- क़ुरआन करीम
- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
- मसाहिफ़ (क़ुरआन की प्रतियाँ)
- क़ुरआन करीम के पाठ
- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
- विशिष्ट तिलावतें
- नोबल क़ुरआन और उसके वाहकों के शिष्टाचार
- हदीस
- अक़ीदा (आस्था)
- तौहीद (एकेश्वरवाद)
- इबादत (उपासना) और उसके प्रकार
- इस्लाम
- ईमान और उसके स्तंभ
- ईमान के मसायल
- एहसान
- कुफ्र (नास्तिकता)
- निफाक़ (पाखण्ड)
- शिर्क (अनेकेश्वरवाद) और उसका खतरा
- बिदअत (नवाचार) : उसके प्रकार एवं उदाहरण
- सहाबा और आले-बैत
- तवस्सुल
- वलायत और औलिया की करामतें
- जिन्न
- वफादारी और दुश्मनी तथा उसके प्रावधान
- अह्लुस्सुन्नह वल-जमाअह
- धर्म और पंथ
- संप्रदाय (पंथ)
- इस्लाम से संबद्ध संप्रदाय
- समकालीन वैचारिक सिद्धांत
- धर्मशास्त्र
- उपासनाएं
- लेनदेन के मसायल
- क़सम और मन्नत
- पारिवारिक मसायल का ज्ञान
- चिकित्सा, उपचार और शरई झाड़-फूँक
- खाद्य पदार्थ और पेय
- दंडनीय अपराध
- न्यायिक व्यवस्था
- जिहाद
- समसामयिक एवं उभरते हुए मुद्दों का न्यायशास्त्र
- अल्पसंख्यकों के मसाईल का ज्ञान
- इस्लामी राजनीति
- इस्लामी धर्मशास्त्र के मत
- फ़त्वे
- उसूल फ़िक़्ह (धर्मशास्त्र के सिद्धांत)
- इस्लामी धर्मशास्त्र की किताबें
- विशेषताएं (खूबियाँ)
- अरबी भाषा
- इस्लाम का आह्वान
- Issues That Muslims Need to Know
- दिल को विनम्र करने वाली बातें और सदुपदेश
- भलाई का आदेश देना तथा बुराई से रोकना
- इस्लामी दावत की वस्तुस्थिति
- क़ुरआन करीम
पारिवारिक मसायल का ज्ञान
आइटम्स की संख्या: 28
- मुख्य पृष्ठ
- अग्र-भाग की भाषा : हिन्दी
- विषयवस्तु की भाषा : सभी भाषाएँ
- पारिवारिक मसायल का ज्ञान
- हिन्दी लेखक : अब्दुर्रहमान बिन नासिर अस-सअदी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
हृदय का आनन्द और हर्ष व उल्लास, शोक और चिन्ता-मुक्ति प्रत्येक मनुष्य का लक्ष्य और उद्देश्य है। इसी के द्वारा सुखित और शुभ जीवन प्राप्त होता है, तथा आनन्द और प्रसन्नता सम्पूर्ण होती है। इस के कुछ धार्मिक कारण, कुछ प्राकृतिक कारण और कुछ व्यवहारिक कारण हैं। इस पुस्तक में इन्हीं कारणों का उल्लेख है।
- हिन्दी
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन
एक आदमी के दिल में अल्लाह अज़्ज़ा व जल्ल के बारें में शैतान भयानक वस्वसे डालता रहता है, और वह इस से भयभीत है, ऐसी स्थिति में उसे क्या करना चाहिए?
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन
मासिक धर्म और प्रसवोत्तर रक्तस्राव के प्रावधानों के बारे में साठ प्रश्न
- हिन्दी लेखक : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन
स्त्रियों के प्राकृतिक रक्तों से संबंधित शरई आदेश-निर्देश
- हिन्दी
सुखी जीवन के उपयोगी साधनः हिंदी भाषा की यह पुस्तक डॉक्टर हैस़म सरहान द्वारा रचित है। वास्तव में यह पुस्तक अल्लामा सादी रह़िमहुल्लाह द्वारा लिखित मूल पुस्तक “सुखी जीवन के लिए उपयोगी संदेश” का संक्षिप्तीकरण है, जिसमें उन्होंने उन उपयोगी माध्यमों का उल्लेख किया है जिन के द्वारा सौभाग्यशाली जीवन जीना सुगम हो जाता है, इसके अतिरिक्त उन साधनों एवं ढ़ंगों का उल्लेख करने के साथ-साथ उन्हें प्राप्त करने के उपाय भी सुझाए गए हैं, विशेष बात यह है कि ये सभी बातें क़ुरआन एवं ह़दीस़ से मय प्रमाण बयान की गई हैं। लेखक महोदय ने छोटे-छोटे बिंदुओं के रूप में व्यवस्थित कर इसे सुंदर ढ़ंग से प्रस्तुत किया है।
- हिन्दी
- हिन्दी
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
दंपती के बीच विवादः दंपती के बीच विवाद अपरिहार्य है, और शायद ही कोई घर है जो इससे खाली हो। लेकिन इस विवाद के कारणों और कारकों को समझकर इन मतभेदों का उचित समाधान खोजना, वैवाहिक किंगडम के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए सबसे सुरक्षित तरीका है। इस प्रवचन में, दंपती के बीच विवाद के कुछ कारणों और उनके शरई समाधान, तथा वैवाहिक विवाद से निपटने के लिए कुछ सुझावों का वर्णन किया गया है।
- हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
आदरणीय शैख मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन रहिमहुल्लाह से प्रश्न किया गया किः मेरी एक पत्नी है जिसने हज्ज नहीं किया है, तो क्या मेरे ऊपर अनिवार्य है कि मैं उसे हज्ज कराऊँ? और क्या हज्ज में उसका खर्च मेरे ऊपर अनिवार्य है? और अगर वह मेरे ऊपर अनिवार्य नहीं है तो क्या उससे समाप्त हो जायेगा?
- हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
हमने सुना है कि ऐसी मान्यताएं पाई जाती हैं जिसका आशय यह है कि सफर के महीने में शादी, खतना और इसके समान अन्य चीज़ें करना जायज़ नहीं है। कृपया हमें इस बारे में इस्लामी क़ानून के अनुसार अवगत कराएं। अल्लाह आप की रक्षा करे।
- हिन्दी लेखक : एहसान अल-उतैबी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
नवजात शिशु का आगमन मनुष्य के लिए एक अपार खुशी का अवसर होता है। इस अवसर को लोग अपनी-अपनी परंपराओं और रीतियों के अनुरूप विभिन्न प्रकार से मनाते और हर्ष व उल्लास का प्रदर्शन करते हैं। इस्लाम धर्म में नवजात शिशु के विशेष प्रावधान हैं, जिनमें से एक यह है कि जिस व्यक्ति को अल्लाह ने इस नेमत से सम्मानित किया है, वह अल्लाह के प्रति आभार प्रकट करते हुए उसकी निकटता के तौर पर अक़ीक़ा करे। अक़ीक़ा के क्या प्रावधान हैं ? उसके कौन-कौनसे मुद्दे हैं ? तथा इसी विषय से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण बातें इस पुस्तिका में प्रस्तुत की गई हैं।
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
पर्दा सर्वप्रथम अल्लाह की उपासना है, जिसे अल्लाह ने अपनी व्यापक व अपार तत्वदर्शिता से औरतों पर अनिवार्य कर दिया है। पर्दा नारी के लिए पवित्रता, शालीनता और सभ्यता का प्रतीक, तथा उसके सतीत्व व मर्यादा का रक्षक है। पर्दा वास्तव में नारी के लिए प्रतिष्ठा और सम्मान का पात्र है। यह उसकी व्यक्तगत स्वतंत्रता के विरूद्ध या उसके विकास में रुकावट अथवा उसके लिए कलंक नहीं है, जैसाकि इस्लाम की शिक्षाओं और उसकी तत्वदर्शिता से अनभिग लोग तथा पक्षपाती एवं दोहरे मापदंड वाली मीडिया ऐसा दर्शाने की कुप्रयास करती रहती है। प्रस्तुत लेख में इस्लाम के निकट पर्दा की वास्तविकता, उसकी तत्वदर्शिता व रहस्य, उसके उद्देश्य और अच्छे परिणाम का उल्लेख किया गया है। इसी तरह आज के गैर-इस्लामी समाज की दुर्दशा और भयावह आँकड़े को प्रस्तुत करते हुए उन्हें इस्लामी जीवनशैली की प्रतिष्ठा की झलक दिखाकर उससे लाभान्वित होने का आमंत्रण दिया गया है।
- हिन्दी
इस्लाम धर्म की गुणों और विशेषताओं में से एक महत्वपूर्ण तत्व यह है कि उसने हर उस चीज़ से मनाही की है और उस पर कड़ी चेतावनी दी है, जिससे मानव के शरीर, स्वास्थ्य, बुद्धि और धन को छति और हानि पहुँचती है। शराब और सामान्यतः मादक पदार्थों का सेवन उनमें से एक है। शराब को इस्लाम ने बुराईयों की जननी घोषित किया है और उसे हर दुष्ट कार्य की कुंजी माना है। वास्तविकता भी यही है ; मेडिकल साइंस इसकी पुष्टि करती है और वस्तुस्थिति इसकी साक्ष्य है। प्रस्तुत लेख में इस तथ्य से रु-ब-रु कराने का सुप्रयास किया गया है।
- हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह
अपने बच्चे को पैगंबर की कहानी सुनायें: इस पुस्तिका में हमारे प्रिय पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के बचपन से संबंधित कहानियों का एक समूह प्रस्तुत किया गया है, जिन्हें बच्चों को सुनाना उचित है।. इस पुस्तिका में हमारे प्रिय पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की किशोरावस्था से संबंधित कहानियों का एक समूह प्रस्तुत किया गया है, जो बच्चों को सुनाना उचित है।.
