102 - सूरा अत्-तकासुर ()

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(1) (ऐ लोगो) तुम्हें धन और संतान पर आपस में गर्व ने अल्लाह की आज्ञाकारिता से असावधान कर दिया।

(2) यहाँ तक कि तुम मर एग और अपनी कब्रों में जा पहुँचे।

(3) तुम्हें धन और संतान पर में गर्व में पड़कर अल्लाह की आज्ञाकारिता से ग़ाफ़िल नहीं होना चाहिए था। तुम्हें शीघ्र ही उस ग़फ़लत का परिणाम पता चल जाएगा।

(4) फिर तुम जल्द ही उसके परिणाम से अवगत हो जाओगे।

(5) वास्तव में, यदि तुम निश्चितता के साथ जानते लेते कि तुम अल्लाह के पास उठाए जाने वाले हो और यह है कि वह तुम्हें तुम्हारे कर्मों का बदला देगा; तो तुम धन और संतान पर आपस में गर्व करने में व्यस्त न होते।

(6) अल्लाह की क़सम, तुम क़ियामत के दिन अवश्य जहन्नम को देखोगे।

(7) फिर तुम अवश्य उसे निश्चित रूप से देखोगे, जिसमें कोई संदेह नहीं है।

(8) फिर उस दिन अल्लाह तुमसे उन नेमतों के बारे में अवश्य पूछेगा, जो उसने तुम्हें स्वास्थ्य और धन आदि के रूप में प्रदान की हैं।