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धर्मशास्त्र
आइटम्स की संख्या: 112
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
यदि कोई व्यक्ति क्रोध की अवस्था में इस्लाम धर्म को गाली दे देता है अथवा उसे बुरा भला कहता है तो ऐसे आदमी का क्या हुक्म है।
- हिन्दी मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
मैं हिंद महासागर के एक देश मॉरीशस का रहनेवाला हूँ। कृपया मुझे बतलाएं कि सबसे अच्छा धर्म कौनसा है, हिंदू धर्म या इस्लाम और क्यों? मैं स्वयं एक हिंदू हूँ।
- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
आदरणीय शैख अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ रहिमहुल्लाह से प्रश्न किया गया किः अगर मुसलमान किसी ईसाई या उसके अलावा किसी अन्य काफिर (अविश्वासी) के साथ खाता या पीता है, तो क्या इसे हराम समझा जायेगा? और यदि वह हराम है, तो हम अल्लाह तआला के फरमान : ﴿وَطَعَامُ الَّذِينَ أُوتُوا الْكِتَابَ حِلٌّ لَكُمْ وَطَعَامُكُمْ حِلٌّ لَهُمْ ﴾ [المائدة : 5] ’’जिन लोगों को किताब दी गई है (यानी यहूदी और ईसाइ) उनका खाना तुम्हारे लिए हलाल है, और तुम्हारा खाना उनके लिए हलाल है।’’ (सूरतुल मायदाः 5) के बारे में क्या कहेंगे ?
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इफ्ता एवं वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थायी समिति के विद्वानो से प्रश्न किया गया किः ईसाइयों को उनके त्योहारों में बधाई देने के बारे में इस्लाम का क्या प्रावधान है ; क्योंकि मेरे मामूँ का एक ईसाई पड़ोसी है जिसे वह त्योहारों और खुशी (शादी) के अवसरों पर बधाई देते हैं और वह भी मेरे मामूँ को खुशी और त्योहार के हर अवसर पर बधाई देता है। क्या यह जायज़ है कि मुसलमान ईसाई को और ईसाई मुसलमान को उनके त्योहारों और शादियों में बधाई दे? आप मुझे शरीअत के प्रावधान से अवगत कराए, अल्लाह आपको अच्छा बदला प्रदान करे।
- हिन्दी
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
मीलाद के लिए लोगों के एकत्रित होने का क्या हुक्म है जबकि उनका यह भ्रम होता है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम उनकी सभाओं (महफिलों) में उपस्थित होते हैं ॽ क्या यह जमावड़ा (सभा) धार्मिक दृष्टिकोण से सही है ॽ हमें नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जन्म दिन पर क्या करना चाहिए ॽ और आप का जन्म किस दिन, किस महीने और किस वर्ष हुआ और क्या नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अपनी क़ब्र में अभी जीवित हैं या नहीं ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या बिदअत वाली सभाओं जैसे - मीलादुन्नबी की रात, मेराज की रात और पंद्रह शाबान की रात के उत्सवों में उस व्यक्ति के लिए उपस्थित होना जायज़ है, जो उनके अवैध होने का अक़ीदा रखता है ताकि वह उसके बारे में सच्चाई को बयान करे ॽ
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
मैं ईद की कुछ सुन्नतें और उसके अहकाम जानना चाहता हूँ।
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या ग़ैरमुस्लिमों के त्योहारों में भाग लेना जाइज़ है, उदाहरण के तौर पर जन्मदिवस के त्योहार में؟
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या रोज़ा छोड़ देने वाला काफिर (नास्तिक) हो जाये गा ? जबकि वह नमाज़ पढ़ता है और बिना किसी बीमारी या कारण (शरई उज़्र) के रोज़ा तोड़ देता है।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
वेलेंटाइन दिवस (प्यार का त्योहार) मनाने के विषय में शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह का स्वयं उनके हाथ का लिखा हुआ फत्वा जिस में उन्हों ने मुसलमानों को गैर मुस्लिमों की छवि अपनाने से सावधान किया है।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन मुफ्ती : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह मुफ्ती : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
एतिकाफ़ के अहकाम से संबंधित यह कुछ फतावे हैं जिन में एतिकाफ़ का हुक्म, पैग़ंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से प्रमाणित एतिकाफ़ का तरीक़ा, एतिकाफ़ की सुन्नतों तथा एतिकाफ़ से संबंधित अन्य मसाइल का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर से यह प्रश्न किया गया किः क्या मुहर्रम के महीने के समान सफर के महीने की भी कोई विशेषता है? आशा है कि इस पर विस्तार के साथ प्रकाश डालेंगे। तथा मैं ने कुछ लोगों से सुना है कि वे इस महीने से अपशकुन लेते हैं, तो इसका क्या कारण है?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन हमद अलमहमूद अन्-नजदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
यह मुहम्मद अल-हमूद अन्नजदी से पूछा गया एक प्रश्न है, जिसके शब्द यह हैंः ’’कुछ वार्षिक अवसरों और समारोहों जैसे- अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस, अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस और अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस, इसी तरह कुछ धार्मिक अनुष्ठानों जैसे- इस्रा व मेराज (पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की रातों-रात मक्का से मस्जिदे अक़्सा तक, फिर वहाँ से आकाश तक की यात्रा की सालगिरह), मीलादुन्नबी (पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का जन्म दिवस) और हिज्रत (पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के मक्का से मदीना की ओर प्रवास की सालगिरह) के समारोहों में भाग लेने में शरीअत का क्या हुक्म है? और वह इस प्रकार कि लोगों को याद दिलाने और उन्हें नसीहत (सदुपदेश) करने के लिए व्याख्यान और इस्लामी सेमिनार का आयोजन किया जाए या कुछ पत्रक तैयार किए जाएं।
- हिन्दी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
क्या रगाइब की नामज़ सुन्नत है जिसको पढ़ना मुसतहब है?
