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- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
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- क़ुरआन करीम
मुहम्मद अल्लाह के पैगंबर
आइटम्स की संख्या: 32
- मुख्य पृष्ठ
- अग्र-भाग की भाषा : हिन्दी
- विषयवस्तु की भाषा : सभी भाषाएँ
- मुहम्मद अल्लाह के पैगंबर
- हिन्दी
नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की संक्षिप्त जीवनी: इस पुस्तक को डॉ. हैस़म सरहान ने मूल रूप से अरबी भाषा में लिखा है जिसका हिंदी भाषा में अनुवाद साबिर हुसैन ने किया है। इस पुस्तक को सरल रूप में तैयार किया गया है जिसका अध्यन करना प्रत्येक उस व्यक्ति के लिए अपरिहार्य है जो नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जीवन, उनकी सीरत, उनके गुण, उनकी शारीरिक एवं नैतिक विशेषताओं, तथा आपके सगे-संबंधियों एवं पत्नियों के विषय में जानकारी प्राप्त करने का इच्छुक है। लेखक ने इसे स्तंभ, सूचिपत्र एवं तालिका के रूप में सुंदर ढंग से तरतीब दे कर प्रस्तुत किया है, एवं प्रत्येक खण्ड की समाप्ती के पश्चात पाठक की पात्रता जाँचने के लिए प्रश्न एवं परीक्षा तैयार किये हैं। इस पुस्तक की विशेषता यह है कि इसे उबा देने वाली लम्बाई तथा अर्थ का अनर्थ करने वाली लघुता से बचते हुए संयोजित एवं संक्षिप्त रूप में तैयार किया गया है।
- हिन्दी लेखक : खालिद अल-खलेवी
अगर लोग आपको जान लें, तो आपसे मोहब्बत करने लगें
- हिन्दी
- हिन्दी Lecturer : माजिद बिन सुलैमान अर्रस्सी
नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर ईमान लाने के तका़ज़े
- हिन्दी
- हिन्दी वक्ता : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस ऑडियो में इस बात का उल्लेख किया गया है किस तरह मानव समाज में ईश्दूतों के अवतरण की शुरूआत हुई और विकास करते हुए एक महान संदेष्टा के ईश्दूतत्व पर संपन्न हो गयी - और वह समस्त ईश्दूतों व संदेष्टाओं के नायक मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं। तथा ईश्दूतत्व के संक्षेप इतिहास का वर्णन करते हुए हमारे अंतिम संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ईश्दूतत्व, उनके अवतरण के समय धार्मिक व सामाजिक स्थितियों, उनके गुणों, पवित चरित्र, जीवन की घटनाओं, कठिन परिस्थियों, उनकी जाति के लोगों का आपके साथ दुर्व्यवहार और आपका उनके साथ सदव्यवहार का उल्लेख किया गया है। इसी तरह पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ईश्दूतत्व की सच्चाई, उसके प्रमाणों का चर्चा करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि आप पर ईश्दूतत्व का समापन हो जाता है। अतएव, आप अब परलोक तक सर्वमानवजाति के लिए अल्लाह के ईश्दूत व संदेष्टा हैं और सबके लिए आपका अनुपालन करना अनिवार्य है।
- हिन्दी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
हमारे महान संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के व्यक्तित्व पर आक्रमण के बाद, पूरी दुनिया में मुसलमानों की भावनाएं उत्तेजित हो गईं और इस अत्याचारी व अन्यायिक आक्रामक व्यवहार के प्रति अपने आक्रोष, क्रोध और अस्वीकृति व्यक्त करने लगीं। यह एक क्रान्ति है जो मूलतः मुसलमानों के अपने सम्मानित पैगंबर से मोहब्बत रखने के परिणाम स्वरूप पैदा हुई है। यह एक सराहनीय चीज़ है, परंतु इस मोहब्बत की जाँच परख करने और इसकी वास्तविकता पर चिंतन करने से यह स्पष्ट होता है कि यह अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुँचती है। इस पुस्तिका में इसी चीज़ का खुलासा करने का प्रयास किया गया है।
- हिन्दी
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के आगमन की पूर्व सूचना हमें बाइबल, तौरेत और अन्य धर्म ग्रन्थों में मिलती है, यहाँ तक कि भारतीय धर्मग्रम्थों में भी आप के आने की भविष्यवाणियाँ मिलती हैं। हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म की पुस्तकों में इस प्रकार की पूर्व-सूचनाएँ मिलती हैं। इस पुस्तिका में सब को अकत्र करके पेश करने का प्रयास किया गया है। और यह सिद्ध किया गया है कि जिस नराशंस या कल्कि अवतार के आगमन का उनके धर्मग्रन्थों में उल्लेख हुआ है और उसकी जो विशेषतायें वर्णित हुई हैं, वह इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ही हैं। इसलिए जीवन की सुगम, सार्थक, सफल और फलदाई यात्रा के लिए अल्लाह के अन्तिम पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के द्वारा पेश की गई शिक्षाओं को अपनाया जाए और उनके बताये हुए मार्ग पर चला जाए।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
अल्लाह के पैग़म्बर के सद्व्यवहार के कुछ दर्शन : मानवता के लिये बहुत बड़े लज्जा की बात है कि मानवता के मोक्ष प्रदायक अल्लाह के पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जैसे महान पुरूष के आचार पर प्रहार कर के उनका अपमान किया जाए जिनका दूत-कर्म ही शिष्टाचार को सम्पन्न करना था। यह लेख आप के सद्व्यवहार का सन्छिप्त दर्शन प्रस्तुत करता है।
- हिन्दी लेखक : जाज़िअ बिन अब्दुल अज़ीज़ आल तायेअ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : जावेद अहमद संशोधन : सिद्दीक़ अहमद प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख में उम्मते-इस्लामिया के हर व्यक्ति पर नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के प्रति अनिवार्य दस हुक़ूक़ का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी Lecturer : माजिद बिन सुलैमान अर्रस्सी
मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की महानता के दस साक्ष्य
- हिन्दी Lecturer : माजिद बिन सुलैमान अर्रस्सी
मुस्त़फा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का एक अधिकार अहले बैत का सम्मान भी है।
- हिन्दी Lecturer : माजिद बिन सुलैमान अर्रस्सी
मुस्त़फा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का एक अधिकार आपकी अवज्ञा से बचना भी है।
- हिन्दी Lecturer : माजिद बिन सुलैमान अर्रस्सी
मुस्त़फा सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम का एक अधिकार आज्ञाकारी ता भी है।
- हिन्दी Lecturer : माजिद बिन सुलैमान अर्रस्सी
मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के अधिकारों में से उनसे प्रेम करना भी है!
