- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
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- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
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इस्लाम से संबंधित संदेह
आइटम्स की संख्या: 3
- मुख्य पृष्ठ
- अग्र-भाग की भाषा : हिन्दी
- विषयवस्तु की भाषा : सभी भाषाएँ
- इस्लाम से संबंधित संदेह
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
आमतौर पर यह समझा जाता है कि इस्लाम 1400 वर्ष पुराना धर्म है, और इसके ‘प्रवर्तक’ पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं। लेकिन वास्तव में इस्लाम उतना ही पुराना जितना धर्ती पर स्वयं मानवजाति का इतिहास है, तथा पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम इसके प्रवर्तक व संस्थापक नहीं, बल्कि इसके आह्वाहक हैं। प्रथम मानव व ईश्दूत आदम अलैहिस्सलाम से लेकर अंतिम पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम तक सभी ईश्दूतों और संदेष्टाओं का धर्म इस्लाम ही रहा है। पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम इस श्रृंखला के अंतिम कड़ी हैं। अल्लाह ने आप के हाथों पर इस धर्म को परिपूर्ण और संपन्न कर दिया है। प्रस्तुत लेख में इसी तथ्य का खुलासा करते हुए, इस दुष्प्रचार का खण्डन किया गया है कि इस्लाम के प्रवर्तक मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस लेख में धार्मिक ग्रंथों की रोशनी में सर्वशक्तिमान ईश्वर का सही ज्ञान प्रस्तुत किया गया है और इस ग़लत कल्पना का खंडन किया गया है कि ईश्वर, मानव के मार्गदर्शन के लिए अवतार लेता है। बल्कि वास्तविकता यह है कि ईश्वर मानव मार्गदर्शन के लिए उन्हीं में से एक व्यक्ति को चयन कर लेता है और उस पर अपने आदेश अवतरित करता है जिसे संदेष्टा और ईश्दूत कहा जाता है। तथा इस प्रचलित भ्रम का भी खंडन किया गया है कि इस्लाम के संस्थापक मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं।
- हिन्दी
यह पुस्तिका वास्तव में एक पत्र है जिसे एक नव-मुस्लिम ने अपनी माँ के नाम लिखा है, जिस में उसने अपनी माँ को इस्लाम के वास्तविक संदेश से अवगत कराते हुये यह स्पष्ट किया है कि उसने इस्लाम धर्म क्यों स्वीकार किया है। तथा इस्लाम के बारे में अपनी माँ के अशुद्ध विचारों, ग़लतफह्मियों और आशंकाओं का निवारण किया है।