(1) (ऐ रसूल!) आप कह दें : वह अल्लाह पूज्यता में अकेला है, उसके अलावा कोई पूज्य नहीं है।
(2) अल्लाह वह सरदार है, जिसपर पूर्णता और सुंदरता के गुणों में सरदारी का अंत है, जिसके सामने सभी प्राणी अपनी ज़रूरतें रखती हैं।
(3) जिसने न किसी को जन्म दिया और न उसे किसी ने जन्म दिया। अतः अल्लाह की न कोई संतान है और न पिता।
(4) और उसकी मख़लूक़ में कोई भी उसके समान नहीं है।