(1) क्या आपने उसे पहचाना, जो क़ियामत के दिन बदला दिए जाने को झुठलाता है?!
(2) यही वह व्यक्ति है, जो अनाथ को उसकी जरूरतों से वंचित कर उसे सख़्ती के साथ भगा देता है।
(3) वह ग़रीबों को खाना खिलाने के लिए न खुद से आग्रह करता है और न ही दूसरों से आग्रह करता है।
(4) 5-6 - तो उन नमाज़ियों के लिए विनाश और यातना है, जो अपनी नमाज़ से लापरवाह हैं, वे उसकी परवाह नहीं करते हैं यहाँ तक कि उसका समय समाप्त हो जाता है।
(5) 5-6 - तो उन नमाज़ियों के लिए विनाश और यातना है, जो अपनी नमाज़ से लापरवाह हैं, वे उसकी परवाह नहीं करते हैं यहाँ तक कि उसका समय समाप्त हो जाता है।
(6) जो लोग दिखावे के लिए नमाज़ पढ़ते और कार्य करते हैं। वे विशुद्ध रूप से अल्लाह के लिए कार्य नहीं करते हैं।
(7) और वे ऐसी चीज़ के द्वारा भी दूसरों की मदद करने से कतराते हैं, जिससे मदद करने में कोई नुक़सान नहीं है।