- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
- मसाहिफ़ (क़ुरआन की प्रतियाँ)
- क़ुरआन करीम के पाठ
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- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
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- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इफ्ता एवं वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थायी समिति के विद्वानो से प्रश्न किया गया किः क्या मुसलमान के लिए ईसाइयों के साथ उनके त्योंहारों में जो ’’क्रिसमस’’ के नाम से जाना जाता है, जो दिसंबर के महीने के अंत में आयोजित किया जाता है, भाग लेने की अनुमति़ है या नहीं? हमारे यहाँ कुछ लोग ऐसे हैं जो ज्ञान से संबंध रखते हैं, परंतु वे ईसाइयों के त्योहार में उनकी बैठकों में बैठते हैं और उसके जायज़ होने की बात कहते हैं, तो क्या उनका यह कथन सही है या नहीं? और क्या उनके पास इसके जायज़ होने की कोई शरई दलील (सबूत) है या नहीं?
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नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्म दिन का उत्सव मनाने का क्या हुक्म है, और क्या नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम उस में उपस्थित होते हैं ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
यह शैख बिन बाज़ रहिमहुल्लाह से पूछे गये एक प्रश्न का उत्तर है जिसका अंश यह है किः कुछ मुसलमान लोग ईसाइयों के त्योहारों में भाग लेते हैं, तो इस बारे में आपकी क्या सलाह व निर्देश है ॽ तथा जन्मदिन के उत्सव व समारोह आयोजित करने का क्या हुक्म है ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
काफिरों को उनके त्यौहारों की बधाई देने का क्या हुक्म है?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
रमज़ान में केवल रोज़ा रखने और नमाज़ न पढ़ने का क्या हुक्म है?
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- हिन्दी Lecturer : माजिद बिन सुलैमान अर्रस्सी
रमज़ान के महीने की 30 विशेषताएँ
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मीलादुन्नबी - कब और कैसी? : प्रस्तुत वीडियो में पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्म दिवस का उत्सव मनाने का धार्मिके प्रावधान उल्लेख करते हुए यह वर्णन किया गया है कि स्वयं पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के समयकाल, आपके खुलफा-ए-राशेदीन के समयकाल तथा उसके बाद की सर्वश्रेष्ठ शताब्दियों में किसी प्रकार का कोई मालीदुन्नबी उत्सव नहीं मनाया गया। सबसे पहले जिन लोगों ने इसका ईजाद किया वे मिस्र में उबैदी (फातिमी शीया) थे। और सुन्नियों में इस नवाचार को फैलाने वाला इर्बिल का शासक शाह मुज़फ्फर था। इसी प्रकार इसको मनाने और इसे वैध समझने वाले लोग जिन प्रमाणों का सहारा लेते हैं उनका विश्लेशण करते हुए उनका उत्तर दिया गया है और उनके कुछ सन्देहों का चर्चाकर उनका खण्डन किया गया है।
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इफ्ता एवं वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थायी समिति के विद्वानो से प्रश्न किया गया किः ईसाइयों को उनके त्योहारों में बधाई देने के बारे में इस्लाम का क्या प्रावधान है ; क्योंकि मेरे मामूँ का एक ईसाई पड़ोसी है जिसे वह त्योहारों और खुशी (शादी) के अवसरों पर बधाई देते हैं और वह भी मेरे मामूँ को खुशी और त्योहार के हर अवसर पर बधाई देता है। क्या यह जायज़ है कि मुसलमान ईसाई को और ईसाई मुसलमान को उनके त्योहारों और शादियों में बधाई दे? आप मुझे शरीअत के प्रावधान से अवगत कराए, अल्लाह आपको अच्छा बदला प्रदान करे।
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मीलाद के लिए लोगों के एकत्रित होने का क्या हुक्म है जबकि उनका यह भ्रम होता है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम उनकी सभाओं (महफिलों) में उपस्थित होते हैं ॽ क्या यह जमावड़ा (सभा) धार्मिक दृष्टिकोण से सही है ॽ हमें नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्म दिन पर क्या करना चाहिए ॽ और आप का जन्म किस दिन, किस महीने और किस वर्ष हुआ और क्या नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अपनी क़ब्र में अभी जीवित हैं या नहीं ॽ
