- वर्गीकरण वृक्ष
- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
- मसाहिफ़ (क़ुरआन की प्रतियाँ)
- क़ुरआन करीम के पाठ
- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
- विशिष्ट तिलावतें
- नोबल क़ुरआन और उसके वाहकों के शिष्टाचार
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- इबादत (उपासना) और उसके प्रकार
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- Introducing Islam to non-Muslims
- A Guidance for the Worlds
- क़ुरआन करीम
उपासनाएं
आइटम्स की संख्या: 31
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : सलाह बिन मुहम्मद अल-बुदैर अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
प्रस्तुत लेख मदीना नबविया की ज़ियारत करनेवालों के लिए कुछ निर्देशों पर आधारित है जिसमें उन चीज़ों का उल्लेख किया गया है जिनका करना वैध और धर्मसंगत है, जैसे - मस्जिदे नबवी की ज़ियारत करना और उसमें नमाज़ पढ़ना, नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की क़ब्र और आपके दोनों साथियों की क़ब्रों की ज़ियारत और उन पर सलाम, तथा मस्जिदे क़ुबा की ज़ियारत और उसमें नमाज़ पढ़ना, बक़ीउल गर्क़द और उहुद के शहीदों की उनपर सलाम पढ़ने और उनके लिए दुआ करने के लिए ज़ियारत करना। इसी तरह उन चीज़ों का भी उल्लेख किया गया है जिनका करना अवैघ और नाजायज़ है, जैसे - मस्जिदे नबवी के किसी भाग या नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के कमरे की दीवारों या जालियों आदि को छूकर या चूकमकर बर्कत हासिल करना वग़ैरह।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
प्रस्तुत लेख में मस्जिदे नबवी की ज़ियारत के शिष्टाचार और आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम तथा आपके दोनों साथियों अबू बक्र व उमर रज़ियल्लाहु अन्हुमा पर सलाम पढ़ने के तरीक़े का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी
- हिन्दी
- हिन्दी
- हिन्दी
रोज़ा से संबंधित महत्वपूर्ण बातें: यह पुस्तिका हिंदी भाषा में है, जिसे डॉ. हैस़म सरहान ने लिखा है, जिसमें उन्होंने वाजिब एवं मुस्तहब रोज़ों के महत्वपूर्ण मसलों का उल्लेख किया है, तथा कब रोज़ा रखना मकरूह होता है एवं कब ह़राम इसे भी उजागर किया है, इसके अतिरिक्त सदक़ा -ए- फ़ित्र एवं ईद की नमाज़ से संबंधित अति महत्वपूर्ण फ़िक्ही मसलों को भी बयान किया है।
- हिन्दी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
हज्ज मबरुर और उसकी फज़ीलत : इस लेख में हज्ज मबरुर की फज़ीलत बयान करते हुए यह उल्लेख किया गया है आदमी का हज्ज मबरुर कब और कैसे होता है।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
यह आदरणीय शैख मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन रहिमहुल्लाह की पत्रिका ‘‘अहकामुल उज़हियाति वज़्ज़कात’’ का एक अध्याय है, जिसके अंदर क़ुर्बानी के विषय में बुनियादी उसूल का उल्लेख किया गया है और वह यह है कि क़ुर्बानी ज़िन्दा लोगों की तरफ से धर्मसंगत है। लेकिन इस समय बहुत से लोग ज़िन्दों को छोड़कर, मरे हुए लोगों की तरफ से क़ुर्बानी करते हैं। प्रस्तुत लेख में मरे हुए लोगों की तरफ से क़ुर्बानी की हालतों पर चर्चा किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अब्दुह क़ाइद अज़-ज़रीबी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
प्रस्तुत लेख में कुछ शिष्टाचार उल्लेख किए गए हैं जिनसे एक हाजी को हज्ज करने से पहले सुसज्जित होना ज़रूरी है।
- हिन्दी
अल्लाह तआला की महान कृपा और उपकार है कि उसने अपने बन्दों के लिए ऐसे नेकियों के मौसम और अवसर निर्धारित किये हैं जिन में वे अधिक से अधिक नेक कार्य करके अपने पालनहार की निकटता प्राप्त करने की चेष्टा करते हैं। उन्हीं महान मौसमों और महत्वपूर्ण अवसरों में से एक ज़ुलहिज्जा के प्राथमिक दस दिन भी हैं, जिन्हें पैग़ंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ दिन बतलाए हैं। प्रस्तुत लेख में ज़ुल-हिज्जा के प्राथमिक दस दिनों की फज़ीलत तथा उनसे संबंधित कुछ प्रावधानों का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : एहसान अल-उतैबी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
