- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
- मसाहिफ़ (क़ुरआन की प्रतियाँ)
- क़ुरआन करीम के पाठ
- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
- विशिष्ट तिलावतें
- नोबल क़ुरआन और उसके वाहकों के शिष्टाचार
- हदीस
- अक़ीदा (आस्था)
- तौहीद (एकेश्वरवाद)
- इबादत (उपासना) और उसके प्रकार
- इस्लाम
- ईमान और उसके स्तंभ
- ईमान के मसायल
- एहसान
- कुफ्र (नास्तिकता)
- निफाक़ (पाखण्ड)
- शिर्क (अनेकेश्वरवाद) और उसका खतरा
- बिदअत (नवाचार) : उसके प्रकार एवं उदाहरण
- सहाबा और आले-बैत
- तवस्सुल
- वलायत और औलिया की करामतें
- जिन्न
- वफादारी और दुश्मनी तथा उसके प्रावधान
- अह्लुस्सुन्नह वल-जमाअह
- धर्म और पंथ
- संप्रदाय (पंथ)
- इस्लाम से संबद्ध संप्रदाय
- समकालीन वैचारिक सिद्धांत
- धर्मशास्त्र
- उपासनाएं
- लेनदेन के मसायल
- क़सम और मन्नत
- पारिवारिक मसायल का ज्ञान
- चिकित्सा, उपचार और शरई झाड़-फूँक
- खाद्य पदार्थ और पेय
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- न्यायिक व्यवस्था
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- समसामयिक एवं उभरते हुए मुद्दों का न्यायशास्त्र
- अल्पसंख्यकों के मसाईल का ज्ञान
- इस्लामी राजनीति
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- फ़त्वे
- उसूल फ़िक़्ह (धर्मशास्त्र के सिद्धांत)
- इस्लामी धर्मशास्त्र की किताबें
- विशेषताएं (खूबियाँ)
- अरबी भाषा
- इस्लाम का आह्वान
- Issues That Muslims Need to Know
- दिल को विनम्र करने वाली बातें और सदुपदेश
- भलाई का आदेश देना तथा बुराई से रोकना
- इस्लामी दावत की वस्तुस्थिति
- क़ुरआन करीम
रोज़ा
आइटम्स की संख्या: 37
- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
उस आदमी का हुक्म क्या है जो रोज़ा रखता है और नमाज़ को छोड़ देता है क्या उस का रोज़ा शुद्ध है ?
- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
उस व्यक्ति का हुक्म क्या है जिसने रमज़ान में रोज़ा तोड़ दिया जबकि वह उसके रोज़े की अनिवार्यता का इनकार करने वाला नहीं है। क्या उसका एक से अधिक बार लापरवाही करते हुए रोज़ा न रखना उसे इस्लाम से बाहर निकाल देंगा ?
- हिन्दी
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या रोज़ा छोड़ देने वाला काफिर (नास्तिक) हो जाये गा ? जबकि वह नमाज़ पढ़ता है और बिना किसी बीमारी या कारण (शरई उज़्र) के रोज़ा तोड़ देता है।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह मुफ्ती : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
एतिकाफ़ के अहकाम से संबंधित यह कुछ फतावे हैं जिन में एतिकाफ़ का हुक्म, पैग़ंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से प्रमाणित एतिकाफ़ का तरीक़ा, एतिकाफ़ की सुन्नतों तथा एतिकाफ़ से संबंधित अन्य मसाइल का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : सलीम साजिद मदनी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : सलीम साजिद मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस पुस्तक में रोज़े से संबंधित समस्त अहकाम व मसाईल तथा रोज़ा, एतिकाफ, रोज़े की क़ज़ा एंव कफ्फारा तथा इन से संबंधित आधुनिक मसाईल पर 70 से अधिक फतावे उल्लिखित हैं।
- हिन्दी
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रोज़ा से संबंधित महत्वपूर्ण बातें: यह पुस्तिका हिंदी भाषा में है, जिसे डॉ. हैस़म सरहान ने लिखा है, जिसमें उन्होंने वाजिब एवं मुस्तहब रोज़ों के महत्वपूर्ण मसलों का उल्लेख किया है, तथा कब रोज़ा रखना मकरूह होता है एवं कब ह़राम इसे भी उजागर किया है, इसके अतिरिक्त सदक़ा -ए- फ़ित्र एवं ईद की नमाज़ से संबंधित अति महत्वपूर्ण फ़िक्ही मसलों को भी बयान किया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
रमज़ान मुबारकः इस पुस्तक में रमज़ान के महीने की विशेषता, रोज़े के गुण एवं लाभ, रोज़े का अर्थ और उसका हुक्म, रमज़ान के महीने के शुरू होने के सबूत, रोज़े की शर्तें, उसके स्तंभ, उसके शिष्टाचार, तथा रोज़े में उज़्र वाले लोगों, रोज़े में हराम चीज़ें, नफली रोज़े, रमज़ान में अफज़ल व पसंदीदा काम, ज़कातुल फित्र, ईद के शिष्टाचार इत्यादि का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
