- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
- मसाहिफ़ (क़ुरआन की प्रतियाँ)
- क़ुरआन करीम के पाठ
- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
- विशिष्ट तिलावतें
- नोबल क़ुरआन और उसके वाहकों के शिष्टाचार
- हदीस
- अक़ीदा (आस्था)
- तौहीद (एकेश्वरवाद)
- इबादत (उपासना) और उसके प्रकार
- इस्लाम
- ईमान और उसके स्तंभ
- ईमान के मसायल
- एहसान
- कुफ्र (नास्तिकता)
- निफाक़ (पाखण्ड)
- शिर्क (अनेकेश्वरवाद) और उसका खतरा
- बिदअत (नवाचार) : उसके प्रकार एवं उदाहरण
- सहाबा और आले-बैत
- तवस्सुल
- वलायत और औलिया की करामतें
- जिन्न
- वफादारी और दुश्मनी तथा उसके प्रावधान
- अह्लुस्सुन्नह वल-जमाअह
- धर्म और पंथ
- संप्रदाय (पंथ)
- इस्लाम से संबद्ध संप्रदाय
- समकालीन वैचारिक सिद्धांत
- धर्मशास्त्र
- उपासनाएं
- लेनदेन के मसायल
- क़सम और मन्नत
- पारिवारिक मसायल का ज्ञान
- चिकित्सा, उपचार और शरई झाड़-फूँक
- खाद्य पदार्थ और पेय
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- न्यायिक व्यवस्था
- जिहाद
- समसामयिक एवं उभरते हुए मुद्दों का न्यायशास्त्र
- अल्पसंख्यकों के मसाईल का ज्ञान
- इस्लामी राजनीति
- इस्लामी धर्मशास्त्र के मत
- फ़त्वे
- उसूल फ़िक़्ह (धर्मशास्त्र के सिद्धांत)
- इस्लामी धर्मशास्त्र की किताबें
- विशेषताएं (खूबियाँ)
- अरबी भाषा
- इस्लाम का आह्वान
- Issues That Muslims Need to Know
- दिल को विनम्र करने वाली बातें और सदुपदेश
- भलाई का आदेश देना तथा बुराई से रोकना
- इस्लामी दावत की वस्तुस्थिति
- क़ुरआन करीम
इस्लाम का आह्वान
आइटम्स की संख्या: 98
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यह इस्लाम के संक्षिप्त परिचय पर आधारित, एक अति महत्वपूर्ण पुस्तिका है, जिसमें इस धर्म के अहम उसूलों, शिक्षाओं तथा विशेषताओं का, इस्लाम के दो असली संदर्भों अर्थात क़ुरआन एवं हदीस की रोशनी में, वर्णन किया गया है। यह पुस्तिका परिस्थितियों और हालात से इतर, हर समय और हर स्थान के मुस्लिमों तथा गैर-मुस्लिमों को उनकी ज़ुबानों में संबोधित करती है।
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सच्चा धर्म : सत्य धर्म के खोजी के लिए एक लाभदायक संक्षिप्त पुस्तिका, जिसमें इस्लाम धर्म का एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि इस्लाम ही वह धर्म है जिसके अतिरिक्त अल्लाह सर्वशक्तिमान कोई अन्य धर्म स्वीकार नहीं करेगा। इसी तरह इसमें अन्य धर्मों और सिद्धांतों की समीक्षा करते हुए उनकी शून्यता को स्पष्ट किया गया है। इसके अलावा, ईसा और उनकी माँ – अलैहिमस्सलाम - की वास्तविकता, इस्लामी धर्म की सार्वभौमिकता और इन्सान व जिन्नात की रचना का उद्देश्य उल्लेख किया गया है।
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- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
अल्लाह कौन हैः प्रस्तुत लेख में अल्लाह सर्वशक्तिमान के नाम का परिचय कराते हुए, अल्लाह के अस्तित्व और उसकी विशेषताओं के तथ्य तक पहुँचने के रास्ते का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
