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अक़ीदा (आस्था)

आइटम्स की संख्या: 34

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    उम्मुल-मोमिनीन (अर्थात् विश्वासियों की माँ) सैयिदा हिन्द बिन्त सुहैल उम्मे सलमा रज़ियल्लाहु अन्हा शिष्टाचार और समझबूझ (बुद्धि) में सबसे परिपूर्ण महिलाओं में से थीं, वह पहले पहल इस्लाम स्वीकार करनेवालों में से थीं, उनके पति अबू सलमा की मृत्यु के बाद पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनसे शादी की, उन्हों ने बहुत लंबी जीवन पाई, पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की पवित्र पत्नियों में सब से आखिर में उनका निधन हुआ। इस लेख में उनकी संक्षेप जीवनी प्रस्तुत की गई है।

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    उम्मुल-मोमिनीन (अर्थात् विश्वासियों की माँ) सैयिदा ज़ैनब बिन्त जहश रज़ियल्लाहु अन्हा उन महिलाओं में से हैं जिन्हों ने इस्लाम में प्रवेश करने में शीघ्रता की, वह अपने धर्म में पक्की और सच्ची थीं, उन्हों ने कुरैश की यातना और उत्पीड़न को सहन किया यहाँ तक कि अपने हिज्रत करने वाले भाईयों के साथ मदीना की तरफ हिज्रत की। इस लेख में उनकी संक्षेप जीवनी प्रस्तुत की गई है।

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    उम्मुल-मोमिनीन (अर्थात् विश्वासियों की माँ) सैयिदा जुवैरियह रज़ियल्लाहु अन्हा अपनी क़ौम के लिए सबसे अधिक बरकत वाली महिला थीं, पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के उनसे शादी कर लेने के कारण क़ौम - बनी मुस्तलिक़ - के सौ घर वाले आज़ाद कर दिए गए। इस लेख में उनकी संक्षेप जीवनी प्रस्तुत की गई है।

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    क्या ईश्वर हैॽ: इस लेख में अल्लाह सर्वशक्तिमान के अस्तित्व पर बुद्धि के द्वारा तर्क स्थापित किया गया है।

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    उम्मुल-मोमिनीन (अर्थात् विश्वासियों की माँ) सैयिदा सौदह बिन्त ज़मअह रज़ियल्लाहु अन्हा वह पहली महिला हैं जिनके साथ पैगंब रसल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने ख़दीजह रज़ियल्लाहु अन्हा के बाद विवाह किया, और उन्हीं के बारे में हिजाब (पर्दा) की आयत उतरी। इस लेख में उनकी संक्षेप जीवनी प्रस्तुत की गई है।

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    उम्मुल-मोमिनीन (अर्थात् विश्वासियों की माँ) सैयिदा खदीजह रज़ियल्लाहु अन्हा वह पहली महिला हैं जिनसे पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने शादी की, उस समय उनकी आयु चालीस वर्ष थी, जबकि पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पच्चीस वर्ष के थे। तथा वह आपके निकट सबसे प्रिय पत्नी थीं। इस लेख में उनकी संक्षेप जीवनी प्रस्तुत की गई है।

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    इस लेख में इस धरती पर जन्मित सबसे महान पुरुष मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का अति संछिप्त परिचय तथा आप के कुछ महान गुणों और चमत्कारों का उल्लेख किया गया है। तथा इस बात को स्पष्ट किया गया है कि आप सर्व मानव जाति के लिए संदेष्टा बनाकर भेजे गए हैं। इसी प्रकार अन्य धार्मिक ग्रंथों में वर्णित आपके के कुछ गुण विशेषण का भी उल्लेख किया गया है।

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    इस लेख में धार्मिक ग्रंथों की रोशनी में सर्वशक्तिमान ईश्वर का सही ज्ञान प्रस्तुत किया गया है और इस ग़लत कल्पना का खंडन किया गया है कि ईश्वर, मानव के मार्गदर्शन के लिए अवतार लेता है। बल्कि वास्तविकता यह है कि ईश्वर मानव मार्गदर्शन के लिए उन्हीं में से एक व्यक्ति को चयन कर लेता है और उस पर अपने आदेश अवतरित करता है जिसे संदेष्टा और ईश्दूत कहा जाता है। तथा इस प्रचलित भ्रम का भी खंडन किया गया है कि इस्लाम के संस्थापक मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं।

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    इस लेख में सृष्टा के अस्तित्व, उसकी एकता तथा उसके प्रमाणों का उल्लेख करते हुए, इंसान की तबाही और मनुष्य के जीवन में अशांति का वास्तविक कारण स्पष्ट किया गया है, और वह मनुष्य का अपने वास्तविक शासक और पूज्य को भुला बैठना है। अतः जब तक मनुष्य एक ईश्वर पर विश्वास नहीं रखता और अपने सभी कार्यों के प्रति उसके समक्ष जवाबदेह होने का आस्था नहीं रखता है, उस समय तक शांति सेथापित नहीं हो सकती।

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    उसमान बिन अफ्फान रज़ियल्लाहु अन्हु के जीवन की कुछ झलकियाँ : इस लेख में मुसलमानों के तीसरे खलीफी उसमान बिन अफ्फान रज़ियल्लाहु अन्हु की जीवनी, आपकी विशेषताओं और महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में कुछ झलकियाँ प्रस्तुत की गई हैं।

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    किसी चीज़ को मनहूस –अशुभ- समझना या उस से अपशकुन और बदफाली लेना जाहिलियत –अज्ञानता- के युज्ञ की परंपराओं में से है, जिसका इस्लाम ने खण्डन किया है और उसे अल्लाह पर दृढ़ विश्वास,संपूर्ण तवक्कुल व भरोसा के विरुद्ध घोषित किया है। जाहिलियत के समय के अरब जिन चीज़ों से अपशकुन लिया करते थे उन्हीं मे से एक इस्लामी केलेण्डर के द्वितीय मास सफर से अपशकुन लेना है,जिसका प्रभाव किसी न किसी रूप में आज तक के मुसलमानों में भी दिखायी देता है। इस लेख में इस्लामी दृश्य से इस पर प्रकाश डाला गया है।

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    उमर फारूक़ रज़ियल्लाहु अन्हु के जीवन की कुछ झलकियाँ : उमर फारूक़ रज़ियल्लाहु अन्हु ही वह दूसरे व्यक्ति है जिनका पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अपने पश्चात अनुसरण करने का आदेश दिया था। अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हु ने अपने बाद आप को ख़लीफा नामज़द किया। आप के शासन काल में अनेक प्राथमिकताएं जन्मित हुईं और बाहुल्य रूप से फुतूहात हुईं। रूम व फारिस के देश आप के कार्यकाल में पराजित किए गए और उसके खजाने आप के पास लाए गए, किन्तु आप के कपड़े पर 10 से अधिक पैवंद लगे होते थे। आप के जीवन के विषय में अधिक जानकारी के लिए यह लेख पढ़िए ।

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    अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हु के जीवन की कुछ झलकियाँ : अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हु पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पश्चात इस उम्मत के सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं। आजीवन पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के संगत में रहे और आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के स्वर्गवास के बाद आप के उत्तराधिकारी -खलीफा- बनाए गए। आप के गुण-विशेषण क्या हैं\ आप के शासन काल की क्या प्राप्तियाँ हैं\ संछिप्त में पढ़िए गा इस लेख में।

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    रजब के महीने को अन्य महीनों पर कोई विशेषता नहीं प्राप्त है, इसके बावजूद बहुत सारे मुसलमान विशेष रूप से इस महीने में ऐसी विभिन्न इबादतें करते हैं जिन का इस्लाम में कोई आधार नहीं है, और वह सारी चीज़ें बिद्आत की गणना में आती हैं, जिन से बचाव करना अनिवार्य है। इस लेख में रजब के महीने में की जाने वाली बिदआत का उल्लेख करते हुए खण्डन किया गया है।