- वर्गीकरण वृक्ष
- क़ुरआन और उसके विज्ञान
- हदीस और उसका विज्ञान
- अक़ीदा (आस्था)
- तौहीद (एकेश्वरवाद)
- इबादत (उपासना)
- दावत और इस्लामी संस्कृति
- ईमान
- ईमान के मसायल
- एहसान
- कुफ्र (नास्तिकता)
- निफाक़ (पाखण्ड)
- शिर्क (अनेकेश्वरवाद)
- बिदअत (नवाचार)
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- इस्लाम से संबंध रखनेवाले धर्म-संप्रदाय
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- अक़ीदे की किताबें
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- नमाज़
- नमाज़ के अहकाम
- अज़ान और इक़ामत
- पाँच नमाज़ों की समयसारणी
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- नमाज़ की सुन्नतें
- नमाज़ का तरीक़ा
- पाँच समय की नमाज़ों के बाद के अज़कार
- नमाज़ को व्यर्थ करनेवाली चीज़ें
- सह्व, तिलावत और शुक्र के सज्दे
- तिलावत का सजदा
- शुक्र का सजदा
- इमाम और मुक़्तदी
- जुमा का दिन और उससे संबंधित बातें
- जमाअत की नमाज़
- उज़्रवालों की नमाज़
- तरावीह और स्वैच्छिक नमाज़
- जनायज़ (अंतिम संस्कार)
- ज़कात
- रोज़ा
- हज्ज और उम्रा
- वित्तीय लेनदेन के मसायल का ज्ञान
- क़सम और मन्नत
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- मेडिसिन,चिकित्सा विज्ञान और शरई झाड़-फूँक
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- जिहाद
- आपदा की न्यायशास्त्र
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- इस्लामी धर्मशास्त्र के मत
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- उसूल फ़िक़्ह (धर्म-शास्त्र के सिद्धांत)
- इस्लामी धर्मशास्त्र की किताबें
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- सपने के शिष्टाचार
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इस्लामिक संस्कृति
आइटम्स की संख्या: 137
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्म दिन का उत्सव मनाने का क्या हुक्म है, और क्या नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम उस में उपस्थित होते हैं ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
यह शैख बिन बाज़ रहिमहुल्लाह से पूछे गये एक प्रश्न का उत्तर है जिसका अंश यह है किः कुछ मुसलमान लोग ईसाइयों के त्योहारों में भाग लेते हैं, तो इस बारे में आपकी क्या सलाह व निर्देश है ॽ तथा जन्मदिन के उत्सव व समारोह आयोजित करने का क्या हुक्म है ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
मैं गर्ल्स कॉलेज में एक छात्रा हूँ। हमारे बीच शियाओं की बड़ी संख्या रहती है। वे लोग इस समय आशूरा के अवसर पर काले कपड़े पहनते हैं। तो क्या हमारे लिए इस बात की अनुमति है कि उसके विपरीत हम चमकीले रंगों वाले कपड़े पहनें और अधिक से अधिक श्रृंगार करें ? केवल इसलिए कि हम उन्हें चिढ़ायें और क्रोध दिलायें ! और क्या हमारे लिए उनकी गीबत करना और उन पर बद्-दुआ (शाप) करना जाइज़ है ? जबकि ज्ञात रहे कि वे हमारे लिए घृणा और द्वेष का प्रदर्शन करते हैं, तथा मैं ने उनमें से एक छात्रा को देखा कि वह ताबीज़ पहने हुए थी जिन पर मंत्र लिखे हुए थे और उसके हाथ में एक छड़ी थी जिस से वह एक छात्रा की ओर संकेत कर रही थी और मुझे उस से हानि पहुँचती थी और बराबर पहुँच रही है।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
आशूरा के दिन लोगों के सुर्मा लगाने, स्नान करने, मेंहदी लगाने, हाथ मिलाने, अनाज पकाने, हर्ष व उल्लास का प्रदर्शन करने इत्यादि का क्या हुक्म है ... क्या इस बारे में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से कोई सहीह हदीस आयी है ? या नहीं ? और यदि इन में से किसी चीज़ के बारे में कोई सहीह हदीस नहीं वर्णित है तो क्या इसका करना बिद्अत है या नहीं ? तथा दूसरा समूह जो कुछ मातम और शोक करता, प्यासा रहता, और इनके अलावा, रोना, चींखना, गरीबान फाड़ना आदि करता है, क्या उसका कोई आधार है ? या नहीं है ?