उसकी रचनाएँ उसका पता देती हैंः इस ब्रह्माण्ड में अल्लाह की अनगिनत रचनाएँ जो उसके अस्तित्व का सबसे महान प्रमाण हैं। प्रस्तुत लेख में पवित्र क़ुरआन में वर्णित कुछ चमत्कारों का उल्लेख किया गया है जिनसे अल्लाह के अस्तित्व का स्पष्ठ संकेत मिलता है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस्लाम : इस वीडियो में बयान किया गया है कि इस्लाम क्या है? और क्या मानव को इस्लाम की जरूरत है? यह एकेश्वरवाद के साथ अल्लाह के लिए समर्पण, आज्ञाकारिता के साथ उसके अनुपालन और बहुदेववाद एवं बहुदेववादियों से अलगाव का नाम है। तथा इस्लामी धर्म की कुछ विशेषताओं ; न्याय, दया, प्रेम और सहिष्णुता आदि का उल्लेख किया गया है। और यह कि इस्लाम ही लोक परलोक में स्वभाग्य का कारण और पुनर्जन्म में मोक्ष के लिए रास्ता है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
हिन्दी भाषा में यह एक संक्षिप्त भाषण है जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि इस्लाम धर्म में प्रवेश करने के लिए क्या करना है, तथा इस्लाम में प्रवेश करने के बाद उसे क्या सीखना चाहिए।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
मानवाधिकार की आधारशिला: इस्लाम एक संपूर्ण व्यापक धर्म है जो मनुष्य के सभी धार्मिक और सांसारिक हितों की रक्षा करता है और उसके लिए मानक स्थापित करता है। चुनांचे उसने मानव जाति के सभी श्रेणियों के लिए अधिकार निर्धारित किए हैं, जिनसे अभी तक मानवता अपने इतिहास में अनभिज्ञ थी। जब अल्लाह सर्वशक्तिमान ने इस्लाम धर्म को पूरा कर देने, अपने अनुग्रह को संपन्न कर देने और मानवता के लिए इस्लाम को धर्म के रूप मे पसंद कर लेने की घोषणा कर दी, तो पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अपने हज्ज के अवसर पर एक ऐतिहासिक भाषण दिया और उसमें लोगों के अधिकारों का उल्लेख किया, जो मानव अधिकारों के लिए नींव रखने के रूप में देखा जाता है। प्रस्तुत लेख में इसी का वर्णन है।
- हिन्दी वक्ता : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस ऑडियो में इस बात का उल्लेख किया गया है किस तरह मानव समाज में ईश्दूतों के अवतरण की शुरूआत हुई और विकास करते हुए एक महान संदेष्टा के ईश्दूतत्व पर संपन्न हो गयी - और वह समस्त ईश्दूतों व संदेष्टाओं के नायक मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं। तथा ईश्दूतत्व के संक्षेप इतिहास का वर्णन करते हुए हमारे अंतिम संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ईश्दूतत्व, उनके अवतरण के समय धार्मिक व सामाजिक स्थितियों, उनके गुणों, पवित चरित्र, जीवन की घटनाओं, कठिन परिस्थियों, उनकी जाति के लोगों का आपके साथ दुर्व्यवहार और आपका उनके साथ सदव्यवहार का उल्लेख किया गया है। इसी तरह पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ईश्दूतत्व की सच्चाई, उसके प्रमाणों का चर्चा करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि आप पर ईश्दूतत्व का समापन हो जाता है। अतएव, आप अब परलोक तक सर्वमानवजाति के लिए अल्लाह के ईश्दूत व संदेष्टा हैं और सबके लिए आपका अनुपालन करना अनिवार्य है।
