- वर्गीकरण वृक्ष
- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
- मसाहिफ़ (क़ुरआन की प्रतियाँ)
- क़ुरआन करीम के पाठ
- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
- विशिष्ट तिलावतें
- नोबल क़ुरआन और उसके वाहकों के शिष्टाचार
- हदीस
- अक़ीदा (आस्था)
- तौहीद (एकेश्वरवाद)
- इबादत (उपासना) और उसके प्रकार
- इस्लाम
- ईमान और उसके स्तंभ
- ईमान के मसायल
- एहसान
- कुफ्र (नास्तिकता)
- निफाक़ (पाखण्ड)
- शिर्क (अनेकेश्वरवाद) और उसका खतरा
- बिदअत (नवाचार) : उसके प्रकार एवं उदाहरण
- सहाबा और आले-बैत
- तवस्सुल
- वलायत और औलिया की करामतें
- जिन्न
- वफादारी और दुश्मनी तथा उसके प्रावधान
- अह्लुस्सुन्नह वल-जमाअह
- धर्म और पंथ
- संप्रदाय (पंथ)
- इस्लाम से संबद्ध संप्रदाय
- समकालीन वैचारिक सिद्धांत
- धर्मशास्त्र
- उपासनाएं
- शुद्धिकरण और उसके नियम
- नमाज़
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- मुसाफिर की नमाज़
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- चिकित्सा, उपचार और शरई झाड़-फूँक
- खाद्य पदार्थ और पेय
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- समसामयिक एवं उभरते हुए मुद्दों का न्यायशास्त्र
- अल्पसंख्यकों के मसाईल का ज्ञान
- इस्लामी राजनीति
- इस्लामी धर्मशास्त्र के मत
- फ़त्वे
- उसूल फ़िक़्ह (धर्मशास्त्र के सिद्धांत)
- इस्लामी धर्मशास्त्र की किताबें
- उपासनाएं
- विशेषताएं (खूबियाँ)
- Major Sins and Prohibitions
- अरबी भाषा
- अल्लाह के धर्म का आह्वान
- इस्लाम का आह्वान
- Issues That Muslims Need to Know
- दिल को विनम्र करने वाली बातें और सदुपदेश
- भलाई का आदेश देना तथा बुराई से रोकना
- इस्लामी दावत की वस्तुस्थिति
- The Importance of Calling to Allah
- इतिहास
- इस्लामिक संस्कृति
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- समकालीन वास्तविकता और मुसलमानों के हालात
- शिक्षा एवं शिक्षण केंद्र
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- इस्लामी प्रणालियाँ
- वेबसाइट की प्रतियोगिताएँ
- विभिन्न कार्यक्रम एवं एप्प
- लिंक
- प्रशासन
- अल-खुतब अल-मिंबरिय्या
- Academic lessons
- The Prophetic Biography
- Introducing Islam to Muslims
- Introducing Islam to non-Muslims
- A Guidance for the Worlds
- क़ुरआन करीम
Calling Hindus to Islam
आइटम्स की संख्या: 26
- मुख्य पृष्ठ
- अग्र-भाग की भाषा : हिन्दी
- विषयवस्तु की भाषा : सभी भाषाएँ
- Calling Hindus to Islam
- हिन्दी
सच्चा धर्म : सत्य धर्म के खोजी के लिए एक लाभदायक संक्षिप्त पुस्तिका, जिसमें इस्लाम धर्म का एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि इस्लाम ही वह धर्म है जिसके अतिरिक्त अल्लाह सर्वशक्तिमान कोई अन्य धर्म स्वीकार नहीं करेगा। इसी तरह इसमें अन्य धर्मों और सिद्धांतों की समीक्षा करते हुए उनकी शून्यता को स्पष्ट किया गया है। इसके अलावा, ईसा और उनकी माँ – अलैहिमस्सलाम - की वास्तविकता, इस्लामी धर्म की सार्वभौमिकता और इन्सान व जिन्नात की रचना का उद्देश्य उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी