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस बारे में बहुत प्रश्न किया जाने लगा है कि यदि ईद का दिन जुमा के दिन पड़ जाए। चुनाँचे दो ईदें एक साथ हो जाएं: ईदुल फित्र या ईदुल अज़हा, जुमा की ईद के साथ एकत्रित हो जाए जो कि सप्ताह की ईद है, तो क्या ईद की नमाज़ में उपस्थित होने वाले पर जुमा की नमाज़ अनिवार्य है या कि ईद की नमाज़ उसके लिए पर्याप्त होगी और वह जुमा के बदले ज़ुहर की नमाज़ प़ढ़ेगा? और क्या मस्जिदों में ज़ुहर की नमाज़ के लिए अज़ान दी जायेगी या नहीं? इसके अलावा प्रश्न में वर्णित अन्य बातें। इस पर वैज्ञानिक अनुसंधान और इफ्ता की स्थायी समिति ने यह फत्वा जारी किया हैः
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
आदरणीय शैख मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन रहिमहुल्लाह से प्रश्न किया गया कि एक आदमी की मृत्यु हो गयी और उसने हज्ज नहीं किया, जबकि वह चालीस साल का था और हज्ज करने पर सक्षम था। हालांकि वह पाँच समय की नमाज़ों की पाबंदी करनेवाला थ। वह हर साल कहता था कि : इस साल मैं हज्ज करूँगा। उसकी मृत्यु हो गयी और उसके वारिस हैं, तो क्या उसकी तरफ से हज्ज किया जायेगा? और क्या उसके ऊपर कोई चीज़ अनिवार्य है?
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
आदरणीय शैख मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन रहिमहुल्लाह से प्रश्न किया गया किः मेरी एक पत्नी है जिसने हज्ज नहीं किया है, तो क्या मेरे ऊपर अनिवार्य है कि मैं उसे हज्ज कराऊँ? और क्या हज्ज में उसका खर्च मेरे ऊपर अनिवार्य है? और अगर वह मेरे ऊपर अनिवार्य नहीं है तो क्या उससे समाप्त हो जायेगा?
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
हमारे देश में कुछ विद्वानों का भ्रम यह है कि इस्लाम धर्म में एक नफल नमाज़ है जो सफर महीने के अंत में बुध के दिन चाश्त के समय एक सलाम के साथ चार रकअत पढ़ी जाती है जिसमें हर रकअत के अंदर सूरतुल फातिहा, सत्तरह बार सूरतुल कौसर, पचास बार सूरतुल इख्लास, एक-एक बार मुअव्वज़तैन (यानी सूरतुल फलक़ और सूरतुन्नास) एक-एक बार पढ़े, इसी तरह हर रकअत में किया जाए और सलाम फेर दिया जाए। सलाम फेरने के बाद तीन सौ साठ बार यह आयत पढ़ें: ﴿وَاللَّهُ غَالِبٌ عَلَى أَمْرِهِ وَلَكِنَّ أَكْثَرَ النَّاسِ لاَ يَعْلَمُونَ﴾ तथा तीन बार जौहरतुल कमाल (तीजानी पद्वति का एक वज़ीफा) पढ़े, तथा अंत में ﴿سبحان ربك رب العزة عما يصفون وسلام على المرسلين والحمد لله رب العالمين﴾ और गरीबों को कुछ रोटी दान करे। इस आयत की विशेषता उस आपदा को दूर करना है जो सफ़र के महीने के अंतिम बुध को उतरती है। तथा उनका कहना है कि: हर वर्ष तीन लाख बीस हज़ार आपदाएं अवतरित होती हैं और ये सब की सब सफर के महीने की अंतिम बुध को उतरती हैं। इस तरह वह वर्ष का सबसे कठिन दिन होता है। अतः जो व्यक्ति इस नमाज़ को उक्त तरीक़े पर पढ़ेगा तो अल्लाह तआला उसे अपनी अनुकम्पा से उन सभी आपदाओं से सुरक्षित रखेगा जो उस दिन में उतरती हैं। तो क्या इसका यही समाधान है या नहीं ?