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इसलाम के सिद्धान्त : इस ऑडियो में इस्लाम धर्म के नामकरण का कारण, इस्लाम शब्द का अर्थ, इस्लाम और कुफ्र की वास्तविकता, कुफ्र की हानियाँ और उसके दुष्ट परिणाम तथा इस्लाम में प्रवेश करने के लाभ का चर्चा करते हुए, यह स्पष्ट किया गया है कि मनुष्य को अल्लाह के आज्ञापालन के लिए, अल्लाह के अस्तित्व, उसके गुणों और पसंदीदा तरीक़ों को जानने की ज़रूरत है। तथा उसके इस ज्ञान को विश्वास व यक़ीन के सर्वोच्च स्तर पर पहुँचा हुआ होना चाहिए। तथा मनुष्य को इस ज्ञान को प्राप्त करने के लिए स्वयं कोशिश नहीं करनी है, बल्कि अल्लाह ने अपने कुछ बंदों को इस मकान कार्य के लिए स्वयं चयन कर लिया है, और उन्हें यह ज्ञान प्रदान करके, उसे अपने सभी बंदों तक पहुँचाने का आदेश दिया है। अब बंदों को चाहिए के अल्लाह के चयनित सत्यवादी संदेष्टाओं को पहचानें, उन पर ईमान लायें, उनकी बातों को सुनों और उनकी शिक्षाओं और निर्देशों के अनुसार जीवन बितायें। इसके अलावा मनुष्य के लिए अल्लाह की अज्ञाकारिता का कोई अन्य रास्ता नहीं है।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मह बिन इब्राहीम अत-तुवैजरी
ग़ैर-मुस्लिमों के लिए हम इस्लाम की सहिष्णुता को कैसे प्रमाणित करें और यह कि वह एक आसान धर्म है ॽ
- हिन्दी लेखक : सईद अहमद हयात अल-मुशर्रफी लेखक : अज़ीज़ुल हक़ उमरी अनुवाद : अज़ीज़ुल हक़ उमरी संशोधन : सईद अहमद हयात अल-मुशर्रफी
नोबल कुरान हिन्दी अनुवाद के साथ
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इस्लाम ही वह एकमात्र सच्चा धर्म है, जिसे अल्लाह तआला ने सर्व मानव जाति के लिए पसंद कर लिया है। अतः वह किसी भी व्यक्ति से इस्लाम के सिवा कोई दूसरा धर्म कदापि स्वीकार नहीं करेगा। इस्लाम मानव के सौभाग्य और सफलता का धर्म है, तथा वही वह धर्म है जिसने मनुष्य के व्यक्तिगत, या पारिवारिक, या सामुदायिक या सर्व मानव जाति से संबंधित मामलों में ऐसे सूक्ष्म आचार और उचित ढंग, तौर-तरीक़े सिखाये हैं जिन से उसका जीवन सुलभ हो सकता है, उसकी खुशी संपन्न हो सकती है और उसको सच्चा सौभाग्य प्राप्त हो सकता है। इस पुस्तक में इस्लाम के उन्हीं कुछ गुणों और विशेषताओं का उल्लेख किया गया है।
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इस पुस्तक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करते हुए सृष्टि और मानवजाति की रचना, मरण उपरांत जीवन, अल्लाह का एकेश्वरवाद, इस्लाम के स्तंभ, संदेष्टाओं के अवतरण का उद्देश्य और पांच महान संकल्प वाले संदेष्टाओं का संक्षिप्त वर्णन, इस्लाम में तीन प्रतिष्ठित मस्जदों का वर्णन, क़ुरआन के चमत्कार का वर्णन किया गया है। इसी तरह इस्लाम में मानव अधिकार, महिलाओं के अधिकार, पर्यावरण, इस्लामी कला, मानवीय सभ्यता की उन्नति में इस्लाम के योगदान और पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के अंतिम धर्मोपदेश पर चर्चा किया गया है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस्लाम ही वह सत्य धर्म है जिसे अल्लाह तआला ने अपने बंदों के लिए पसंद फरमाया है, उसी के साथ अपने संदेश्वाहकों को भेजा और अपनी पुस्तकें अवतरित की हैं, तथा रहती दुनिया तक, अल्लाह सर्वशक्तिमान ने उसे हर समय काल और प्रति स्थान के लिए एक सर्वव्यापी