- वर्गीकरण वृक्ष
- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
- मसाहिफ़ (क़ुरआन की प्रतियाँ)
- क़ुरआन करीम के पाठ
- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
- विशिष्ट तिलावतें
- नोबल क़ुरआन और उसके वाहकों के शिष्टाचार
- हदीस
- अक़ीदा (आस्था)
- तौहीद (एकेश्वरवाद)
- इबादत (उपासना) और उसके प्रकार
- इस्लाम
- ईमान और उसके स्तंभ
- ईमान के मसायल
- एहसान
- कुफ्र (नास्तिकता)
- निफाक़ (पाखण्ड)
- शिर्क (अनेकेश्वरवाद) और उसका खतरा
- बिदअत (नवाचार) : उसके प्रकार एवं उदाहरण
- सहाबा और आले-बैत
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- वलायत और औलिया की करामतें
- जिन्न
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- A Guidance for the Worlds
- क़ुरआन करीम
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- हिन्दी भाषणकर्ता : मक़्सूदुल हसन फैज़ी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
बारिश होने के समय मुसलमान का क्या व्यहार होना चाहिए : वर्षा का उतरना मात्र अल्लाह सर्वशक्तिमान की कृपा और दया है। बारिश ही आजीविका का स्रोत है जिसे अल्लाह सर्वशक्तिमान एक नियमित मात्रा में आकाश से धरती पर अवतरित करता है। इसलिए मनुष्य को चाहिए कि उसका अकेले श्रेय अल्लाह सर्वशक्तिमान को दे, उसे किसी तारे या नक्षत्र का प्रभाव न ठहराए। प्रस्तुत व्याख्यान में इस बात का उल्लेख किया गया है कि वर्षा होते समय एक विश्वासी मुसलमाम की स्थिति होनी चाहिए।
- हिन्दी भाषणकर्ता : फैज़ुल्लाह अल-मदनी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
सफर के महीने की बिदअतें : प्रस्तुत वीडियो में सफर के महीने में अरबो के अंदर पाई जाने वाली बुराईयों ; सफर के महीने से अपशकुन लेने, तथा उसे आगे और पीछे कर उसमें खिलवाड़ करने, का उल्लेख किया गया है। इसी तरह, इस्लाम के अनुयायियों के यहाँ इस महीने के अंदर पाये जाने वाले नवाचार (बिद्अतों) और भ्रष्ट मान्यताओं का वर्णन और खण्डन करते हुए, इस महीने के अंदर नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जीवन में घटित होने वाली कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी वक्ता : अबू ज़ैद ज़मीर संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
मुहर्रम के महीने के प्रावधानः इअल्लाह का महीना मुहर्रमुल-हराम एक महान और हुर्मत वाला महीना है, जिसे अल्लाह तआला ने आकाश एवं धरती की रचना करने के समय ही से हुर्मत –सम्मान एवं प्रतिष्ठा- वाला घोषित किया है, तथा यह हिज्री-वर्ष का प्रथम महीना है। प्रस्तुत व्याख्यान में इस महीने की विशेषता तथा इस में धर्मसंगत रोज़े का उल्लेख किया गया है। मुहर्रम के महीने के प्रावधानः इअल्लाह का महीना मुहर्रमुल-हराम एक महान और हुर्मत वाला महीना है, जिसे अल्लाह तआला ने आकाश एवं धरती की रचना करने के समय ही से हुर्मत –सम्मान एवं प्रतिष्ठा- वाला घोषित किया है, तथा यह हिज्री-वर्ष का प्रथम महीना है। प्रस्तुत व्याख्यान में इस महीने की विशेषता तथा इस में धर्मसंगत रोज़े का उल्लेख किया गया है। इसी तरह आशूरा के बारे में वर्णित कमज़ोर व मनगढ़त हदीसों पर चेतावनी दी गई है।
- हिन्दी वक्ता : ज़फरुल हसन मदनी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
हरमैन की महानता और मुसलमानों की ज़िम्मेदारी : प्रस्तुत व्याख्यान में हरमैन शरीफैन की महानता का उल्लेख करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि हरमैम शरीफैन की रक्षा और बचाव करना सभी मुसलमानों की जिम्मेदारी है। साथ ही साथ भारतीय उप-महाद्वीप के अह्ले-हदीस विद्वानों के किंग अब्दुल अजीज के साथ हरमैन के मुद्दों पर समर्थन और सहयोग के कुछ उदाहरणों का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी वक्ता : अबू ज़ैद ज़मीर संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
ज़ुल-हिज्जा के दस दिनों की फज़ीलत : प्रस्तुत आडियो में दुनिया के सर्वोत्तम दिह ज़ुलहिज्जा के पहले दस दिनों की फज़ीलत, और उनमें धर्मसंगत कार्यों का उल्लेख किया गया है। विशेषकर अरफा के दिन के रोज़े की फज़ीलत का वर्णन किया गया है जिससे अगलेऔर पिछले दो वर्ष के पाप माफ कर दिए जाते हैं।