इस पुस्तक में इस्लाम का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करते हुए सृष्टि और मानवजाति की रचना, मरण उपरांत जीवन, अल्लाह का एकेश्वरवाद, इस्लाम के स्तंभ, संदेष्टाओं के अवतरण का उद्देश्य और पांच महान संकल्प वाले संदेष्टाओं का संक्षिप्त वर्णन, इस्लाम में तीन प्रतिष्ठित मस्जदों का वर्णन, क़ुरआन के चमत्कार का वर्णन किया गया है। इसी तरह इस्लाम में मानव अधिकार, महिलाओं के अधिकार, पर्यावरण, इस्लामी कला, मानवीय सभ्यता की उन्नति में इस्लाम के योगदान और पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के अंतिम धर्मोपदेश पर चर्चा किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी
प्रस्तुत पुस्तक में ऐसे लोगों की कहानी उन्हीं की ज़ुबानी उल्लेख की गई है जिन्हों ने इस्लाम का गहन अध्ययन किया, उसे समझा और सोच-विचार कर उसे दिल की गहराईयों से स्वीकार किया जबकि वे वैज्ञानिक, चिकित्सक और बुद्धिमान लोग थे। इस पुस्तक का उद्देश्य केवल संसार वालों को यह बताना है कि आपके इन मित्रों के इस्लाम स्वीकारने का कारण क्या है तथा वे परलोक में क्या चाहते हैं तथा साथ ही साथ सारे लोगों को निमंत्रण देना है कि हरेक इस बात पर विचार करे कि हमारा तथा संसार की सभी चीज़ों का सृष्टा, रचयिता, पालनहार और स्वामी कौन है क्या वही सर्वशक्तिमान एकमात्र वास्तविक पूज्य नहीं है क्या उसके अतिरिक्त कोई और पूज्य हो सकता है
- हिन्दी
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के आगमन की पूर्व सूचना हमें बाइबल, तौरेत और अन्य धर्म ग्रन्थों में मिलती है, यहाँ तक कि भारतीय धर्मग्रम्थों में भी आप के आने की भविष्यवाणियाँ मिलती हैं। हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म की पुस्तकों में इस प्रकार की पूर्व-सूचनाएँ मिलती हैं। इस पुस्तिका में सब को अकत्र करके पेश करने का प्रयास किया गया है। और यह सिद्ध किया गया है कि जिस नराशंस या कल्कि अवतार के आगमन का उनके धर्मग्रन्थों में उल्लेख हुआ है और उसकी जो विशेषतायें वर्णित हुई हैं, वह इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ही हैं। इसलिए जीवन की सुगम, सार्थक, सफल और फलदाई यात्रा के लिए अल्लाह के अन्तिम पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के द्वारा पेश की गई शिक्षाओं को अपनाया जाए और उनके बताये हुए मार्ग पर चला जाए।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस्लाम ही वह एकमात्र सच्चा धर्म है, जिसे अल्लाह तआला ने सर्व मानव जाति के लिए पसंद कर लिया है। अतः वह किसी भी व्यक्ति से इस्लाम के सिवा कोई दूसरा धर्म कदापि स्वीकार नहीं करेगा। इस्लाम मानव के सौभाग्य और सफलता का धर्म है, तथा वही वह धर्म है जिसने मनुष्य के व्यक्तिगत, या पारिवारिक, या सामुदायिक या सर्व मानव जाति से संबंधित मामलों में ऐसे सूक्ष्म आचार और उचित ढंग, तौर-तरीक़े सिखाये हैं जिन से उसका जीवन सुलभ हो सकता है, उसकी खुशी संपन्न हो सकती है और उसको सच्चा सौभाग्य प्राप्त हो सकता है। इस पुस्तक में इस्लाम के उन्हीं कुछ गुणों और विशेषताओं का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
अल्लाह के पैग़म्बर के सद्व्यवहार के कुछ दर्शन : मानवता के लिये बहुत बड़े लज्जा की बात है कि मानवता के मोक्ष प्रदायक अल्लाह के पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जैसे महान पुरूष के आचार पर प्रहार कर के उनका अपमान किया जाए जिनका दूत-कर्म ही शिष्टाचार को सम्पन्न करना था। यह लेख आप के सद्व्यवहार का सन्छिप्त दर्शन प्रस्तुत करता है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : जावेद अहमद अनुवाद : जावेद अहमद संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस्लाम एक महान ईश्वरीय धर्म है। जिस के शास्त्र अति परिपूर्ण, उत्तम, सर्व श्रेष्ठ और शुद्ध बुद्धि के अति निकट है। इस पुस्तिका में इस्लामी धर्म शास्त्र की विशेषताओं और खूबियों के हवाले से इस्लाम धर्म की महानता का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अज़ीज़ अल-ईदान लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : सिद्दीक़ अहमद लेखक : जलालुद्दीन उमरी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : सिद्दीक़ अहमद संशोधन : जलालुद्दीन उमरी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस पुस्तक में धर्म का अर्थ और उस के प्रकार, मानव को धर्म की आवश्यकता, इस्लामी अक़ीदह की विशेषताएं, जीवन के तमाम पहलुओं में इस्लाम की सत्यता, इस्लाम में क़ानून साज़ी के स्रोत और इस्लाम के स्तम्भों का उल्लेख है। यह पुस्तक सच्चे धर्म के अभिलाषी के लिए मार्गदर्शक है।
- हिन्दी
- हिन्दी लेखक : इब्राहीम अबु हर्ब
इस्लाम का संक्षिप्त तथा सचित्र परिचय
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : मुहम्मद फ़ारूक़ खाँ लेखक : मुहम्मद उज़ैर शम्स अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह अनुवाद : मुहम्मद उज़ैर शम्स
यह पुस्तिका सहायक है उन गैर मुस्लिम और मुसलमानों के लिए जो ज्ञान की कमी और मीडिया के गलत प्रचार के कारण इस्लाम को सही तरीक़े से नहीं समझ पाते और संदेहों के शिकार बने रहते हैं। इसी तरह इस पुस्तिका में गैर मुस्लिम और मुसलमानों के ज़ेहन व दिमाग में जो सवाल उठते हैं और उन सवालों के जवाब न तो मुसलमानों को पता होते हैं, और न ही वे गैर मुसलमानों को उन सवालों के जवाब दलील से दे पाते हैं, उन सवालों के जवाबात कुरआन व हदीस के प्रमाणों से दिए गए हैं।
- हिन्दी
यह पुस्तक सत्य धर्म को पहचानने और उसे स्वीकारने का आमंत्रण देती है क्योंकि वही एक मात्र विकल्प है जो मानवता के लिए लोक एवं परलोक में सफलता, सौभाग्य और नरक से मोक्ष प्राप्त करने का एकमात्र साधन है। प्रस्तुत पुस्तक इस बात पर प्रकाश डालती है कि मानव जाति की रचना का उद्देश्य क्या है - वह एकमात्र अल्लाह सर्वशक्तिमान की उपासना और आराधना है। इसिलए कि वही वास्तव में उपासना के योग्य है क्योंकि वही सबका सृष्टा, रचयिता, पालनकर्ता, व्यवस्थापक है तथा उसके अच्छे अच्छे नाम और सर्वोच्च गुण हैं। मानव जाति को अल्लाह के नियम, आदेशों और उसकी प्रसन्नता की चीज़ों को जानने के लिए संदेष्टा और ईश्दूतों की आवश्यकता होती है। चुनाँचे अल्लाह ने ईश्दूतों को भेजा और उनके साथ किताबें उतारी ताकि वे लोगों को अल्लाह के आदेश और निषेध से अवगत कराएं। उन महान पुरूषों ने अल्लाह के एकेश्वरवाद का आमंत्रण दिया, जिसका उल्लेख पिछले आकाशीय ग्रंथों और हिंदूमत के वेदों में भी मिलता है। सबसे अंतिम ईश्दूत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं जिन पर अल्लाह ने अपना अंतिम और अनन्त दिव्य क़ुरआन उतारा जो सर्व मानव जाति के लिए मार्गदर्शक है। जिसका पालन करके ही मनुष्य लोक एवं परलोक में सफलता, सौभाग्य और नरक से मुक्ति प्राप्त कर सकता है। वह सत्य धर्म इस्लाम है जिसे हमारे सृष्टा ने असंख्य गुणों और विशेषताओं से सुसज्जित किया है। अतः आईये इसके पन्नों को पढ़ें और मननचिंतन करें कि क्या यह जीवन असीमित है या उसका कोई अंत है ॽ और मृत्यु के पश्चात क्या होगा ॽ
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन इब्राहीम अल-हमद लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : अब्दुलकरीम सलफ़ी अनुवाद : अब्दुलकरीम सलफ़ी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
