- वर्गीकरण वृक्ष
- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
- मसाहिफ़ (क़ुरआन की प्रतियाँ)
- क़ुरआन करीम के पाठ
- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
- विशिष्ट तिलावतें
- नोबल क़ुरआन और उसके वाहकों के शिष्टाचार
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- Introducing Islam to Muslims
- Introducing Islam to non-Muslims
- क़ुरआन करीम
Introducing Islam to non-Muslims
आइटम्स की संख्या: 68
- मुख्य पृष्ठ
- अग्र-भाग की भाषा : हिन्दी
- विषयवस्तु की भाषा : हिन्दी
- Introducing Islam to non-Muslims
- हिन्दी
अल्लाह जल्ल जलालुहु (सर्वशक्तिमान व महामहिम) प्रेम करने वालों का मित्र हैः यह पुस्तक अल्लाह तआला के अस्मा -ए- ह़ुस्ना (सुंदर व प्यारे नामों) पर ईमान से परिपूर्ण एक अछूती शैली में प्रकाश डालती है, अल्लाह तआला के उन नामों के मध्य तुलनात्मक ढ़ंग अपनाते हुये जो एक ही यौगिक से निकले हैं, उदाहरणस्वरूपः अल्लाह एवं इलाह, रह़मान एवं रह़ीम तथा वाह़िद एवं अह़द ... इत्यादि।
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का अवतरण मानवजाति के लिए समुचित दया व करूणा के रूप में हुआ है। अल्लाह ने आपको सर्व संसार के लिए रहमत-दया बनाकर भेजा है। आपकी दयालुता मात्र आपके अनुयायियों तक सीमित नहीं है, बल्कि वह आप में आस्था व विश्वास न रखनेवालों तक को भी सम्मिलित है। आपकी जीवनी ऐसे उदाहरणों से भरी पड़ी है जो गैरमुस्लिमों के साथ आपकी दयालुता को दर्शाते हैं। प्रस्तुत लेख में, ऐसे ही कुछ उदाहरणों का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : सैयद मुहम्मद इक़बाल संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
ईश्दूत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के अंतिम संदेष्टा हैं जिन्हें अल्लाह सर्व मानव जाति की ओर अपना संदेश्वाहक बनाकर भेजा है। अतः आप केवल मुसलमानों के लिए आदर्श नहीं हैं बल्कि परलोक के दिन तक आने वाली सर्वमानव जाति के लिए मार्गदर्शक और सर्वश्रेष्ठ आदर्श हैं। इस पुस्तिका में पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जीवन और धर्म संदेश के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओ पर संछिप्त के साथ प्रकाश डाला गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : माजिद बिन सुलैमान अर्रस्सी लेखक : महफूज़ुर्रहमान समीउल्लाह अनुवाद : महफूज़ुर्रहमान समीउल्लाह संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस्लाम आपका जन्माधिकार हैः इस्लाम ही वह अंतिम धर्म है जिसे अल्लाह सर्वशक्तिमान ने मानवता के लिए चयन किया है,जिसको स्वीकारना प्रत्येक मनुष्य पर अनिवार्य है और उसी के मार्न पर चलकर ही मनुष्य को मोक्ष, कल्याण, सफलता और वास्तविक सौभाग्य... प्राप्त हो सकता है। ऐसा क्यों है, इसके कारण क्या हैं ? और इस्लाम ही एकमात्र विकल्प क्यों ? इन सब तत्वों की जानकारी के लिए यह पुस्तिका सत्य के खोजी के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हो सकती है।
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस लेख में इस धरती पर जन्मित सबसे महान पुरुष मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का अति संछिप्त परिचय तथा आप के कुछ महान गुणों और चमत्कारों का उल्लेख किया गया है। तथा इस बात को स्पष्ट किया गया है कि आप सर्व मानव जाति के लिए संदेष्टा बनाकर भेजे गए हैं। इसी प्रकार अन्य धार्मिक ग्रंथों में वर्णित आपके के कुछ गुण विशेषण का भी उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस्लाम एक परिपूर्ण व्यापक धर्म है जो जीवन के सभी छेत्रों को सम्मिलित है। इस्लाम के अनुयायी का अपने उत्पत्तिकर्ता के साथ किस तरह का संबंध होना चाहिए तथा जिस समाज में वह जीवन यापन कर रहा है उसके विभिन्न सदस्यों के साथ उसका संबंध कैसा होना चाहिए, दोनों पक्षों को इस्लाम ने स्पष्ट किया है। इस पुस्तिका में यह उल्लेख किया गया है कि सर्व जगत के पालनहार के प्रति निष्ट होने के छेत्र क्या हैं, उसकी आराधना और उपासना किस प्रकार तथा उसके नियम क्या हैं। जिन्हें ईमान और इस्लाम के अर्कान यानी मूल आधार और सिद्धांत के नाम से जाना जाता है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस्लाम के शत्रु निरंतर यह राग अलापते रहे हैं कि इस्लाम ने महिलाओं पर अत्याचार किया है और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर दिया है। किन्तु यह मिथ्यारोप अतिशीघ्र ही निराधार होकर धराशायी हो जाता है जब हम इस बात से अवगत होते हैं कि इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने किस प्रकार महिलाओं को सम्मान प्रदान किया है, समस्त परिस्थितियों उन के साथ न्याय किया है और उन्हें वो अधिकार प्रदान किये हैं जिनकी वह इस से पूर्व कल्पना भी नहीं कर सकती थी। यह लेख इन्हीं तत्वों को स्पष्ट करते हुये महिलाओं के साथ पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के व्यवहार को प्रत्यक्ष करता है। .
- हिन्दी लेखक : अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अज़ीज़ अल-ईदान अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : सिद्दीक़ अहमद संशोधन : जलालुद्दीन प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस लेख में इस प्रश्न का संतोषजनक उत्तर दिया गया है किः क्या मनुष्य को धर्म की आवश्यकता है? चुनाँचे मनुष्य के जीवन में धर्म की आवश्यकता के कारणों का वर्णन करके यह सिद्ध किया गया है कि मनुष्य को मौलिक रूप से घर्म (इस्लाम) की आवश्यकता है।