- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
- मसाहिफ़ (क़ुरआन की प्रतियाँ)
- क़ुरआन करीम के पाठ
- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
- विशिष्ट तिलावतें
- नोबल क़ुरआन और उसके वाहकों के शिष्टाचार
- हदीस
- अक़ीदा (आस्था)
- तौहीद (एकेश्वरवाद)
- इबादत (उपासना) और उसके प्रकार
- इस्लाम
- ईमान और उसके स्तंभ
- ईमान के मसायल
- एहसान
- कुफ्र (नास्तिकता)
- निफाक़ (पाखण्ड)
- शिर्क (अनेकेश्वरवाद) और उसका खतरा
- बिदअत (नवाचार) : उसके प्रकार एवं उदाहरण
- सहाबा और आले-बैत
- तवस्सुल
- वलायत और औलिया की करामतें
- जिन्न
- वफादारी और दुश्मनी तथा उसके प्रावधान
- अह्लुस्सुन्नह वल-जमाअह
- धर्म और पंथ
- संप्रदाय (पंथ)
- इस्लाम से संबद्ध संप्रदाय
- समकालीन वैचारिक सिद्धांत
- धर्मशास्त्र
- उपासनाएं
- लेनदेन के मसायल
- क़सम और मन्नत
- पारिवारिक मसायल का ज्ञान
- चिकित्सा, उपचार और शरई झाड़-फूँक
- खाद्य पदार्थ और पेय
- दंडनीय अपराध
- न्यायिक व्यवस्था
- जिहाद
- समसामयिक एवं उभरते हुए मुद्दों का न्यायशास्त्र
- अल्पसंख्यकों के मसाईल का ज्ञान
- इस्लामी राजनीति
- इस्लामी धर्मशास्त्र के मत
- फ़त्वे
- उसूल फ़िक़्ह (धर्मशास्त्र के सिद्धांत)
- इस्लामी धर्मशास्त्र की किताबें
- विशेषताएं (खूबियाँ)
- अरबी भाषा
- इस्लाम का आह्वान
- Issues That Muslims Need to Know
- दिल को विनम्र करने वाली बातें और सदुपदेश
- भलाई का आदेश देना तथा बुराई से रोकना
- इस्लामी दावत की वस्तुस्थिति
- क़ुरआन करीम
ऑडियो
आइटम्स की संख्या: 25
- हिन्दी वक्ता : फैज़ुल्लाह अल-मदनी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
रमज़ान का मुबारक महीना, नेकी वभलाई के महान और सर्वश्रेष्ठ अवसरों में से है। प्रस्तुत आडियो में रमज़ान के महीने की फज़ीलत-प्रतिष्ठा पर चर्चा करते हुए, रमज़ान के महीने की शुरूआत और उसके प्रवेष करने के सबूत का वर्णन किया गया है, और यह स्पष्ट किया गया कि रमज़ान के महीने के आरंभ होने की प्रामाणिकता रमज़ान का चाँद देखने या उसके देखे जाने पर एक विश्वस्त आदमी की गवाही का होना, और यदि किसी कारण चाँद न दिखाई दे तो शाबान के तीस दिन पूरे करना है। तथा रमज़ान से पहले उसके अभिवादन के तौर पर एक दो दिन रोज़ा रखना धर्मसंगत नही है।
- हिन्दी वक्ता : अबू ज़ैद ज़मीर संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
शबें शबे-बराअत की हक़ीक़तः कोई महीना ऐसा नहीं बीतता जिसमें बिदअती और अपनी इच्छाओं के पुजारी लोग धर्म के नाम पर कोई न कोई नवाचार निकालकर अंजाम न देते हों। उन्हीं में से शाबान महीने की पंद्रहवीं रात को विशेष उपासना करना, उसके दिन का रोज़ रखना, हलवा बनाना, और अन्य अवैद्ध कार्य करना व मान्चता रखना इत्यादि शामिल हैं। प्रस्तुत व्याख्यान में, क़ुरआन व हदीस के प्रकाश में इस विषय में वर्णित प्रमाणों का उल्लेख कर उनकी वास्तविकता को स्पष्ट किया गया है, तथा उसके बारे में उठाए जाने वाले संदेहों का उत्तर दिया गया है, और यह बताया गया है कि पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और आपके सहाबा रज़ियल्लाह अन्हुम से इस बाबत कोई चीज़ प्रमाणित नहीं है।
- हिन्दी वक्ता : हाफिज़ अरशद बशीर मदनी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
का इस्लामी तरीक़ा : इसमें कोई संदेह नहीं कि मतभेद का पैदा होना स्वभाविक है, और जीवन में ऐसा होता रहता है। वर्तमान समय में तो, धर्म से अनभिज्ञता या उससे दूरी के कारण, इसका ग्राफ़ बढ़ गया है। प्रस्तुत व्याख्यान में मतभेद को हल करने और विवाद को सुलझाने के इस्लामिक तरीक़ा पर प्रकाश डाला गया है, और वह तरीक़ा यह है कि हर छोटे-बड़े मतभेद में क़ुरआन और सुन्नत की ओर पलटा जाए, और उसे सुलझाने में पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के निर्देश़, मार्गदर्शन और आपके सहाबा रज़ियल्लाहु अन्हुम के तरीक़े का अनुसरण किया जाए।
- हिन्दी वक्ता : फैज़ुल्लाह अल-मदनी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
अल्लाह सर्वशक्तिमान ने हमें सूचना दी है कि दुनिया का यह जीवन नश्वर है, स्थायी नहीं है और इसके बाद परलोक का जीवन ही स्थायी और सदा रहनेवाला घर है। इसी तरह यह जीवन कार्य और परीक्षण का घर है, जिसमें मनुष्य कार्य करता है, खेती करता है ताकि इसके बाद के जीवन में उसका प्रतिफल प्राप्त करे। इसीलिए अल्लाह ने मनुष्य को चेतावनी दी है कि उसे दुनिया और उसके श्रंगार से धोखा नहीं खाना चाहिए। क्योंकि यह दुनिया परलोक के सामने कुछ भी महत्व नहीं रखती है। तथा अल्लाह सर्वशक्तिमान दुनिया उसे भी देता है जिससे प्यार करता है और जिससे प्यार नहीं करता। अतः मनुष्य को चाहिए कि वह आखिरत की अनदेखी कर दुनिया में लिप्त न हो जाए। बल्कि उसका मूल उद्देश्य परलोक का जीवन और उसकी अनश्वर समृद्धि होनी चाहिए। प्रस्सतुत व्याख्यान में इसी का वर्णन किया गया है।
- हिन्दी