- हिन्दी लेखक : रिसर्च डिवीज़न दारुस्सलाम अनुवाद : अब्दुस्समी मो. हारून संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : मुहम्मद ताहिर हनीफ़
नये मुस्लिम के लिए रहनुमा किताबः इस पुस्तक में संक्षेप के साथ इस्लाम की परिभाषा, ईमान एवं इस्लाम के स्तंभों का उल्लेख करते हुए पवित्रता हासिल करने के प्रावधान तथा नमाज़ पढ़ने के तरीक़े का वर्णन विशेषकर जुमा की नमाज़ का उल्लेख किया गया है। इसी तरह इस किताब में पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की संक्षिप्त जीवनी, सूरतुल फातिहा और क़ुर्आन की अन्य दस छोटी सूरतों का उच्चारण औ उनके अर्थ का अनुवाद प्रस्तुत किया गया है। तथा इस किताब के अंत में कुछ महत्वपूर्ण दुआओं, इस्लामी आदाब (शिष्टाचार) और पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की प्यारी बातों का कुछ अंश प्रस्तुत किया गया है।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
मैं ने एक अनोखी हदीस पढ़ी है जिस में "हामा, सफर, नौअ और ग़ूल" का खण्डन किया गया है, तो इन शब्दों का क्या अर्थ है ?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
काफिरों को उनके त्यौहारों की बधाई देने का क्या हुक्म है?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
रमज़ान में केवल रोज़ा रखने और नमाज़ न पढ़ने का क्या हुक्म है?
- हिन्दी
दुनिया की भाषाओं में इस्लाम के परिचय का विश्वस्त इलेक्ट्रॉनिक संदर्भ https://islamhouse.com/hi/main
- हिन्दी
- हिन्दी पर्यवेक्षक : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
इस्लाम प्रश्न और उत्तर साइट एक विद्वानिक, शैक्षणिक और इस्लामी निमंत्रण संबंधी साइट है, जिसका उद्देश्य पर्याप्त रूप से विद्वानिक उत्तर और परामर्श प्रस्तुत करना है। इन उत्तरों का पर्यवेक्षण शैख मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद हफ़िज़हुल्लाह करते हैं।इस साइट पर शरीयत के या मनोवैज्ञानिक और सामाजिक मामलों में सभी प्रश्नकर्ताओं; मुसलमानों या उनके आलावा के प्रश्नों का स्वागत किया जाताहै।
- हिन्दी
इस परियोजना का उद्देश्य है, सहीह नबवी हदीसों की व्यापक व्याख्या और स्पष्ट अनुवाद प्रस्तुत करना। https://hadeethenc.com/app/#/list-categories?lang=hi
- हिन्दी
पवित्र क़ुरआन की विश्वस्त तफ़्सीरें तथा अनुवाद, विश्व की भाषाओं में उप्लब्ध कराने की ओर https://quranenc.com/app/#/sura/nav?lang=hi&trans=hindi_omari
- हिन्दी
हिन्दी भाषा में मसाहिफ़ एप्प, पवित्र क़ुरआन के सस्वर पाठों का एक ऑडियो विश्वकोश है जो आसिम के द्वारा हफ़्स, नाफ़े के द्वारा वर्श तथा नाफ़े के द्वारा क़ालून व अन्य की रिवायत से दर्जनों सुप्रसिद्ध पाठकों को शामिल है। इसी तरह इसमें तज्वीद के साथ सस्वर पाठ तथा एक बड़ी संख्या में (अंग्रेजी, फ्रेंच, उर्दू, इन्डोनेशियाई, आदि) अन्य भाषाओं में अनुवादित क़ुरआन करीम के अर्थों के पाठ भी शामिल हैं। यह एप्प, सस्वर पाठों को सीधा सुनने के साथ-साथ, उन्हें सहेज कर बिना इंटरनेट कनेक्शन के सुनने की सुविधा भी प्रदान करता है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : फैज़ुल्लाह अल-मदनी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
