर के महीने की अंतिम बुध को उतरती हैं। इस तरह वह वर्ष का सबसे कठिन दिन होता है। अतः जो व्यक्ति इस नमाज़ को उक्त तरीक़े पर पढ़ेगा तो अल्लाह तआला उसे अपनी अनुकम्पा से उन सभी आपदाओं से सुरक्षित रखेगा जो उस दिन में उतरती हैं। तो क्या इसका यही समाधान है या नहीं ?

    • हिन्दी

      सफ़र के महीने में शादी या खतना आदि न करना एक प्रकार का अपशकुन है

      17 / 2 / 1435 , 21/12/2013

      मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      हमने सुना है कि ऐसी मान्यताएं पाई जाती हैं जिसका आशय यह है कि सफर के महीने में शादी, खतना और इसके समान अन्य चीज़ें करना जायज़ नहीं है। कृपया हमें इस बारे में इस्लामी क़ानून के अनुसार अवगत कराएं। अल्लाह आप की रक्षा करे।

    • हिन्दी

      सफ़र के महीने से अपशकुन लेना जाहिलियत के कामों में से है

      17 / 2 / 1435 , 21/12/2013

      मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      अक्सर दोहराया जाता रहता है कि सफर का महीना नहूसत (अपशगुन, दुर्भाग्य) का महीना है, जिससे कुछ अवाम बहुत से मामलों में अपशकुन लेते हैं। चुनाँचे उदाहरण के तौर पर इस महीने में निकाह नहीं किया जाता है, इसी तरह कुछ लोगों का मानना है कि निकाह की सभा में लकड़ी तोड़ना या रस्सियों में गाँठ लगाना और उंगलियों में उंगलियाँ डालना जायज़ नहीं है ; क्योंकि इसकी वजह से यह विवाह विफल हो जायेगा और पति-पत्नी के बीच सामंजस्य नहीं बन पायेगा। चूँकि यह अक़ीदा को प्रभावित करता है, इसलिए कृपया नसीहत (सदुपदेश) करें और इस बारे में शरई प्रावधान स्पष्ट करें। अल्लाह तआला सभी लोगों को उस चीज़ की तौफीक़ प्रदान करने जिसे वह पसंद करता है और उससे प्रसन्न होता है।

    • हिन्दी

      नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ओर से क़ुर्बानी का हुक्म

      14 / 12 / 1434 , 19/10/2013

      अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      क्या मुसलमान का नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ओर से क़ुर्बानी करना सही है ? इस मुद्दे में विद्वानों का विचार क्या है ? इस हदीस की प्रामाणिकता क्या है और उसकी व्याख्या क्या है ? हनश से वर्णित है वह अली रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत करते हैं कि : ‘‘वह दो मेंढों की क़ुर्बानी करते थे, एक नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ओर से और दूसरी अपनी तरफ से। उनसे इसके (कारण के) बारे में पूछा गया, तो उन्हों ने फरमाया : मुझे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इसका आदेश दिया है। इसलिए मैं इसे कभी नहीं छोड़ूँगा।’’ इसे तिर्मिज़ी और अबू दाऊद ने रिवायत किया है।

    • हिन्दी

      ईद की नमाज़ का हुक्म और उसका तरीक़ा

      2 / 10 / 1434 , 9/8/2013

      मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      यह आदरणीय शैख मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन रहिमहुल्लाह से पूछे गये एक प्रश्न का उत्तर है जिसका अंश यह है किः ईद की नमाज़ का हुक्म और उसका तरीक़ा क्या है ? और उसकी शर्तें और उसका समय क्या है ?

    • हिन्दी

      नक़द धन की ज़कात की गणना का तरीक़ा

      3 / 5 / 1434 , 15/3/2013

      मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      कुछ विद्वानों का कहना है कि जिन नक़दी धनों में ज़कात अनिवार्य है उन का निसाब (यानी ज़कात के अनिवार्य होने की न्यूनतम मात्रा) यह है कि वह 56 (छप्पन) सऊदी रियाल के बराबर हो जाए। किंतु कुछ दूसरे लोगों का कहना है कि यह निसाब एक ऐसे समय में निर्धारित किया गया था जब लोगों के हाथों में मुद्रा कम थी, लेकिन आज सोने और चाँदी की क़ीमत बदल गर्इ है, जबकि ज्ञात रहे कि अतीत में 56 रियाल आजकल के दो हज़ार सऊदी रियाल (2000) के बराबर है, तो इस मुद्दे में निर्णायक हुक्म क्या है ?

    • हिन्दी

      ज़कात निकालने का समय

      3 / 5 / 1434 , 15/3/2013

      मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      मुझे रजब के महीने में एक राशि प्राप्त हुर्इ, और मैं रमज़ान के महीने में उसकी ज़कात निकालना चाहता हूँ, तो क्या यह वैध है ? और इसका कारण यह है कि रमज़ान के महीने में ज़रूरतमंदों का पता चलता है।

    • हिन्दी

      नास्तिक को ज़कात देना

      3 / 5 / 1434 , 15/3/2013

      मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      क्या ज़कात के माल से या क़ुर्बानी के दिन क़ुर्बानी के गोश्त से अनेकेश्वरवादी नास्तिक पड़ोसी को, जिसके और आपके बीच कोर्इ रिश्तेदारी नहीं है, देना जायज़ है ?

    • हिन्दी

      धन की ज़कात उसी के जिन्स से निकाली जायेगी

      16 / 4 / 1434 , 27/2/2013

      मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      क्या ज़कात को रूपये (नक़द), या गेहूँ, या चावल, या किसी भी अनाज की शक्ल में दिया जा सकता है ? क्या उसे नक़द मुद्रा के रूप में देना जायज़ है ? क्या उस धन में ज़कात अनिवार्य है जिसके द्वारा वह व्यापार करने की इच्छा रखता है, और अगर उस धन की ज़कात निकाली जायेगी तो वह उसकी कितनी ज़कात निकालेगा ? अल्लाह तआला आपकी उस चीज़ के लिए रक्षा करे जिसमें इस्लाम और मुसलमानों का कल्याण है।

    • हिन्दी

      खड़े होकर पेशाब करने का हुक्म

      16 / 10 / 1433 , 3/9/2012

      मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      क्या इंसान का खड़े होकर पेशाब करना निषेध है या वैधॽ

    • हिन्दी

      अंग्रेज़ी शौचालयों के उपयोग करने का हुक्म

      16 / 10 / 1433 , 3/9/2012

      मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब

      हम अंग्रेजी शौचालयों का प्रयोग करते हैं तो क्या यह जायज़ हैॽ

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