- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
- मसाहिफ़ (क़ुरआन की प्रतियाँ)
- क़ुरआन करीम के पाठ
- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
- विशिष्ट तिलावतें
- नोबल क़ुरआन और उसके वाहकों के शिष्टाचार
- हदीस
- अक़ीदा (आस्था)
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- इबादत (उपासना) और उसके प्रकार
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- कुफ्र (नास्तिकता)
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- शिर्क (अनेकेश्वरवाद) और उसका खतरा
- बिदअत (नवाचार) : उसके प्रकार एवं उदाहरण
- सहाबा और आले-बैत
- तवस्सुल
- वलायत और औलिया की करामतें
- जिन्न
- वफादारी और दुश्मनी तथा उसके प्रावधान
- अह्लुस्सुन्नह वल-जमाअह
- धर्म और पंथ
- संप्रदाय (पंथ)
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- दिल को विनम्र करने वाली बातें और सदुपदेश
- भलाई का आदेश देना तथा बुराई से रोकना
- इस्लामी दावत की वस्तुस्थिति
- क़ुरआन करीम
- हिन्दी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या मुसलमान का नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ओर से क़ुर्बानी करना सही है ? इस मुद्दे में विद्वानों का विचार क्या है ? इस हदीस की प्रामाणिकता क्या है और उसकी व्याख्या क्या है ? हनश से वर्णित है वह अली रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत करते हैं कि : ‘‘वह दो मेंढों की क़ुर्बानी करते थे, एक नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ओर से और दूसरी अपनी तरफ से। उनसे इसके (कारण के) बारे में पूछा गया, तो उन्हों ने फरमाया : मुझे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इसका आदेश दिया है। इसलिए मैं इसे कभी नहीं छोड़ूँगा।’’ इसे तिर्मिज़ी और अबू दाऊद ने रिवायत किया है।
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या मृतक के लिए क़ुर्बानी करना जाइज़ है ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या उस व्यक्ति के लिए जो इस्लाम धर्म का अनुपालन करने वाला नहीं है, ईदुल अज़्हा की क़ुर्बानी के गोश्त से खाना जाइज़ है ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या क़ुर्बानी का हुक्म पवित्र क़ुरआन में आया है, और वह किस आयत में आया है ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क़ुर्बानी के बारे में बातचीत हुई, कुछ लोगों का विचार यह था कि मृतक पर कु़र्बानी की वसीयत वैध नहीं है, क्योंकि सहाबा रज़ियल्लाहु अन्हुम और नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अपनी मृत्यु के बाद वसीयत नहीं की थी, इसी तरह खुलफाये राशेदीन ने भी इसकी वसीयत नहीं की। इसी तरह कुछ भाईयों की राय यह थी कि क़ुर्बानी की क़ीमत का सद्क़ा करना उसकी क़ुर्बानी करने से बेहतर है। आप से अनुरोध है कि इस मामले में आप अपने विचार से हमें अवगत करायें।