प्रस्तुत लेख एक महत्वपूर्ण मुद्दे के वर्णन पर आधारित है जिसके बारे में, विशेषकर शव्वाल के महीने में, अधिक प्रश्न किया जाता है, और यह मुद्दा ’’एक ही कार्य में कई नीयतों को एकत्रित करना’’ है।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन बक़नह शहरानी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
प्रस्तुत लेख में हाजियों के लिए हज्ज के महान कर्तव्य की अदायगी के बाद कुछ वसीयतें प्रस्तुत की गई हैं जिनका पालन करना हाजी के लिए अति उचित है।
- हिन्दी लेखक : अब्दुल्लाह बिन अहमद आल-अल्लाफ अल-गामिदी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
प्रस्तुत पुस्तिका में हाजियों के लिए हज्ज के छः दिनों के काम संक्षेप में उल्लेख किए गए हैं, जिसका आरंभ ज़ुल-हिज्जा की 8वीं तारीख से होता है और तश्रीक़ के अंतिम दिन 13वीं ज़ुल-हिज्जा को संपन्न हो जाता है।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
हज्ज और उम्रा के शिष्टाचारः प्रस्तुत लेख में कुछ ऐसे शिष्टाचार का उल्लेख किया गया है जिनसे हज्ज या उम्रा करने वाले को सुसज्जित होना चाहिए।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
नमाज़े-वित्र उन नमाज़ों में से है जिन्हें पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने पाबंदी के साथ पढ़ी है, बल्कि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इसे सफर में भी नहीं छोड़ा है। इसकी विभिन्न संख्याएं और उनके पढ़ने के विभिन्न तरीक़े हैं। उसकी कम से कम संख्या एक रक्अत है और नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से तेरह रक्अतों तक वित्र पढ़ना साबित है। इस लेख में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से साबित वित्र की विभिन्न संख्याओं और उनके पढ़ने के तरीक़े, दिन में वित्र की क़ज़ा और अन्य संबंधित बातों का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अब्दुल मलिक अल-क़ासिम अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख मे इस्लामी जन्त्री के अन्तिम महीने ज़ुल-हिज्जा के प्राथमिक दस दिनों की फज़ीलत तथा उन नेक कामों का उल्लेख किया गया है जिन्हें इन दिनों में करना उचित है। साथ ही साथ इन दस दिनों में घटित होने वाली एक महत्वपूर्ण इबादत क़ुर्बानी और एक महान पर्व ईदुल अज़हा के अहकाम का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
ज़कात इस्लाम के कर्तव्यों में से एक महान कर्तव्य और उसका तीसरा महत्वपूर्ण स्तंभ है, जिसे अल्लाह तआला अपनी किताब में अनिवार्य किया है और अल्लाह के पैग़ंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने स्वयं ज़कात वसूल किया है और जिस पर ज़कात अनिवार्य है उस से वसूल करने का आदेश दिया है। इस लेख में ज़कात का हुक्म, उसके अनिवार्य होने प्रमाण, उसको रोकने या उसमें कंजूसी करने वाले के हुक्म का उल्लेख किया गया है। तथा जिन धनों में ज़कात अनिवार्य उनके प्रकार, उनका निसाब, अनिवार्य मात्रा, ज़कात निकालने का तरीक़ा और उसके हक़दार लोगों का वर्णन किया गया है।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख मे तरावीह की नमाज़ का हुक्म, उसकी फज़ीलत, उसकी रक्अतों की संख्या और उसकी अदायगी का मस्नून तरीक़ा उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस्लाम के गुणों में से एक महान गुण यह भी है कि उसने लोगों की आवश्यकताओं और उनकी परिस्थितियों का बहुत ध्यान रखा है और जहाँ भी उन्हें कठिनाई और कष्ट का सामना होता है, वहाँ उनके लिए आसानी का नियम और संविधान पस्तुत करता है, उन्हीं में से एक बीमार और मुसाफिर के रोज़े का मस्अला भी है। इस लेख मे बीमार और मुसाफिर के रोज़े का हुक्म तथा बीमारी और सफर के विभिन्न प्रकार उल्लेख किये गये है जिनमें उनके लिए रोज़ा तोड़ने की रूख्सत प्राप्त होती है या उन्हें इसकी छूट नहीं मिलती है।
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
रोज़ा –व्रत-जिसे अल्लाह तआला ने अपने बंदों पर अनिवार्य किया है, उसके अंदर बहुत बड़ी तत्वदर्शिता और ढेर सारे फायदे और लाभ हैं, जिन से एक रोज़ा रखने वाला लाभान्वित होता है। इस लेख में इसी का उल्लेख किया गया है।