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यह इस्लाम के संक्षिप्त परिचय पर आधारित, एक अति महत्वपूर्ण पुस्तिका है, जिसमें इस धर्म के अहम उसूलों, शिक्षाओं तथा विशेषताओं का, इस्लाम के दो असली संदर्भों अर्थात क़ुरआन एवं हदीस की रोशनी में, वर्णन किया गया है। यह पुस्तिका परिस्थितियों और हालात से इतर, हर समय और हर स्थान के मुस्लिमों तथा गैर-मुस्लिमों को उनकी ज़ुबानों में संबोधित करती है।
- हिन्दी लेखक : बिलाल फिलीप्स अनुवाद : मुहम्मद रईस
सच्चा धर्म : सत्य धर्म के खोजी के लिए एक लाभदायक संक्षिप्त पुस्तिका, जिसमें इस्लाम धर्म का एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि इस्लाम ही वह धर्म है जिसके अतिरिक्त अल्लाह सर्वशक्तिमान कोई अन्य धर्म स्वीकार नहीं करेगा। इसी तरह इसमें अन्य धर्मों और सिद्धांतों की समीक्षा करते हुए उनकी शून्यता को स्पष्ट किया गया है। इसके अलावा, ईसा और उनकी माँ – अलैहिमस्सलाम - की वास्तविकता, इस्लामी धर्म की सार्वभौमिकता और इन्सान व जिन्नात की रचना का उद्देश्य उल्लेख किया गया है।
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- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
अल्लाह कौन हैः प्रस्तुत लेख में अल्लाह सर्वशक्तिमान के नाम का परिचय कराते हुए, अल्लाह के अस्तित्व और उसकी विशेषताओं के तथ्य तक पहुँचने के रास्ते का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
उसकी रचनाएँ उसका पता देती हैंः इस ब्रह्माण्ड में अल्लाह की अनगिनत रचनाएँ जो उसके अस्तित्व का सबसे महान प्रमाण हैं। प्रस्तुत लेख में पवित्र क़ुरआन में वर्णित कुछ चमत्कारों का उल्लेख किया गया है जिनसे अल्लाह के अस्तित्व का स्पष्ठ संकेत मिलता है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस्लाम : इस वीडियो में बयान किया गया है कि इस्लाम क्या है? और क्या मानव को इस्लाम की जरूरत है? यह एकेश्वरवाद के साथ अल्लाह के लिए समर्पण, आज्ञाकारिता के साथ उसके अनुपालन और बहुदेववाद एवं बहुदेववादियों से अलगाव का नाम है। तथा इस्लामी धर्म की कुछ विशेषताओं ; न्याय, दया, प्रेम और सहिष्णुता आदि का उल्लेख किया गया है। और यह कि इस्लाम ही लोक परलोक में स्वभाग्य का कारण और पुनर्जन्म में मोक्ष के लिए रास्ता है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस वीडियो में यह उल्लेख किया गया है कि क़ुरआन करीम अल्लाह सर्वशक्तिमान का वचन है, जिसे अल्लाह ने अपने अंतिम सन्देष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर सर्वमानवजाति के मार्गदर्शन के लिए अवतरित किया है। अल्लाह ने संपूर्ण क़ुरआन लौहे-महफूज़ से एक ही बार में दुनियावी आकाश पर अवतरित किया, फिर थोड़ा-थोड़ा कर तेईस साल के दौरान आवश्यकता के अनुसार पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर अवतरित किया। यह पवित्र ग्रंथ किसी प्रकार के हेर-फेर और परिवर्तन से सुरक्षित है क्योंकि अल्लाह ने इसकी रक्षा की ज़िम्मेवारी स्वयं ली है। यह अल्लाह का अनन्त चमत्कार है जिसके द्वारा अल्लाह ने मानव जाति और जिन्न को इसके समान कोई भी चीज़ प्रस्तुत करने की चुनौती दी है। इस ग्रंथ में स्वयं मानव जाति और उसकी वास्तविकता, इस संसार में उसके कर्तव्यों और उद्देश्य, तथा इस जीवन के बाद महाप्रलय के समाचार और उसकी घटनाओं इत्यादि का वर्णन है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
हिन्दी भाषा में यह एक संक्षिप्त भाषण है जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि इस्लाम धर्म में प्रवेश करने के लिए क्या करना है, तथा इस्लाम में प्रवेश करने के बाद उसे क्या सीखना चाहिए।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
क्या आप मुझे हिंदू धर्म के बारे में कुछ तथ्यों का खुलासा कर सकते हैं ?