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मैं सोलह साल की एक लड़की हूँ, और एक ऐसे परिवार से हूँ जो धर्म के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं, मैं एक अकेली हूँ जो नमाज़ पढ़ती हूँ और इस्लाम की शिक्षाओं का पालन करने का प्रयास करती हूं, इसीलिए मुझे बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, उन्हीं में से यह है कि मेरी माँ मुझे इशा और फज्र की नमाज़ पढ़ने से रोकती है और कहती है कि वे दोनों अनुचित समय में हैं !! इसके बावजूद मैं उन्हें चुपके से पढ़ लेती हूं, और यदि वह मुझसे आकर पूछती है तो मैं कहती हूँ कि: मैं ने नमाज़ नहीं पढ़ी . . . ! तो इस बारे में शरीअत का प्रावधान क्या है ॽ क्या मेरे लिए ऐसी स्थिति में झूठ बोलना जइज़ है ॽ तथा मैं पिज़्ज़ा रेस्तरां में काम करता थी और यह रेस्तरां सूअर बेचता था इसलिए मैं ने उसे छोड़ दिया, और जब उसने मुझसे पूछा तो मैं ने उससे कहा कि उन्हों ने मुझे निकाल दिया है, तो इस स्थिति में भी शरीअत का दृश्य क्या है ॽ एक दूसरा मुद्दा यह है कि मैं अपनी माँ के साथ ट्रेन से एक दूसरे शहर का सफर करने वाली हूँ और ज़ुहर और अस्र की नमाज़ का समय ट्रेन ही में हो जायेगा, और उस समय मेरे लिए उनकी अदायगी करना संभव न होगा, तो फिर क्या करना होगा ॽ मैं ने सुना है कि नमाज़ों को एकत्र करके पढ़ना जाइज़ है, लेकिन मुझे नहीं पता कि कैसे . . .! क्या इसका मतलब यह है कि मेरे लिए ज़ुहर और अस्र की नमाज़ ज़ुहर की नमाज़ के समय पढ़ना संभव है, और इसे कैसे पढ़ा जायेगा ॽ यह बात निश्चित है कि मैं इशा और फज्र की नमाज़ भी पढ़ने पर सक्षम नहीं हूँगी क्योंकि मेरी माँ मेरे साथ होगी, तो फिर क्या करूँ ॽ क्या दूसरे समय में नमाज़ों की क़जा की जायेगी, और कैसे ॽ इसके अलावा, मेरी माँ मुझे हिजाब पहनने से भी रोकती है, और इस बात पर ज़ोर देती है कि मैं ऐसा पोशाक पहनूँ जो उस समाज और वातावरण के अनुकूल हो जिसमें मैं रहती हूँ, उदाहरण के तौर पर गर्मियों में मुझे छोटे कपड़े पहनने पर मजबूर करती है, और कहती है कि सूरज त्वचा के लिए उपयोगी है . . इन सब के बावजूद, मैं इन दबावों का विरोध करती हूँ, और यथा संभव शालीनता अपनाने का प्रयास करती हूँ, . . लेकिन मैं वास्तव में उस समय उदास और दुखी होती हूँ जब मैं अपनी माँ को देखती हूँ कि वह मुझसे गुस्सा करती है, लेकिन मैं भी अपने धर्म के सिद्धांतों को त्याग नहीं कर सकती, तो क्या आप कोई नसीहत करेंगेॽ
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- हिन्दी मुफ्ती : अब्दुर्रहमान बिन नासिर अल-बर्राक
क्या मुझे ठहर जाना चाहिए और इस बात की कोशिश नहीं करनी चाहिए कि मेरे बच्चे पैदा हूँ, क्योंकि मुझे डर है कि अल्लाह तआला मुझे जो बच्चे देगा मैं उन के लिए परिवार में एक इस्लामी वातावरण (माहौल) उपलब्ध नहीं कर सकूंगा ? मेरे ऊपर पिछले ऋण हैं जिन्हें मैं चुका रहा हूँ, उस पर जो सूद बढ़ता है वह अतिरिक्त है। मैं सोचता हूँ कि मेरे लिए उपयुक्त यह है कि बच्चे पैदा करने से रूका रहूँ यहाँ तक कि मैं क़र्ज़ का भुगतान कर दूँ। तो इस विषय में आप के क्या विचार हैं ?
- हिन्दी लेखक : हुमाम बिम अब्दुर्रहमाम अल-हारिसी अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरब
इस उम्मत पर अल्लाह सर्वशक्तिमान की यह अनुकम्पा और अनुग्रह है कि उसने इसे सबसे अंतिम और सबसे श्रेष्ठ उम्मत बनाया है, तथा इस उम्मत के पैगंबर को समस्त ईश्दूतों और संदेष्टाओं में श्रेष्ठतम और उन सबकी अंतिम कड़ी बनाया है। और आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की मोहब्बत को धर्म क़रार दिया है जिसके द्वारा हम अल्लाह सर्वशक्तिमान की उपासना व आराधना करते हैं, और उसके द्वारा उसकी निकटता चाहते हैं। प्रस्तुत लेख में पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की मोहब्बत पर नफ्स के प्रशिक्षण और पालन पोषण के तरीक़े के बारे में चर्चा किया गया है। साथ ही साथ क़ियामत के दिन पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की शफाअत की प्राप्ति के कुछ कारणों का भी उल्लेख किया गया है।