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- क़ुरआन करीम
किताबों (पवित्र ग्रंथों) पर ईमान
आइटम्स की संख्या: 9
- मुख्य पृष्ठ
- अग्र-भाग की भाषा : हिन्दी
- विषयवस्तु की भाषा : सभी भाषाएँ
- किताबों (पवित्र ग्रंथों) पर ईमान
- हिन्दी भाषणकर्ता : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
किताबों पर ईमानः इस वीडियो में इस्लाम के स्तंभों में से एक स्तंभ ’किताबों पर ईमान’ का उल्लेख किया गया है। और वह इस बात की दृढ़ता पूर्वक पुष्टि करना है कि अल्लाह तआला ने मनुष्यों पर अनुकम्पा करते हुए उनके मार्गदर्शन के लिए अपने रसूलों पर पुस्तकें अवतरित की हैं ताकि इनके द्वारा वह लोक और परलोक में कल्याण और सौभाग्य प्राप्त करें। पुस्तकों पर ईमान लाने में चार चीज़ें सम्मिलित हैं 1- इस बात पर ईमान लाना कि वह पुस्तकें वास्तव में अल्लाह की ओर से अवतरित हुई हैं। 2- उन में से जिन पुस्तकों के नाम हमें मालूम हैं उन पर उनके नाम के साथ ईमान लाना, उदाहरण स्वरूप क़ुर्आन करीम जो हमारे नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर अवतरित हुआ, तौरात जो मूसा पर अवतरित हुई, इन्जील जो ईसा पर अवतरित हुई और ज़बूर जो दाऊद पर अवतरित हुई, और जिन पुस्तकों के नाम हमें ज्ञात नहीं उन पर सार रूप से ईमान लाना। 3- उन पुस्तकों की सहीह सूचनाओं की पुष्ठि करना, जैसेकि क़ुर्आन की (सारी) सूचनायें तथा पिछली पुस्तकों की परिवर्तन और हेर फेर से सुरक्षित सूचनायें। 4- उन पुस्तकों में से जो आदेश निरस्त (मंसूख) नहीं किए गये हैं उन पर अमल करना और उन्हें प्रसन्नता पूर्वक स्वीकार कर लेना, चाहे उनकी हिक्मत हमारी समझ में आये या न आये, पिछली समस्त आसमानी पुस्तकें क़ुर्आन करीम के द्वारा निरस्त हो चुकी हैं। इसी तरह पुस्तकों पर ईमान लाने के कुछ फायदों का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस वीडियो में यह उल्लेख किया गया है कि क़ुरआन करीम अल्लाह सर्वशक्तिमान का वचन है, जिसे अल्लाह ने अपने अंतिम सन्देष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर सर्वमानवजाति के मार्गदर्शन के लिए अवतरित किया है। अल्लाह ने संपूर्ण क़ुरआन लौहे-महफूज़ से एक ही बार में दुनियावी आकाश पर अवतरित किया, फिर थोड़ा-थोड़ा कर तेईस साल के दौरान आवश्यकता के अनुसार पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर अवतरित किया। यह पवित्र ग्रंथ किसी प्रकार के हेर-फेर और परिवर्तन से सुरक्षित है क्योंकि अल्लाह ने इसकी रक्षा की ज़िम्मेवारी स्वयं ली है। यह अल्लाह का अनन्त चमत्कार है जिसके द्वारा अल्लाह ने मानव जाति और जिन्न को इसके समान कोई भी चीज़ प्रस्तुत करने की चुनौती दी है। इस ग्रंथ में स्वयं मानव जाति और उसकी वास्तविकता, इस संसार में उसके कर्तव्यों और उद्देश्य, तथा इस जीवन के बाद महाप्रलय के समाचार और उसकी घटनाओं इत्यादि का वर्णन है।
- हिन्दी
- हिन्दी भाषणकर्ता : शैख़ हैस़म बबन महु म्मद जमील िरह़ान
अल्लाह तआ़ला की पुस्तकों पर ईमान लाना
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस लेख में कुरआन का संक्षिप्त परिचय देते हुए उसके अवतरण के आरंभ, उसकी कैफियत, समय, अवतरण की अवधि, उसके संकलन और उसके संरक्षण के लिए अपनाए गए प्रयोजनों और प्रावधानों तथा दुनिया भर में उसके प्रसारण व प्रकाशन और अन्य भाषाओं में उसके अर्थ का अनुवाद किए जाने का उल्लेख किया गया है। इसी तरह क़ुरआन में चर्चित मुख्य विषयों का भी उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
