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ज़कात
आइटम्स की संख्या: 5
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
ज़कात इस्लाम के कर्तव्यों में से एक महान कर्तव्य और उसका तीसरा महत्वपूर्ण स्तंभ है, जिसे अल्लाह तआला अपनी किताब में अनिवार्य किया है और अल्लाह के पैग़ंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने स्वयं ज़कात वसूल किया है और जिस पर ज़कात अनिवार्य है उस से वसूल करने का आदेश दिया है। इस लेख में ज़कात का हुक्म, उसके अनिवार्य होने प्रमाण, उसको रोकने या उसमें कंजूसी करने वाले के हुक्म का उल्लेख किया गया है। तथा जिन धनों में ज़कात अनिवार्य उनके प्रकार, उनका निसाब, अनिवार्य मात्रा, ज़कात निकालने का तरीक़ा और उसके हक़दार लोगों का वर्णन किया गया है।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख मे तरावीह की नमाज़ का हुक्म, उसकी फज़ीलत, उसकी रक्अतों की संख्या और उसकी अदायगी का मस्नून तरीक़ा उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस्लाम के गुणों में से एक महान गुण यह भी है कि उसने लोगों की आवश्यकताओं और उनकी परिस्थितियों का बहुत ध्यान रखा है और जहाँ भी उन्हें कठिनाई और कष्ट का सामना होता है, वहाँ उनके लिए आसानी का नियम और संविधान पस्तुत करता है, उन्हीं में से एक बीमार और मुसाफिर के रोज़े का मस्अला भी है। इस लेख मे बीमार और मुसाफिर के रोज़े का हुक्म तथा बीमारी और सफर के विभिन्न प्रकार उल्लेख किये गये है जिनमें उनके लिए रोज़ा तोड़ने की रूख्सत प्राप्त होती है या उन्हें इसकी छूट नहीं मिलती है।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
रोज़ा –व्रत-जिसे अल्लाह तआला ने अपने बंदों पर अनिवार्य किया है, उसके अंदर बहुत बड़ी तत्वदर्शिता और ढेर सारे फायदे और लाभ हैं, जिन से एक रोज़ा रखने वाला लाभान्वित होता है। इस लेख में इसी का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
ज़कातुल-फित्र के अहकामः रमज़ान के महीने की समाप्ति अल्लाह के पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने मुसलमानों पर ज़कातुल-फित्र निकालना अनिवार्य किया है। इस लेख में ज़कातुल-फित्र के अहकाम संछिप्त रूप में वर्णन किए गए हैं।