मीलादुन्नबी - कब और कैसी? : प्रस्तुत वीडियो में पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्म दिवस का उत्सव मनाने का धार्मिके प्रावधान उल्लेख करते हुए यह वर्णन किया गया है कि स्वयं पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के समयकाल, आपके खुलफा-ए-राशेदीन के समयकाल तथा उसके बाद की सर्वश्रेष्ठ शताब्दियों में किसी प्रकार का कोई मालीदुन्नबी उत्सव नहीं मनाया गया। सबसे पहले जिन लोगों ने इसका ईजाद किया वे मिस्र में उबैदी (फातिमी शीया) थे। और सुन्नियों में इस नवाचार को फैलाने वाला इर्बिल का शासक शाह मुज़फ्फर था। इसी प्रकार इसको मनाने और इसे वैध समझने वाले लोग जिन प्रमाणों का सहारा लेते हैं उनका विश्लेशण करते हुए उनका उत्तर दिया गया है और उनके कुछ सन्देहों का चर्चाकर उनका खण्डन किया गया है।
- हिन्दी
इफ्ता एवं वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थायी समिति के विद्वानो से प्रश्न किया गया किः ईसाइयों को उनके त्योहारों में बधाई देने के बारे में इस्लाम का क्या प्रावधान है ; क्योंकि मेरे मामूँ का एक ईसाई पड़ोसी है जिसे वह त्योहारों और खुशी (शादी) के अवसरों पर बधाई देते हैं और वह भी मेरे मामूँ को खुशी और त्योहार के हर अवसर पर बधाई देता है। क्या यह जायज़ है कि मुसलमान ईसाई को और ईसाई मुसलमान को उनके त्योहारों और शादियों में बधाई दे? आप मुझे शरीअत के प्रावधान से अवगत कराए, अल्लाह आपको अच्छा बदला प्रदान करे।
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
मीलाद के लिए लोगों के एकत्रित होने का क्या हुक्म है जबकि उनका यह भ्रम होता है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम उनकी सभाओं (महफिलों) में उपस्थित होते हैं ॽ क्या यह जमावड़ा (सभा) धार्मिक दृष्टिकोण से सही है ॽ हमें नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्म दिन पर क्या करना चाहिए ॽ और आप का जन्म किस दिन, किस महीने और किस वर्ष हुआ और क्या नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अपनी क़ब्र में अभी जीवित हैं या नहीं ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या बिदअत वाली सभाओं जैसे - मीलादुन्नबी की रात, मेराज की रात और पंद्रह शाबान की रात के उत्सवों में उस व्यक्ति के लिए उपस्थित होना जायज़ है, जो उनके अवैध होने का अक़ीदा रखता है ताकि वह उसके बारे में सच्चाई को बयान करे ॽ
- हिन्दी लेखक : मुहम्मह बिन इब्राहीम अत-तुवैजरी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस्लाम ज्ञान और जानकारी का धर्म है, चुनाँचि क़ुर्आन करीम की जो सर्व प्रथम आयत उतरी वह पढ़ने का आदेश देती है जो कि हर प्रकार के विज्ञान की कुंजी है। प्रस्तुत लेख में इस्लाम धर्म में ज्ञान का महत्व और उसकी विशेषता, ज्ञान को सीखने और सिखाने की फज़ीलत, तथा ज्ञानियों के महान पद और स्थान का वर्णन किया गया है।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
मैं ईद की कुछ सुन्नतें और उसके अहकाम जानना चाहता हूँ।