- हिन्दी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
हज्ज मबरुर और उसकी फज़ीलत : इस लेख में हज्ज मबरुर की फज़ीलत बयान करते हुए यह उल्लेख किया गया है आदमी का हज्ज मबरुर कब और कैसे होता है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
तयम्मुम का तरीक़ाः इस वीडियो में तयम्मुम करने का तरीक़ा, उसकी वैधता के प्रमाणों, तयम्मुम तोड़नेवाली चीज़ों और उन परिस्थितियों का उल्लेख किया गया है जिनमें तयम्मुम करना जायज़ है
- हिन्दी भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
स्नान का तरीक़ाः इस वीडियो में स्नान करने का तरीक़ा और उन कारणों का उल्लेख किया गया है जिनसे स्नान अनिवार्य हो जाता है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
उम्रा का सही तरीक़ाः इस वीडियो में उम्रा करने का सही तरीक़ा वर्णन किया गया है।
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस बारे में बहुत प्रश्न किया जाने लगा है कि यदि ईद का दिन जुमा के दिन पड़ जाए। चुनाँचे दो ईदें एक साथ हो जाएं: ईदुल फित्र या ईदुल अज़हा, जुमा की ईद के साथ एकत्रित हो जाए जो कि सप्ताह की ईद है, तो क्या ईद की नमाज़ में उपस्थित होने वाले पर जुमा की नमाज़ अनिवार्य है या कि ईद की नमाज़ उसके लिए पर्याप्त होगी और वह जुमा के बदले ज़ुहर की नमाज़ प़ढ़ेगा? और क्या मस्जिदों में ज़ुहर की नमाज़ के लिए अज़ान दी जायेगी या नहीं? इसके अलावा प्रश्न में वर्णित अन्य बातें। इस पर वैज्ञानिक अनुसंधान और इफ्ता की स्थायी समिति ने यह फत्वा जारी किया हैः
- हिन्दी भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
ज़कातुल फित्रः इस वीडियो में ज़कातुल फित्र की अनिवार्यता, उसके प्रावधान, उसके अनिवार्य किए जाने की हिकमत (तत्वदर्शिता), उसकी मात्रा, उसके निकाले जाने का समय ओर उसके हक़दार लोगों का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
रमज़ान मुबारकः इस पुस्तक में रमज़ान के महीने की विशेषता, रोज़े के गुण एवं लाभ, रोज़े का अर्थ और उसका हुक्म, रमज़ान के महीने के शुरू होने के सबूत, रोज़े की शर्तें, उसके स्तंभ, उसके शिष्टाचार, तथा रोज़े में उज़्र वाले लोगों, रोज़े में हराम चीज़ें, नफली रोज़े, रमज़ान में अफज़ल व पसंदीदा काम, ज़कातुल फित्र, ईद के शिष्टाचार इत्यादि का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : अताउर्रहमान अब्दुल्लाह सईदी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
प्रस्तुत वीडियो में रमज़ान के महीने के रोज़े की अनिवार्यता, उसके अर्थ, रमज़ान के महीने की फज़ीलत, क़ुरआन व हदीस से उसकी अनिवार्यता के प्रमाणों, और रोज़े की तत्वदर्शिता का उल्लेख किया गया है। इसी तरह रोज़े के कुछ प्रावधानों, जैसे- रोज़े की नीयत, और बिना किसी कारण के रोज़ा तोड़ देने या उसमें लापरवाही करने पर चेतावनी दी गई है और उसके दुष्परिणाम से अवज्ञत कराया गया है
- हिन्दी वक्ता : अबू ज़ैद ज़मीर संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
प्रस्तुत आडियो में रमज़ान के महीने की महान घड़ियों और क्षणों से भरपूर लाभ उठाने पर बल देते हुए, रमज़ान के महीने की शुरूआत और उसके प्रवेष करने के सबूत का वर्णन किया गया है, और यह स्पष्ट किया गया कि रमज़ान के महीने के आरंभ होने की प्रामाणिकता रमज़ान का चाँद देखने या उसके देखे जाने पर एक विश्वस्त आदमी की गवाही का होना, और यदि किसी कारण चाँद न दिखाई दे तो शाबान के तीस दिन पूरे करना है। तथा रमज़ान से पहले उसके अभिवादन के तौर पर एक दो दिन रोज़ा रखना धर्मसंगत नही है। इसी तरह इसमें नीयत की अनिवार्यता, नीयत का अभिप्राय स्पष्ट करते हुए यह उल्लेख किया गया है कि नीयत ज़ुबान से करना धर्मसंगत नही है।
- हिन्दी लेखक : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