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
मानवाधिकार की आधारशिला: इस्लाम एक संपूर्ण व्यापक धर्म है जो मनुष्य के सभी धार्मिक और सांसारिक हितों की रक्षा करता है और उसके लिए मानक स्थापित करता है। चुनांचे उसने मानव जाति के सभी श्रेणियों के लिए अधिकार निर्धारित किए हैं, जिनसे अभी तक मानवता अपने इतिहास में अनभिज्ञ थी। जब अल्लाह सर्वशक्तिमान ने इस्लाम धर्म को पूरा कर देने, अपने अनुग्रह को संपन्न कर देने और मानवता के लिए इस्लाम को धर्म के रूप मे पसंद कर लेने की घोषणा कर दी, तो पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अपने हज्ज के अवसर पर एक ऐतिहासिक भाषण दिया और उसमें लोगों के अधिकारों का उल्लेख किया, जो मानव अधिकारों के लिए नींव रखने के रूप में देखा जाता है। प्रस्तुत लेख में इसी का वर्णन है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : वसीउल्लाह बिन मुहम्मद अब्बास संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस्लाम ही मानवता के लिए समाधान हैः अल्लाह सर्वशक्तिमान ने मानवजाति को एक महान उद्देश्य के लिए पैदा किया है, और उनके लिए उसकी ओर मार्गदर्शन का प्रबंध किया है। चुनाँचे उनकी ओर सन्देष्टा भेजे, उन पर अपनी पुस्तकें अवतरित कीं। यहाँ तक कि इस अनुकम्पा को परिपूर्ण कर दिया और इस ऋंखला को हमारे सन्देष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर संपन्न कर दिया। क्योंकि अल्लाह ने आपको अंतिम सन्देष्टा बनाकर रहती दुनिया तक सभी मानवजाति के लिए संदेशवाहक बनाया है। अतः मानवजाति के लिए जीवन में सौभाग्य, तथा परलोक में मोक्ष और सफलता केवल इस्लाम के मार्ग में है, और वही उनके सभी समस्याओं का समाधान है। प्रस्तुत व्याख्यान में, यह स्पष्ट किया गया है कि इस्लाम ही मानवता के लिए एकमात्र समाधान क्यों है।
- हिन्दी वक्ता : हाफिज़ अरशद बशीर मदनी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
होतीं : इस्लाम एक सार्वभौमिक और शाश्वत धर्म है : इस्लाम अल्लाह का अंतिम धर्म है, जो अंतिम सन्देष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के इस धर्म को लाने के समय से लेकर परलोक के दिन तक, सभी लोगों के लिए एक सर्वसामान्य धर्म है। अतः मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के बाद कोई ईश्दूत और सन्देष्टा नहीं, तथा इस्लाम के बाद कोई अन्य धर्म और सन्देश नहीं। सो इसलाम किसी विशेष जनजाति या गोत्र के लिए नहीं है, और न ही किसी एक विशेष स्थान या निर्धारित समय के लिए है। बल्कि हर समय और पर स्थान पर सभी लोगों के लिए एक सर्वसामान्य है। धर्म के रूप में इस्लाम नहीं है. इस व्याख्यान में इसी का वर्णन किया
- हिन्दी वक्ता : अबू ज़ैद ज़मीर संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
आमंत्रणः अल्लाह सर्वशक्तिमान ने अपने ईश्दूत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को सर्व मानवजाति के लिए अपना अंतिम संदेष्टा बनाकर भेजा। यह एक ऐसे समय पर घटित हुआ जब अरब के लोग लड़कियों को जीवित गाड़ दिया करते थे, आपस में मामूली बात पर कट-मरते थे, मूर्तियों की पूजा करते थे, महिलाओं पर अत्याचार और उनका अपमान करते थे। ऐसी गंभीर परिस्थिति में, अल्लाह ने आपको मानवजाति के लिए दया व करुणा बनाकर अवतिरत किया। आप ने लोगों कों सत्य-धर्म, सफलता और सौभाग्य का मार्ग दर्शाया, उन्हें मूर्तियों की पूजा से निकालकर एकमात्र सर्वशक्तिमान अल्लाह की उपासना पर लगाया, और समाज के सभी सदस्यों के लिए उनके अधिकारों को सुनिश्चित किया। अतः मानवता के लिए सौभाग्य और शांति केवल इस्लाम की शिक्षाओं में है। इस्लाम के लिए आमंत्रित करना यथाशक्ति हर मुसलमान की ज़िम्मेदारी है। हर मुसलमान को अपने इस्लाम-ज्ञान के अनुसार अल्लाह के धर्म की ओर आमंत्रण देना चाहिए, तथा उसे इसके लिए शिष्टाचार से भी सुसज्जित होना चाहिए।
