- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
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मुहम्मद अल्लाह के पैगंबर
आइटम्स की संख्या: 2
- मुख्य पृष्ठ
- अग्र-भाग की भाषा : हिन्दी
- विषयवस्तु की भाषा : सभी भाषाएँ
- मुहम्मद अल्लाह के पैगंबर
- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुर्रहमान बिन नासिर अल-बर्राक
हम में से कोई व्यक्ति इस बात से अनभिज्ञ नहीं है जो ईसाई लोग नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को बुरा-भला कहते हैं, तथा हम इस्लामी समुदाय के युवाओं की अपने धर्म और अपने पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के प्रति ग़ैरत (आत्म सम्मान) से भी हम अपरिचित नहीं हैं, तो क्या नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को गाली देने वाले (बुरा भला कहने वाले) का वक्ता को बुरा भला कहकर खंडन करना जाइज़ है, ज्ञात रहे कि मैं ने एक ऐसे ही व्यक्ति को बुरा भला कहा, तो मुझे मेरे एक निकटवर्ती ने दुबारा ऐसा न करने की सलाह दी, क्योंकि इसके कारण वे और अधिक दुर्वचन और उपहास व अपमान करेंगे, और उनका गुनाह मेरे ऊपर होगा।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की प्रशंसा को तिजारत बना लेने का हुक्म क्या है?