यह पुस्तक इस्लाम धर्म का परिचय प्रस्तुत करती है जिस पर अल्लाह ने धर्मों का अंत कर दिया है और उसे अपने समस्त बंदों के लिए पसंद कर लिया है तथा इस धर्म में प्रवेश करने का आदेश दिया है। अतः यह मानवजाति की उत्पत्ति की कहानी, संदेष्टाओं व ईश्दूतों के अवतरण, अंतिम संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ईश्दूतत्व, आपकी संछिप्त जीवनी, आचरण व व्यवहा, तथा आपके ईश्दूतत्व की सत्यता पर अंग्रेज़ दार्शनिक थामस कार-लायल की गवाही के वर्णन पर आधारित है। इसी तरह इसमें इस्लाम की विशेषताओं एवं गुणों, इस्लाम के स्तंभों, ईमान अथवा इस्लामी आस्था के मूलसिद्धांतों, इस्लाम में उपासना के आशय तथा नारी सम्मान और उसके स्थान का उल्लेख किया गया है। इसके अध्ययन से आपके लिए इस धर्म की महानता, उसकी शिक्षाओं की सत्यता व सत्यापन और प्रति युग, स्थान, जाति और राष्ट्र के लिए उसकी योग्यता स्पष्ट होजायेगी।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : मौलाना सदरुद्दीन इस्लाही लेखक : एस. लईक़ कौसर अनुवाद : एस. लईक़ कौसर संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस्लाम क्या है? उसकी वास्तविकता और उसका उद्देश्य क्या है? उसके मूल तत्व और उसकी मौलिक शिक्षाएँ क्या हैं? मानव को वह कौन सा दृष्टिकोण देता, किस चरित्र और आचरण पर उभारता और किस प्रकार का जीवन गुज़ारने का निर्देश देता है? यह पुस्तक इन्हीं बिन्दुओं को सामने रख कर लिखी गई है और यह प्रयास किया गया है कि जो लोग मुसलमान होने के उपरांत भी शुद्ध रूप् से इस्लाम की वास्तविकता को नहीं जानते, वे इस पुस्तक के अध्ययन से मौलिक और आवश्यक सीमा तक, इस्लाम की वास्तविक रूप-रेखा को जान लें। विशष्टि रूप से इस्लाम में उपासन के व्यापक और विस्तृत अर्थ का खुलासा किया गया है, जो कि केवल वैयक्तिक जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि वास्तव में जीवन के सभी अंशों और पक्षों को सम्मिलित है, चाहे वह आध्यात्मिक हो, या नैतिक, पारिवारिक हो या सामाजिक, राजनैतिक हो या आर्थिक।
- हिन्दी
आज लाखों करोड़ों आदमी आग का ईंधन बनने की होड़ में लगे हुए हैं, और ऐसे मार्ग पर चल रहे हैं जो सीधे नरक की ओर जाता है। इस वातावरण में उन तमाम लोगों का दायित्व है जो मानव समूह से प्रेम करते हैं और मानवता में आस्था रखते हैं कि वे आगे आयें और नरक में गिर रहे इंतानों को बचाने का अपना कर्तव्य पूरा करें। यह पुस्तिका इसी संदर्भ में एक अहम प्रयास है जिस में लेखक ने मानवता के प्रति अपने प्रेम और स्नेह के कुछ फूल प्रस्तुत किये हैं और इसके माध्यम से उन्हों ने अपना वह कर्तव्य पूरा किया है जो एक सच्चे मुसलमान होने के नाते हम सब पर है। इस्लाम की दौलत एक बहुत बड़ा धरोहर है जिसे हर एक तक पहुँचाना प्रत्येक सच्चे मुसलमान का कर्तव्य है।
- हिन्दी लेखक : खालिद अबू सालेह लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : जावेद अहमद लेखक : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी अनुवाद : जावेद अहमद संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी
इस्लाम कृपा एंव दया का धर्म : यह पुस्तक इस बात प्रकाश डालती है कि इस्लाम कृपा और दया का धर्म है और इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह की ओर से इस भटकती हुई मानवता के लिए करुणा के भण्डार हैं, अतः इस धर्ती पर बसने वाला हर मनुष्य इस्लाम धर्म में दया का पात्र है, चाहे वह नास्तिक ही क्यों न हो!