पंद्रहवीं शाबान की रात का जश्न मनाने का हुक्म : इस लेख में पंद्रहवीं शाबान की रात का जश्न मनाने का इतिहास, इस कार्य का हुक्म,तथा इस नई गढ़ ली गई बिदअत के बारे में विद्वानों के कथनों का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी भाषणकर्ता : फैज़ुल्लाह अल-मदनी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
इस वीडियो में उल्लेख किया गया है कि शाबान के महीने की क्या फज़ीलत है, नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम विशिष्ट रूप से इस महीने में क्या कार्य करते थे, तथा पंद्रहवीं शाबान की रात को जश्न मनाने और उसमें हज़ारी नमाज़ पढ़ने, विशिष्ट इबादतें करने, उस दिन रोज़ा रखने, तथा आधे शाबान के बाद रोज़ा रखने, रमज़ान से एक-दो दिन पूर्व रोज़ा रखने और शक्क के दिन रोज़ा रखने के अह्काम स्पष्ट किए गए हैं।
- हिन्दी वक्ता : अबू ज़ैद ज़मीर संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
वर्तमान समय में कुछ मुसलमानों के बीच प्रचलित बिदअतों में से एक घृणित बिदअत : पंद्रह शाबान की रात का जश्न मनाना है, जिसे अवाम में शबे-बराअत के नाम से जाना जाता है और उसमें अनेक प्रकार की शरीअत के विरुद्ध कार्य किए जाते हैं, जिनके लिए ज़ईफ़ और मनगढ़त हदीसों का सहारा लिया जाता है। इस आडियो में पंद्रह शाबान की रात के बारे में वर्णित हदीसों का चर्चा करते हुए, उनकी हक़ीक़त से पर्दा उठाया गया है।
- हिन्दी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
हाल के वर्षों में बहुत से मुस्लिम समुदायों में नए ईसवी साल के प्रवेश का जश्न मनाने की प्रथा प्रचलित हो गई है। प्रस्तुत लेख में हर प्रकार के जन्मदिन समारोहों के आयोजन और नए वर्ष के प्रवेश का उत्सव मनाने के निषिद्ध होने का उल्लेख किया गया है।
- हिन्दी लेखक : नसीम ग़ाज़ी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
दुश्मनों के क्या अधिकार हैं? अज़ान और नमाज़ के संबंध में अनभिगता के कारण बड़ी भ्रान्तियाँ पाई जाती हैं। यह बात उस समय और दुखद हो जाती है जब बिना सही जानकारी के इस्लाम की इस पवित्र एवं कल्याणकारी उपासना के संबंध में निसंकोच अनुचित टीका-टिप्पणी तक कर दी जाती है और उसके बारे में सही जानकारी प्राप्त करने का कष्ट तक नहीं किया जाता है। बहुत से लोग अज्ञानतावश यह समझते हैं कि अज़ान में ’अकबर बादशाह’ को पुकारा जाता है! कबीरदास जैसे संत तक ने भी अपनी अनभिज्ञता के कारण अज़ान के संबंध में कह डाला: कंकर पत्थर जोर के मस्जिद लिया बनाय । तापे मुल्ला बांग दे, क्या बहरा हुआ खुदाय ।। इस पुस्तिका में नमाज़ का महत्व और अज़ान तथा नमाज़ का मूल अर्थ बताया गया है। ताकि इनका सही स्वरूप जनसामान्य के सामने आ सके और इनके संबंध में भ्रान्तियाँ दूर हो सकें।
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
हर वर्ष नये हिज्री साल के आगमन पर हम अल्लाह के दिनों में से एक ऐसे दिन का अभिनंदन करते हैं, जिसके बारे में लोगों ने मतभेद किया है, और वह मुहर्रम के महीने का दसवाँ दिन है। इसके अंदर दो ऐसी प्रभवाशाली घटनाएँ घटीं हैं जिनके कारण लोगों ने इस दिन के कार्यों के बारे में मतभेद किया है: पहली घटना: मूसा अलैहिस्सलाम और उनकी क़ौम की मुक्ति, तथा फिरऔन और उसकी सेना का विनाश। दूसरी घटना: नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नवासे हुसैन बिन अली बिन अबी तालिब की हत्या। हुसैन रज़ियल्लाहु अन्हु और उनसे पहले उसमान रज़ियल्लाहु अन्हु की हत्या इस उम्मत में फित्नों के सबसे बड़े कारणों में से है। नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने मूसा अलैहिस्सलाम के नजात और फिरऔन के विनाश पर अल्लाह के प्रति आभार प्रकट करने के तौर पर, इस दिन रोज़ा रखने का निर्देश दिया है। उसके रोज़े का हुसैन रज़ियल्लाहु अन्हु की हत्या से कोई संबंध नहीं है। प्रस्तुत लेख में आशूरा के दिन के बारे में पथभ्रष्ट होने वाले दलों और संप्रदायों, हुसैन रज़ियल्लाहु अन्हु के बारे में सही स्थिति का उल्लेख करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि अहले सुन्नत इस बारे में अल्लाह की शरीअत का पालन करते हैं, इसलिए वे लोग इस दि मातम नहीं करते हैं।