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क्या बिदअत वाली सभाओं जैसे - मीलादुन्नबी की रात, मेराज की रात और पंद्रह शाबान की रात के उत्सवों में उस व्यक्ति के लिए उपस्थित होना जायज़ है, जो उनके अवैध होने का अक़ीदा रखता है ताकि वह उसके बारे में सच्चाई को बयान करे ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
मैं ईद की कुछ सुन्नतें और उसके अहकाम जानना चाहता हूँ।
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क्या ग़ैरमुस्लिमों के त्योहारों में भाग लेना जाइज़ है, उदाहरण के तौर पर जन्मदिवस के त्योहार में؟
- हिन्दी लेखक : सालेह बिन फौज़ान अल-फौज़ान लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख में पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्म दिवस के अवसर पर यादगार समारोह आयोजित करने का शरई हुक्म उल्लेख करते हुये इन तत्वों को स्पष्ट किया गया है कि इस का आरम्भ कैसे हुआ, सर्व प्रथम किन लोगों ने इस का प्रदशZन किया, इस समारोह के आयोजन के साथ क्या अन्य बुराईयां घटित होती हैं, तथा इस समारोह के अवैध होने के क्या कारण हैं। इसी प्रकार इस समारोह को मनाने और इसे वैध समझने वाले जिन प्रमाणों का सहारा लेते हैं उन का विश्लेशण करते हुये उन का उत्तर दिया गया है और या निष्कर्ष प्रस्तुत किया गया कि वे मात्र सन्देह और आशंकाये हैं जो मकड़ी के जाले से भी अधिक कमज़ोर हैं।
- हिन्दी
लोगों ने अल्लाह के स्वच्छ धर्म में जो चीज़ें गढ़ ली हैं उन में से एक पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्म दिवस के अवसर पर बड़े धूम-धाम से जश्न मनाना और समारोह आयोजित करना है। इस औडियो में इस परंपरा का खुलासा किया गया है, उसकी वास्तविकता को उजागर करते हुए उसे अनाधार और धार्मिक दृष्टिकोण से अवैध घोषित किया गया है. तथा पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की संछिप्त जीवनी, गैर मुस्लिमों की दृष्टि में आप की महानता, पद और स्थान, आप की आज्ञाकारिता की अनिवार्यता़ का उल्लेख करते हुए, जीवन के सभी छेत्रों आप का अनुसरण करने पर विशेष बल दिया गया है।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
वेलेंटाइन दिवस (प्यार का त्योहार) मनाने के विषय में शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह का स्वयं उनके हाथ का लिखा हुआ फत्वा जिस में उन्हों ने मुसलमानों को गैर मुस्लिमों की छवि अपनाने से सावधान किया है।
- हिन्दी लेखक : अब्दुल अज़ीज़ बिन सालिम अल-उमर लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
दीन में बिद्अत और ईद मीलादुन्नबी का उत्सवः बिद्अत कुफ्र की डाक और उसका सूचक है, और जो आदमी इसके जाल में फंस जाता है उसकी बुद्धि उलटी हो जाती है और वह अपनी बिद्अत को पुण्य का कार्य समझ कर अन्जाम देता है, बल्कि दूसरों को भी उसकी ओर न्योता देता है, जबकि वह पुण्य और अल्लाह की निकटता से कोसों दूर होता है और होता ही चला जाता है। इस लेख में बिद्अत की परिभाषा, तथा पैंग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल, आपके सहाबा और पूर्वजों के कथनों की रौशनी में उसकी वास्तविकता को स्पष्ट किया गया है। साथ ही साथ वर्तमान समय के एक घृणित बिद्अत ईद मीलादुन्नबी की व्यर्थता को स्पष्ट करते हुए इस बिद्अत के समर्थकों के सन्देहों का खण्डन भी किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
ईद मीलादुन्नबी का ऐतिहासिक एंव धार्मिक दृश्य : हर वर्ष रबीउल-अव्वल के महीने में 12 तारीख को बडी़ धूम-धाम और हर्ष व उल्लास से ईद मीलादुन्नबी का उत्सव मनाया जाता है, जबकि वास्तव में यह ऐतिहासिक दृष्टि से निराधार एंव धार्मिक दृष्टि से अवैध है। इस लेख में ईद मीलादुन्नबी की ऐतिहासिक एंव धार्मिक वास्तविकता को स्पष्ट किया गया है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : सालेह बिन फौज़ान अल-फौज़ान
ज़ुल-हिज्जा महीना के शुरू के दस दिनों की सभाएँ