- हिन्दी
- हिन्दी
- हिन्दी लेखक : नसीम ग़ाज़ी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
क़ुरआन पर अनुचित आक्षेपः यह पुस्तक उन आक्षेपों पर आधारित है जिन्हें कुछ हिन्दू संस्थाओं और लोगों की ओर से क़ुरआन की कुछ आयतों के बारे में उन्हें उनकी पृष्टिभूमि और संदर्भ से अलग करके और उनका मनमाना अनुवाद और व्याख्या करके बड़े पैमाने पर फैलाया जाता है। ये आक्षेप क़ुरआन मजीद की उन आयतों के बारे में हैं जिनका संबंध विशेषकर जिहाद, युद्ध, काफिर, कुफ्र, शिर्क और मूर्तिपूजा से है। लेखक ने उन आक्षेपों की वास्तविकता प्रस्तुत करके उनका उत्तर दिया है। तथा लोगों को इस्लाम से परिचित कराते हुए, उन्हें निष्पक्ष होकर इस्लाम का उसके मौलिक और वास्तविक स्रोतों से अध्ययन करने का निवेदन किया है।
- हिन्दी लेखक : मोरिस बोकायली अनुवाद : जवाहर लाल कौल
इस पुस्तक में लेखक ने क़ुरआन की उन आयतों का तुलनात्मक अध्ययन किया है जिनमें वैज्ञानिक आँकड़ों का उल्लेख किया गया है जिनकी खोज मात्र वर्तमान युग में हुई है। अपने इस अध्ययन में वह इस नतीजे पर पहुँचे हैं कि क़ुरआन का कथन आधुनिक विज्ञान के सिद्धांतों पर पूर्णतः ठीक उतरता है, जबकि बाइबल का कथन वैज्ञानिक दृष्टि से स्वीकार करने योग्य नहीं है। तथा उन्हें यह विश्वास हो गया कि क़ुरआन वास्तव में पैगंबर पर अवतरित एक ग्रंथ है। क्योंकि यह सोचा ही नहीं जासकता कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के युग का कोई व्यक्ति उन दिनों में उपलब्ध ज्ञान-विज्ञान की स्थिति के आधार पर ऐसे वक्तव्यों का लेखक हो सकता है। तथा अंत में उन्हों ने इस बात का चर्चा किया है कि इस संपूर्ण विश्व की सृष्टि एक अप्रत्याशित घटना मात्र या प्राकृतिक वरदान का फल नहीं है, बल्कि इसका एक सृष्टा है। क्योंकि सृष्टा के बिना किसी चीज़ का होना संभव नहीं है। और वह एक सर्वशक्तिमान अल्लाह है, जिसने मनुष्य को बुद्धि से सम्मनित किया है जो उसे अन्य जीवों से अलग करती है। यही नहीं बल्कि उसके मार्गदर्शन के लिए संदेशवाहकों को भेजा और उन पर पुस्तके उतारीं। किंतु पिछले संदेशों को बाद की पीढ़ी ने विकृत कर दिया, उन्हें परिवर्तित कर दिया। इस अंधकारमय युग में बंदो पर अल्लाह की कृपा यह हुई कि उसने अपने अंतिम संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को स्थायी और अंतिम मार्गदर्शन के साथ भेजा और उन पर अंतिम ग्रंथ क़ुरआन अवतरित किया। इसमें सत्य को आंकने के सभी माप-दंड पूर्णतः पाये जाते हैं, जिससस स्पष्ट होता है कि क़ुरआन ईश्वरीय वाणी है। अब यह मनुष्य का काम है कि वह अपनी बुद्धि से काम लेते हुए स्वयं सत्य की खोज करे और स्वयं ही यह फैसला भी करे कि इस प्रकट सत्य के प्रति उसे क्या नीति अपनानी चाहिए।