- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
- मसाहिफ़ (क़ुरआन की प्रतियाँ)
- क़ुरआन करीम के पाठ
- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
- विशिष्ट तिलावतें
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- क़ुरआन करीम
ज़कात की शर्तें
आइटम्स की संख्या: 2
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
कुछ विद्वानों का कहना है कि जिन नक़दी धनों में ज़कात अनिवार्य है उन का निसाब (यानी ज़कात के अनिवार्य होने की न्यूनतम मात्रा) यह है कि वह 56 (छप्पन) सऊदी रियाल के बराबर हो जाए। किंतु कुछ दूसरे लोगों का कहना है कि यह निसाब एक ऐसे समय में निर्धारित किया गया था जब लोगों के हाथों में मुद्रा कम थी, लेकिन आज सोने और चाँदी की क़ीमत बदल गर्इ है, जबकि ज्ञात रहे कि अतीत में 56 रियाल आजकल के दो हज़ार सऊदी रियाल (2000) के बराबर है, तो इस मुद्दे में निर्णायक हुक्म क्या है ?
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या ज़कात को रूपये (नक़द), या गेहूँ, या चावल, या किसी भी अनाज की शक्ल में दिया जा सकता है ? क्या उसे नक़द मुद्रा के रूप में देना जायज़ है ? क्या उस धन में ज़कात अनिवार्य है जिसके द्वारा वह व्यापार करने की इच्छा रखता है, और अगर उस धन की ज़कात निकाली जायेगी तो वह उसकी कितनी ज़कात निकालेगा ? अल्लाह तआला आपकी उस चीज़ के लिए रक्षा करे जिसमें इस्लाम और मुसलमानों का कल्याण है।