(1) जब क़ियामत के दिन धरती को ज़ोर-ज़ोर से हिलाया जाएगा।
(2) और जब धरती अपने अंदर मौजूद मुर्दों एवं अन्य वस्तुओं को निकाल बाहर करेगी।
(3) और इनसान हैरान होकर कहेगा : क्या बात है कि धरती हिल रही है और काँप रही है?!
(4) उस महान दिन पर धरती, उसपर जो अच्छाई और बुराई की गई है, उसे बयान कर देगी।
(5) क्योंकि अल्लाह ने उसे ऐसा करने का आदेश दिया होगा।
(6) उस महान दिन में, जब धरती ज़ोर-ज़ोर से हिलाई जाएगी, लोग हिसाब के स्थान से समूहों में निकलेंगे, ताकि वे दुनिया में अपने किए हुए कामों को देखें।
(7) तो जिसने एक छोटी चींटी के वज़न के बराबर भी नेकी और भलाई का काम किया होगा, उसे अपने सामने देखेगा।
(8) तथा जिसने एक छोटी चींटी के वज़न के बराबर भी बुरा काम किया होगा, उसे अपने सामने देखेगा।