क़ुरआन की शिक्षाएं : मानव जीवन के विभिन्न और अनेक पहलू है, और क़ुरआन करीम समुचित मानवता का उसके जीवन के सभी विभिन्न मामलों में मार्गदर्शन करता है। चुनाँचे उसने मानव जीवन और मानव समाज को अनुशासित करने के लिए शिक्षाएं और निर्देश प्रस्तुत किए हैं। इस लेख में, कुरआन की महत्वपूर्ण शिक्षाओं का एक सार प्रस्तुत किया गया है।
- हिन्दी लेखक : नसीम ग़ाज़ी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
क़ुरआन पर अनुचित आक्षेपः यह पुस्तक उन आक्षेपों पर आधारित है जिन्हें कुछ हिन्दू संस्थाओं और लोगों की ओर से क़ुरआन की कुछ आयतों के बारे में उन्हें उनकी पृष्टिभूमि और संदर्भ से अलग करके और उनका मनमाना अनुवाद और व्याख्या करके बड़े पैमाने पर फैलाया जाता है। ये आक्षेप क़ुरआन मजीद की उन आयतों के बारे में हैं जिनका संबंध विशेषकर जिहाद, युद्ध, काफिर, कुफ्र, शिर्क और मूर्तिपूजा से है। लेखक ने उन आक्षेपों की वास्तविकता प्रस्तुत करके उनका उत्तर दिया है। तथा लोगों को इस्लाम से परिचित कराते हुए, उन्हें निष्पक्ष होकर इस्लाम का उसके मौलिक और वास्तविक स्रोतों से अध्ययन करने का निवेदन किया है।
- हिन्दी लेखक : इल्तिफात अहमद इस्लाही संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
क़ुरआन मजीद अंतिम ईशग्रंथः क़ुरआन अल्लाह की अंतिम किताब है जिसे उसने सर्व मानव-जाति के मार्गदर्शन के लिए अवतिरित किया है। यह किताब लोक-परलोक में सफलता और सौभाग्या का मार्ग दर्शाती है। प्रस्तुत पुस्तक में सतर्क औऱ स्पष्ट रूप से इस तथ्य का वर्णन किया गया है कि क़ुरआन एक ईश्वरीय ग्रंथ है, कोई मानव रचित पुस्तक नहीं है। मानव जीवन जिन विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है उनका एकमात्र समाधान इसी अंतम ईशग्रंथ में है, जिसके अंदर मानवता के लिए एक संपूर्ण जीवन प्रणाली, नियम और संविधान प्रस्तुत किया गया है, और इस कारण कि यही अंतिम ईशग्रंथ है जो हर प्रकार से सुरक्षित है क्योंकि इसका रक्षक स्वयं अल्लाह तआला है, जबकि इससे पुर्व के सभी ग्रंथ परिवर्तित कर दिए गए – यही मानवता के लिए लोक एवं परलोक में सफलता, सौभाग्य और मोक्ष प्राप्त करने का एकमात्र साधन है। इस ग्रंथ की प्रामाणिकता वैज्ञानिक प्रमाणों से भी सिद्ध है और वह अपने अवतरण के समय से आज तक चुनवती बना हुआ है और रहती दुनिया तक यह चुनौती निरंतर बाक़ी है कि कोई व्यक्ति इसके समान कुछ छंद भी प्रस्तुत नहीं कर सकता। तथा इस पुस्तक में यह तथ्य भी स्पष्ट किय गया है कि बहुत से लोग ईश्वर में विश्वास रखते है परंतु ईश्वर के बारे में उनकी कल्पनाओ का कोई विश्वसनीय आधार नहीं है, ईश्वर का स्पष्ट तसव्वुर और उसके गुण विशेषण की व्याख्या क़ुरआन में प्रस्तुत किया गया है, जिसकी जानकारी इस पुस्तक में दी गई है।
- हिन्दी लेखक : डा. सैयद शाहिद अली संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
क़ुरआन अल्लाह किताब है जिसे उसने सर्व मानव-जाति के मार्गदर्शन के लिए अवतिरित किया है। यह किताब लोक-परलोक में सफलता और सौभाग्या का मार्ग गर्शाती है तथा मनुष्य को अपने अस्तित्व और इस ब्रहमांड के प्रति अनेक प्रश्नों का स्पष्ट उत्तर प्रदान करती है। जैसे- मनुष्य कहाँ से आया है? उसे कहाँ जाना है? उसके जीवन का उद्देश्य क्या है? उसे प्राप्त करने का सायधन क्या है? मृत्यु के बाद क्या होगा? इत्यादि। प्रस्तुत पुस्तक में मानव जीवन उसके विभिन्न पक्षों से संबंधित सैंकड़ों प्रश्नों के क़ुरआन से उत्तर प्रस्तुत किए गए हैं, जिनके अध्ययन से पाठक को इस बात की जानकारी होती है कि क़ुरआन ने सौभाग्य जीवन का क्या मार्ग दर्शाया है।