प्रस्तुत वीडियो में रमज़ान के महीने के रोज़े की अनिवार्यता, उसके अर्थ, रमज़ान के महीने की फज़ीलत, क़ुरआन व हदीस से उसकी अनिवार्यता के प्रमाणों, और रोज़े की तत्वदर्शिता का उल्लेख किया गया है। इसी तरह रोज़े के कुछ प्रावधानों, जैसे- रोज़े की नीयत, और बिना किसी कारण के रोज़ा तोड़ देने या उसमें लापरवाही करने पर चेतावनी दी गई है और उसके दुष्परिणाम से अवज्ञत कराया गया है
- हिन्दी वक्ता : अबू ज़ैद ज़मीर संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
प्रस्तुत आडियो में रमज़ान के महीने की महान घड़ियों और क्षणों से भरपूर लाभ उठाने पर बल देते हुए, रमज़ान के महीने की शुरूआत और उसके प्रवेष करने के सबूत का वर्णन किया गया है, और यह स्पष्ट किया गया कि रमज़ान के महीने के आरंभ होने की प्रामाणिकता रमज़ान का चाँद देखने या उसके देखे जाने पर एक विश्वस्त आदमी की गवाही का होना, और यदि किसी कारण चाँद न दिखाई दे तो शाबान के तीस दिन पूरे करना है। तथा रमज़ान से पहले उसके अभिवादन के तौर पर एक दो दिन रोज़ा रखना धर्मसंगत नही है। इसी तरह इसमें नीयत की अनिवार्यता, नीयत का अभिप्राय स्पष्ट करते हुए यह उल्लेख किया गया है कि नीयत ज़ुबान से करना धर्मसंगत नही है।
- हिन्दी वक्ता : फैज़ुल्लाह अल-मदनी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
रोज़े की रक्षाः रोज़ा मात्र खाना पानी छोड़ देने, या कुछ रोज़ा तोड़ने वाली चीज़ों से रुक जाने का नाम नहीं है। बल्कि वास्तविक रोज़ा गुनाहों से रुक जाने, उनसे दूर रहने का नाम है। प्रस्तुत व्याख्यान में, इस पवित्र महीने में गुनाहों में पड़ने से चेतावनी देते हुए, झूठ, हराम (निषिद्ध) चीज़ों को देखने, सुनने, बोलने और करने से रोज़े को सुरक्षित रखने पर ज़ोर दिया गया है। विशेषकर पाँच समय की दैनिक नमाज़ों मे कोताही व लापरवाही करने से सावधान किया गया है, जिसके बारे में शरीअत में कड़ी चेतावनी आई है। इसी तरह, रोज़े के अलावा रमज़ान के महीने में अन्य एच्छिक कार्यों जैसे- तरावीह की नमाज़, क़ियामुल्लैल और अधिक से अधिक क़ुरआन करीम का पाठ करने का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : एहसान अल-उतैबी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
प्रस्तुत लेख एक महत्वपूर्ण मुद्दे के वर्णन पर आधारित है जिसके बारे में, विशेषकर शव्वाल के महीने में, अधिक प्रश्न किया जाता है, और यह मुद्दा ’’एक ही कार्य में कई नीयतों को एकत्रित करना’’ है।
- हिन्दी लेखक : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
प्रस्तुत पुस्तिका में रमज़ान के रोज़े और उसके क़ियाम (तरावीह) की फज़ीलत, तथा उसके अंदर नेक कामों द्वारा एक दूसरे से आगे बढ़ने की फज़ीलत से संबंधित कुछ नसीहतें हैं, साथ ही कुछ ऐसे महत्वपूर्ण अहकाम का वर्णन है जो कुछ लोगों पर गुप्त रह जाते हैं।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
यात्री यदि रोज़े की अवस्था में मक्का पहुँचे तो क्या वह उम्रा करने के लिए शक्ति जुटाने हेतु रोज़ा तोड़ देगा?
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या मस्जिद के अंदर चौकीदार का कमरा और ज़कात समिति का कमरा उसके अंदर एतिकाफ करने के लिए उचित है ? जबकि ज्ञात रहे कि इन कमरों के दरवाज़े मस्जिद के भीतर हैं।
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या रमज़ान के अंतिम दस दिनों के अतिरिक्त किसी भी समय एतिकाफ करना जाइज़ है?
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
एतिकाफ की शर्तें क्या हैं और क्या रोज़ा उन्हीं में से है? और क्या एतिकाफ करने वाले के लिए किसी बीमार की ज़ियारत करना, या दावत स्वीकार करना, या अपने परिवार की ज़रूरतों को पूरा करना, या किसी जनाज़ा के पीछे जाना, या काम के लिए जाना जाइज़ है?
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
मैं एक काम काज वाला आदमी हूँ। रोज़ी की तलाश में मेरी यात्रा लगातार जारी रहती है। मैं फर्ज़ नमाज़ों को सदैव अपनी यात्रा के दौरान जमा (एकत्र) करके पढ़ता हूँ, और रमज़ान के महीने में रोज़ा तोड़ देता हूँ। क्या मेरे लिए ऐसा करने का अधिकार है या नहीं है ?