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस ऑडियो में इस बात का उल्लेख किया गया है किस तरह मानव समाज में ईश्दूतों के अवतरण की शुरूआत हुई और विकास करते हुए एक महान संदेष्टा के ईश्दूतत्व पर संपन्न हो गयी - और वह समस्त ईश्दूतों व संदेष्टाओं के नायक मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं। तथा ईश्दूतत्व के संक्षेप इतिहास का वर्णन करते हुए हमारे अंतिम संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ईश्दूतत्व, उनके अवतरण के समय धार्मिक व सामाजिक स्थितियों, उनके गुणों, पवित चरित्र, जीवन की घटनाओं, कठिन परिस्थियों, उनकी जाति के लोगों का आपके साथ दुर्व्यवहार और आपका उनके साथ सदव्यवहार का उल्लेख किया गया है। इसी तरह पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ईश्दूतत्व की सच्चाई, उसके प्रमाणों का चर्चा करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि आप पर ईश्दूतत्व का समापन हो जाता है। अतएव, आप अब परलोक तक सर्वमानवजाति के लिए अल्लाह के ईश्दूत व संदेष्टा हैं और सबके लिए आपका अनुपालन करना अनिवार्य है।
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इसलाम के सिद्धान्त : इस ऑडियो में इस्लाम धर्म के नामकरण का कारण, इस्लाम शब्द का अर्थ, इस्लाम और कुफ्र की वास्तविकता, कुफ्र की हानियाँ और उसके दुष्ट परिणाम तथा इस्लाम में प्रवेश करने के लाभ का चर्चा करते हुए, यह स्पष्ट किया गया है कि मनुष्य को अल्लाह के आज्ञापालन के लिए, अल्लाह के अस्तित्व, उसके गुणों और पसंदीदा तरीक़ों को जानने की ज़रूरत है। तथा उसके इस ज्ञान को विश्वास व यक़ीन के सर्वोच्च स्तर पर पहुँचा हुआ होना चाहिए। तथा मनुष्य को इस ज्ञान को प्राप्त करने के लिए स्वयं कोशिश नहीं करनी है, बल्कि अल्लाह ने अपने कुछ बंदों को इस मकान कार्य के लिए स्वयं चयन कर लिया है, और उन्हें यह ज्ञान प्रदान करके, उसे अपने सभी बंदों तक पहुँचाने का आदेश दिया है। अब बंदों को चाहिए के अल्लाह के चयनित सत्यवादी संदेष्टाओं को पहचानें, उन पर ईमान लायें, उनकी बातों को सुनों और उनकी शिक्षाओं और निर्देशों के अनुसार जीवन बितायें। इसके अलावा मनुष्य के लिए अल्लाह की अज्ञाकारिता का कोई अन्य रास्ता नहीं है।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मह बिन इब्राहीम अत-तुवैजरी
ग़ैर-मुस्लिमों के लिए हम इस्लाम की सहिष्णुता को कैसे प्रमाणित करें और यह कि वह एक आसान धर्म है ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
मेरे पिता अफ्रीक़ी असल से एक अमेरिकी हैं और मेरी श्वेत में से है, मैं ने इस धर्म के बारे में गहन खोज किया है, मेरी आयु 16 वर्ष है, मैं वास्तव में एक मुसलमान बनना चाहता हूँ, मैं यह जानना चाहता हूँ कि क्या वाक़ई मैं मुसलमान बन सकता हूँ ?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
इस्लाम धर्म और मुस्लिम धर्म के बीच क्या अंतर है, या वे दोनों एक ही चीज़ हैं ॽ
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आइटम्स की संख्या: 135
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