धर्म बनाया है, जिसके अतिरिक्त कोई अन्य धर्म वह किसी भी मनुष्य से कदापि स्वीकार नहीं करेगा। अतः सर्व मानव जाति के लिए इस्लाम का अनुसरण और अनुपालन करना अनिवार्य है। क्योंकि इसी के पालन में उनके लिए लोक व परलोक में सफलता, सौभाग्य और मोक्ष की प्राप्ति है। तथा हमारे सृष्टा ने अपने इस धर्म को असंख्य गुणों और विशेषताओं से सुसज्जित किया है, प्रस्तुत भाषण में इस्लाम की कुछ विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी
प्रस्तुत पुस्तक में ऐसे लोगों की कहानी उन्हीं की ज़ुबानी उल्लेख की गई है जिन्हों ने इस्लाम का गहन अध्ययन किया, उसे समझा और सोच-विचार कर उसे दिल की गहराईयों से स्वीकार किया जबकि वे वैज्ञानिक, चिकित्सक और बुद्धिमान लोग थे। इस पुस्तक का उद्देश्य केवल संसार वालों को यह बताना है कि आपके इन मित्रों के इस्लाम स्वीकारने का कारण क्या है तथा वे परलोक में क्या चाहते हैं तथा साथ ही साथ सारे लोगों को निमंत्रण देना है कि हरेक इस बात पर विचार करे कि हमारा तथा संसार की सभी चीज़ों का सृष्टा, रचयिता, पालनहार और स्वामी कौन है क्या वही सर्वशक्तिमान एकमात्र वास्तविक पूज्य नहीं है क्या उसके अतिरिक्त कोई और पूज्य हो सकता है
- हिन्दी भाषणकर्ता : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
हमारे जन्म का उद्देश्य: अल्लाह सर्वशक्तिमान ने मनुष्य की उत्पत्ति की और धरती की समस्त चीज़ों की रचना करके उनके लिए इस दुनिया में जीवन यापन का बढ़िया प्रबंध किया तथा उन्हें असंख्य अनुकंपाओं और नेमतों से सम्मानित किया। लेकिन बहुत कम ही मनुष्य ऐसे हैं जो इस तथ्य पर मननचिंतन करते हैं कि हमारे जन्मदाता का इसके पीछे कोई लक्ष्य है अथवा उसने मनुष्य को व्यर्थ और अकारण बनाया है ॽ जबकि वास्तविकता यह है कोई बुद्धिमान अकारण कोई काम नहीं करता, तो फिर सर्वबुद्धिमान और सर्वज्ञानी अल्लाह सर्वशक्तिमान की यह रचना उद्देश्यहीन कैसे हो सकती हैॽ बल्कि इस ब्रह्माण्ड और उसके बीच मौजूद सृष्टि में मननचिंतन करने वाला इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि उसका एक महान रचयिता और सृष्टा है और वह अकेला है उसका कोई साझी और सहायक नहीं, वही एक मात्र सृष्टा, जन्मदाता और रचयिता है, वही स्वामी और पालनहार है, वही मृत्यु और जन्म देता है और वही सबको जीविका प्रदान करता है। अतः वही एकमात्र पूजा के योग्य और उपास्य व आराध्य है। वही सत्य पूज्य है और उसके अतिरिक्त जिसकी भी पूजा की जाती है वह असत्य और व्यर्थ है।
- हिन्दी लेखक : हमूद बिन मुहम्मद अल्लाहिम लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : मुहम्मद शरीफ़ अनुवाद : मुहम्मद शरीफ़ संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस पुस्तक में इस्लाम का अर्थ और उसकी वास्तविकता, अल्लाह के आदेश और उसकी शरीअत की जानकारी के साधन, ईश्दूतों और उनकी सत्यता के प्रमाणों का ज्ञान, इस्लाम और ईमान के स्तंभों का वर्णन, इस्लामी शरीअत के स्रोत और बंदों पर अनिवार्य कर्तव्यों का वर्णन किया गया है, तथा इस बात का उल्लेख किया गया है कि शरीअत को लागू करना अल्लाह की उपासना है और उसने मानव की पाँच आवश्यक ज़रूरतों की रक्षा की है।