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- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
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- कुरआन के विज्ञान
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- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
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दुआएँ (प्रार्थनाएँ)
आइटम्स की संख्या: 16
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- हिन्दी लेखक : माजिद बिन सुलैमान अर्रस्सी
क़ब्रों के पास जाकर अल्लाह तआला से दुआ करना ननिंदनीय निदअत है
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इस पुस्तिका में इस्लामी अक़ीदा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण मसाइल को प्रश्न-उत्तर के रूप में प्रस्तुत किया गया है। ये मसअले शैख मुहम्मद जीमल ज़ैनू की पुस्तक (अल-अक़ीदा अल-इस्लामिय्या मिनल किताबि वस्सुन्नतिस्सहीहा) से संकलित किए गए हैं। इसमें शिर्क, तौहीद, जादू, वसीला, दुआ, तसव्वुफ, क़ब्रों की जि़यारत और उस पर सज्दा करना और उसे छूना इत्यादि जैसे मसाइल पर चर्चा किया गया है।
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- हिन्दी लेखक : माजिद बिन सुलैमान अर्रस्सी
यह (अ़रबी पुस्तक का) हिंदी अनुवाद है, इसमें लेखक - अल्लाह उसे अच्छा बदलाव दे - ने उन महत्वपूर्ण संदेहों का उल्लेख किया है, कब्र में दफन हुए पैगंबरों एवं नेक लोगों को पूकारने वाले जिन का सहारा लेते हैं,और यह दावा करते हैं कि यह धामिर्क एवं सत्य प्रमाण हैं,लेखक ने इन शंकाओं का बहुत ध्यानपूर्वक और गहराई से समीक्षा किया है,और यह साबित किया है कि इन संदेहों का कोई वजन और मापदंड नहीं,क्योंकि इन संदेहों का आधार या तो कमजोर और मनगढंत हदीसों पर है, अथवा किस्से कहानियों पर,अथवा गलत एवं निराधार तर्कसंगत अटकलों पर, जो कि क़ुरान एवं हदीस के प्रमाणों, सहा़बा की समझ और मुसलमानों की सहमति के सामने कोई महत्व नहीं रखते।
- हिन्दी
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- हिन्दी Lecturer : माजिद बिन सुलैमान अर्रस्सी
मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर दुरूद भेजने के फायदे
- हिन्दी लेखक : नाजी इब्राहीम अल-अरफज
इस्लाम धर्म जीवन के तमाम गोशों को शामिल है। वुजू और पवित्रता की अहमियत महामारी के दौरान। बीमारीयों और महामारीयों से संबंधित चंद दुआयें और हदीसें
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- हिन्दी भाषणकर्ता : मक़्सूदुल हसन फैज़ी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
बारिश होने के समय मुसलमान का क्या व्यहार होना चाहिए : वर्षा का उतरना मात्र अल्लाह सर्वशक्तिमान की कृपा और दया है। बारिश ही आजीविका का स्रोत है जिसे अल्लाह सर्वशक्तिमान एक नियमित मात्रा में आकाश से धरती पर अवतरित करता है। इसलिए मनुष्य को चाहिए कि उसका अकेले श्रेय अल्लाह सर्वशक्तिमान को दे, उसे किसी तारे या नक्षत्र का प्रभाव न ठहराए। प्रस्तुत व्याख्यान में इस बात का उल्लेख किया गया है कि वर्षा होते समय एक विश्वासी मुसलमाम की स्थिति होनी चाहिए।