- हिन्दी
इसी उद्देश्य से यह पुस्तिका हमने आपके समक्ष रखा है ताकि हमारे प्रिय एवं आँखों की ठंडक मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की मदद का ह़क़ अदा हो सके जोकि आप के हमारे ऊपर जो ह़क़ हैं उनमें सबसे तुच्छ ह़क़ है, अल्लाह तआला से दुआ है कि वह इसे ख़ालिस अपनी रज़ा के लिए स्वीकार कर ले, अल्लाह मुझे और उन समस्त लोगों को जिन्होंने आपकी मदद करने में भाग लिया और आपके सम्मान की रक्षा के लिए सीना तान कर खड़े हो गए आपके संग उठाए, अल्लाह तआला हमें क़्यामत के दिन आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का साथ नसीब करे और हमें उस सम्मानित ह़ौज़ (कुंड) से पिलाए जिसको पीने के पश्चात हम कभी प्यासे न हों ... आमीन।
- हिन्दी
जीवन का सीधा और सच्चा मार्ग पाने के लिए मनुष्य को सदैव ईश्वरीय मार्ग-प्रदर्शन की आवश्यकता होती है। इससे हटकर वह सीधा मार्ग नहीं पा सकता। इसी उद्देश्य के लिए अल्लाह सर्वशक्तिमान ने किताबें उतारीं और अपने सन्देष्टा भेजे, जिन्हों ने लोगों के समक्ष अल्लाह के संदेश को प्रस्तुत किया, उसके अभिप्राय को स्पष्ट किया और उसके अनुसार चलकर दिखाया ; ताकि लोगों को अल्लाह के आदेशों के अनुसार जीवन व्यतीत करने का तरीक़ा पता चल जाए। इसकी अंतिम कड़ी हमारे सन्देष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं, जिन पर नुबुव्वत व रिसालत का सिलसिला संपन्न हो जाता है और आपकी रिसालत को स्वीकार करना और उसका अनुपालन करना परलोक तक आनेवाली समस्त मानव जातियों के लिए कर्तव्य और दायित्व करार दिया जाता है, क्योंकि इसके बाद अल्लाह की ओर से कोई अन्य संदेष्टा, कोई और मार्ग-दर्शक अवतरित नहीं होगा। प्रस्तुत लेख में अंतिम सन्देष्टा के जीवन आदर्श का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : सुलैमान नदवी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख में अल्लाह के अन्तिम पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जीवन चरित्र और आप के अतिरिक्त अन्य भूतपूर्व ईश्दूतों की जीवनियों, तथा वर्तमान युग में प्रचलित अन्य धर्मों और मतों के प्रस्थापकों की जीवनियों और उनके सिद्धान्तों की तुलना करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि पूरे मानव इतिहास में आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के सिवाए कोई ऐसी व्यक्तित्व नहीं है जिस की जीवनी सर्व संसार के लिए रहती दुनिया तक आदर्श जीवन का नमूना और अनुकरण के योग्य हो।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के शीर्षक पर एक न्याय प्रिय हिन्दू दार्शनिक प्रोफेसर के. स. कृष्णाराव द्वारा लिखी गई इस पुस्तक में इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जीवन चरित्र को रेखांकित किया गया है।
- हिन्दी
शानदार वैज्ञानिक तथ्य जिसकी खबर 1400 साल पहले से अधिक क़ुरआन और (मुहम्मद, सल्लाहो अलैहे व सल्लम, की हदीस) शरीफ ने दी है जिस समय किसी को भी इस तरह के तथ्यों का थोड़ा सा भी ज्ञान नहीं था फिर इसकी सच्चाई और विश्वसनीयता की पुष्टि करने के लिए आधुनिक वैज्ञानिक खोजें आईं और यहीं से हज़रत (मुहम्मद, सल्लाहो अलैहे व सल्लम) (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) के नबी और रसूल होना साबित होता है