- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
- मसाहिफ़ (क़ुरआन की प्रतियाँ)
- क़ुरआन करीम के पाठ
- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
- विशिष्ट तिलावतें
- नोबल क़ुरआन और उसके वाहकों के शिष्टाचार
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- इबादत (उपासना) और उसके प्रकार
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- शिर्क (अनेकेश्वरवाद) और उसका खतरा
- बिदअत (नवाचार) : उसके प्रकार एवं उदाहरण
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- क़ुरआन करीम
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
ईद की नमाज़ का हुक्म
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
यह आदरणीय शैख मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन रहिमहुल्लाह से पूछे गये एक प्रश्न का उत्तर है जिसका अंश यह है किः ईद की नमाज़ का हुक्म और उसका तरीक़ा क्या है ? और उसकी शर्तें और उसका समय क्या है ?
- हिन्दी
- हिन्दी मुफ्ती : रिसर्च डिवीज़न दारुल-क़ासिम अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
रमज़ानुल मुबारक के महीने से संबंधित महिलाओं के कुछ विशिष्ट प्रावधान हैं जिनके बारे में महिलाओं को जानकारी की आवश्यकता होती है और अक्सर उनके बारे में प्रश्न किया जाता रहता है। प्रस्तुत हैं ऐसे ही 18 प्रश्नों के उत्तर।
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
क्या मृतक के लिए क़ुर्बानी करना जाइज़ है ॽ
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क्या उस व्यक्ति के लिए जो इस्लाम धर्म का अनुपालन करने वाला नहीं है, ईदुल अज़्हा की क़ुर्बानी के गोश्त से खाना जाइज़ है ॽ
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क्या क़ुर्बानी का हुक्म पवित्र क़ुरआन में आया है, और वह किस आयत में आया है ॽ
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क़ुर्बानी के बारे में बातचीत हुई, कुछ लोगों का विचार यह था कि मृतक पर कु़र्बानी की वसीयत वैध नहीं है, क्योंकि सहाबा रज़ियल्लाहु अन्हुम और नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अपनी मृत्यु के बाद वसीयत नहीं की थी, इसी तरह खुलफाये राशेदीन ने भी इसकी वसीयत नहीं की। इसी तरह कुछ भाईयों की राय यह थी कि क़ुर्बानी की क़ीमत का सद्क़ा करना उसकी क़ुर्बानी करने से बेहतर है। आप से अनुरोध है कि इस मामले में आप अपने विचार से हमें अवगत करायें।
- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
मैं ने देखा है कि कुछ लोग जब ईद की नमाज़ के लिए आते हैं तो दो रक्अत नमाज़ पढ़ते हैं, जबकि कुछ लोग तक्बीर कहने में व्यस्त हो जाते हैं। आशा करता हूँ कि इन चीज़ों के बारे में शरीअत के हुक्म (नियम) को स्पष्ट करेंगे, और क्या ईद की नमाज़ के मस्जिद में होने या ईदगाह में होने के बीच कोई अंतर है
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क्या औरत पर ईद की नमाज़ अनिवार्य है और यदि अनिवार्य है तो क्या वह उसे घर में पढ़ेगी या ईदगाह में
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क्या छः रोज़ों को रमज़ान के महीने के बाद ईद के दिन के तुरंत पश्चात ही रखना आवश्यक है या कि ईद के बाद शव्वाल के महीने में निरंतर कई दिनों के पश्चात रोज़ा रखना जाइज़ है, या नहीं ॽ
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यदि किसी महिला पर रमज़ान के रोज़ों का क़र्ज़ है तो क्या उसके लिए जाइज़ है कि वह शव्वाल के छ: रोज़ों को क़र्ज़ से पहले रखे या कि क़र्ज़ को शव्वाल के छ: रोज़ों पर प्राथमिकता दे ?
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लैलतुल क़द्र (शबे क़द्र) को किस तरह जागा जाये; नमाज़ पढ़ने में, या क़ुर्आन करीम और सीरते नबवी का पाठ करने, वअज़ व नसीहत (धर्मोपदेश) और मस्जिद में उसका जश्न मनाने में ?
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कुछ रोज़ेदार रमज़ान के दिन का अधिकतर समय वीडियो और टीवी पर फिल्मों और धारावाहिकों (सीरियल) के देखने और कार्ड (ताश, पत्ते) खेलने में गुज़ारते हैं, तो इसका क्या हुक्म है ?
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कुछ लोग कहते हैं : यदि आप रमज़ान के दिन में किसी मुसलमान को खाते या पीते देखें तो आप पर उसको सूचित करना अनिवार्य नहीं है। क्योंकि उसे अल्लाह तआला ने खिलाया और पिलाया है। तो क्या यह बात सही है ?
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उस आदमी का क्या हुक्म है जिसने रमज़ान के दिन में रोज़े की हालत में अपनी पत्नी से कई बार संभोग कर लिया, फिर उसने बाद में सुना कि रोज़े की हालत में संभोग करना जाइज़ नहीं है ?
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एक महिला ने बिना किसी उज़्र (कारण) के सन् 1396 हिज्री में रमज़ान के तीन दिनों का रोज़ा तोड़ दिया, बल्कि उसने लापरवाही करते हुए ऐसा किया, तो इस बारे में अल्लाह का हुक्म (फैसला) क्या है और उस पर क्या अनिवार्य है ?
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यदि मनुष्य रमज़ान के महीने का रोज़ा रखने और रमज़ान में नमाज़ पढ़ने का बहुत लालायित है, किन्तु रमज़ान समाप्त होते ही नमाज़ छोड़ देता है, तो क्या उसका रोज़ा शुद्ध (मान्य) है ?
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मैं ने एक साल मासिक धर्म (माहवारी) के दिनों में रोज़ा तोड़ दिया और अभी तक उन दिनों का रोज़ा नहीं रख सकी हूँ। इस पर कई वर्ष बीत चुके हैं। मेरे ऊपर रोज़ों की जो क़र्ज़ है मैं उसका भुगतान करना चाहती हूँ। लेकिन मुझे यह ज्ञात नहीं कि मेरे ऊपर कितने दिनों के रोज़े बाक़ी हैं। इस स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए ?
- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
उस व्यक्ति का क्या हुक्म है जिसने रमज़ान के रोज़े की क़ज़ा को छोड़ दिया जबकि उसके पास कोई उज़्र (बहाना, कारण) नहीं है, क्या उसके लिए क़ज़ा करने के साथ केवल तौबा कर लेने काफी है, या उस पर कफ्फारा अनिवार्य है ?