- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
- मसाहिफ़ (क़ुरआन की प्रतियाँ)
- क़ुरआन करीम के पाठ
- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
- विशिष्ट तिलावतें
- नोबल क़ुरआन और उसके वाहकों के शिष्टाचार
- हदीस
- अक़ीदा (आस्था)
- तौहीद (एकेश्वरवाद)
- इबादत (उपासना) और उसके प्रकार
- इस्लाम
- ईमान और उसके स्तंभ
- ईमान के मसायल
- एहसान
- कुफ्र (नास्तिकता)
- निफाक़ (पाखण्ड)
- शिर्क (अनेकेश्वरवाद) और उसका खतरा
- बिदअत (नवाचार) : उसके प्रकार एवं उदाहरण
- सहाबा और आले-बैत
- तवस्सुल
- वलायत और औलिया की करामतें
- जिन्न
- वफादारी और दुश्मनी तथा उसके प्रावधान
- अह्लुस्सुन्नह वल-जमाअह
- धर्म और पंथ
- संप्रदाय (पंथ)
- इस्लाम से संबद्ध संप्रदाय
- समकालीन वैचारिक सिद्धांत
- धर्मशास्त्र
- उपासनाएं
- लेनदेन के मसायल
- क़सम और मन्नत
- पारिवारिक मसायल का ज्ञान
- चिकित्सा, उपचार और शरई झाड़-फूँक
- खाद्य पदार्थ और पेय
- दंडनीय अपराध
- न्यायिक व्यवस्था
- जिहाद
- समसामयिक एवं उभरते हुए मुद्दों का न्यायशास्त्र
- अल्पसंख्यकों के मसाईल का ज्ञान
- इस्लामी राजनीति
- इस्लामी धर्मशास्त्र के मत
- फ़त्वे
- उसूल फ़िक़्ह (धर्मशास्त्र के सिद्धांत)
- इस्लामी धर्मशास्त्र की किताबें
- विशेषताएं (खूबियाँ)
- अरबी भाषा
- इस्लाम का आह्वान
- Issues That Muslims Need to Know
- दिल को विनम्र करने वाली बातें और सदुपदेश
- भलाई का आदेश देना तथा बुराई से रोकना
- इस्लामी दावत की वस्तुस्थिति
- क़ुरआन करीम
किताबें
आइटम्स की संख्या: 168
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इत्तिबा-ए-सुन्नत और तक़लीद से संबंधित यह एक बात-चीत है जो एक शांतिपूर्ण वातावरण में अब्दुल्लाह और अहमद नामी दो व्यक्तियों के बीच हुई है। जिस में यह स्पष्ट किया गया है कि रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत का इत्तिबा करना ही असल दीन है, तथा तक़लीद का खण्डन किया गया है और उस से उपेक्षा करने पर बल दिया गया है।
- हिन्दी
इस्लाम एक संपूर्ण और व्यापक धर्म है, जिस ने दीन और दुनिया, लोक और परलोक, तथा जीवन के सभी वर्गों में मानव जाति की आवश्यकताओं की पूर्ति की है और उसकी समस्त समसयाओं का उचित समाधान पेश किया है। इस्लाम धर्म की विभिन्न विशेषताओं और गुणों में से एक मानव अधिकार की रक्षा है, जिसका एक महत्वपूर्ण छेत्र जन सेवा है। प्रस्तुत पुस्तक में विस्तारपूर्वक इस्लाम में जन सेवा की कल्पना के विषय पर वार्तालाप किया गया है। इस्लाम ने जिस व्यापक रूप से जन सेवा को परिभाषित किया, उसका महत्व स्पष्ट किया, अपने मानने वालों को इसकी प्रेरणा दी, सेवा के अधिकारी लोगों को सुनिश्चित किया, और जिस प्रकार आध्यात्मिक और नैतिक आधारों पर इसका सुदृढ़ क़ानूनी ढाँचा खड़ा किया है वह अद्वितीय है, बल्कि इसे ईश्वर उपासना और धार्मिक कर्तव्य से संबंधित कर के अनन्त बना दिया।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह लेखक : रईस अहमद फलाही लेखक : अब्दुल गनी फारुक़ अनुवाद : रईस अहमद फलाही संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
प्रस्तुत पुस्तक एक संग्रह है 80 ऐसी औरतों की कहानियों का जो अधिकांश यूरोप और अमेरिका से संबंध रखती हैं। इन सौभाग्यशाली महिलाओं को वास्तव में सच्चाई की तलाश थी और उन्हों ने गहन अध्ययन, सोच-विचार और संतुष्टि के बाद इस्लाम ग्रहण किया। इस्लाम स्वीकारने के बाद आज़माइशों और संकटों ने इनका रास्ता रोकने की कोशिश की, मगर ये साहसी महिलायें पहाड़ के समान अपने फैसले पर जमी रहीं। यह किताब सत्य के खोजियों के लिये मील का पत्थर सिद्ध होगी।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस्लाम एक परिपूर्ण व्यापक धर्म है जो जीवन के सभी छेत्रों को सम्मिलित है। इस्लाम के अनुयायी का अपने उत्पत्तिकर्ता के साथ किस तरह का संबंध होना चाहिए तथा जिस समाज में वह जीवन यापन कर रहा है उसके विभिन्न सदस्यों के साथ उसका संबंध कैसा होना चाहिए, दोनों पक्षों को इस्लाम ने स्पष्ट किया है। इस पुस्तिका में यह उल्लेख किया गया है कि सर्व जगत के पालनहार के प्रति निष्ट होने के छेत्र क्या हैं, उसकी आराधना और उपासना किस प्रकार तथा उसके नियम क्या हैं। जिन्हें ईमान और इस्लाम के अर्कान यानी मूल आधार और सिद्धांत के नाम से जाना जाता है।
- हिन्दी
- हिन्दी लेखक : मौलाना अब्दुल करीम पारीख अनुवाद : डाक्टर अब्दुल अज़ीज़ अब्दुर्रहीम अनुवाद : डाक्टर मुहम्मद नाहीद सिद्दीक़ी अनुवाद : मौलाना अब्दुल ग़फूर पारीख संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
आसान क़ुर्आनिक कोशः क़ुर्आन करीम मानवता के नाम अल्लाह का अंतिम संदेश है जिसमें परलोक तक के लिए आने वाली मानवजाति के लिए सांसिरक जीवह में कल्याण, सफलता और सौभाग्या तथा परलोक में मोक्ष का मार्गदर्शन है। इसलिए सर्व मनुष्य के लिए इसके संदेश को समझना अति आवश्यक है जिसे उसके सृष्टा व पालनकर्ता ने भेजा है। प्रस्तुत पुस्तक हिंदी भाषियों को उनके पालनहार के अंतिम संदेश और मार्गदर्शन से अवगत कराने का एक सराहनीय प्रयास है। यह पुस्तक या कोश तीह भागों में विभाजित है, प्रथम भाग मे प्रति दिन पढ़ी जाने वाली छोटी सूरतों, नमाज़ की दुआओं, सुबह शाम ... इत्यादि की दुआओं का अनुवाद प्रस्तुत किया गया है। जबकि दूसरे भाग में बेसिक अरबी व्याकरण का उल्लेख किया गया है। तीसरे और अंतिम भाग में पूरे क़ुर्आन के कठिन शब्दों का अर्थ वर्णन किया गया है।
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