- वर्गीकरण वृक्ष- क़ुरआन करीम- क़ुरआन में मननचिंतन, उसकी प्रतिष्ठा, उसका हिफ़्ज़ और तिलावत के शिष्टाचार
- तफ़सीर (क़ुरआन की व्याख्या)
- कुरआन के विज्ञान
- मसाहिफ़ (क़ुरआन की प्रतियाँ)
- क़ुरआन करीम के पाठ
- क़ुरआन करीम के अर्थों का अनुवाद
- पढ़े जाने योग्य उत्कृष्ट अनुवाद
- क़ुरआन के अर्थों के अनुवाद के साथ सस्वर पाठ
- विशिष्ट तिलावतें
- नोबल क़ुरआन और उसके वाहकों के शिष्टाचार
 
- हदीस
- अक़ीदा (आस्था)- तौहीद (एकेश्वरवाद)
- इबादत (उपासना) और उसके प्रकार
- इस्लाम
- ईमान और उसके स्तंभ
- ईमान के मसायल
- एहसान
- कुफ्र (नास्तिकता)
- निफाक़ (पाखण्ड)
- शिर्क (अनेकेश्वरवाद) और उसका खतरा
- बिदअत (नवाचार) : उसके प्रकार एवं उदाहरण
- सहाबा और आले-बैत
- तवस्सुल
- वलायत और औलिया की करामतें
- जिन्न
- वफादारी और दुश्मनी तथा उसके प्रावधान
- अह्लुस्सुन्नह वल-जमाअह
- धर्म और पंथ
- संप्रदाय (पंथ)
- इस्लाम से संबद्ध संप्रदाय
- समकालीन वैचारिक सिद्धांत
 
- धर्मशास्त्र- उपासनाएं- शुद्धिकरण और उसके नियम
- नमाज़
- जनायज़ (अंतिम संस्कार)
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- हज्ज और उम्रा
- खुत्बए-जुमा के प्रावधान
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- मुसाफिर की नमाज़
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- अल्लाह के धर्म का आह्वान- इस्लाम का आह्वान
- Issues That Muslims Need to Know
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- The Importance of Calling to Allah
 
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- Introducing Islam to Muslims
- Introducing Islam to non-Muslims
- A Guidance for the Worlds
 
- क़ुरआन करीम
Rulings on Fasting and the Month of Ramadan
आइटम्स की संख्या: 18
- मुख्य पृष्ठ
- अग्र-भाग की भाषा : हिन्दी
- विषयवस्तु की भाषा : सभी भाषाएँ
- Rulings on Fasting and the Month of Ramadan
-  हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबरमज़ान में केवल रोज़ा रखने और नमाज़ न पढ़ने का क्या हुक्म है? 
-  हिन्दी संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाहरमज़ान के महीने में एक मुसलमान को किस तरह रहना चाहिए इसके बारे में साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर से यह प्रश्न किया गया किः रमज़ान के महीने की शुरुआत के शुभ अवसर पर आप मुसलमानों को क्या सदुपदेश देंगे? 
-  हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन संशोधन : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबकुछ लोग रमज़ान की सत्ताईसवीं रात को लैलतुल-क़द्र से चर्चित करते हैं . . . तो क्या इस निर्धारण (चयन) का कोई आधार है? और क्या इसका कोई प्रमाण है? 
- हिन्दी
-  हिन्दी मुफ्ती : रिसर्च डिवीज़न दारुल-क़ासिम अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबरमज़ानुल मुबारक के महीने से संबंधित महिलाओं के कुछ विशिष्ट प्रावधान हैं जिनके बारे में महिलाओं को जानकारी की आवश्यकता होती है और अक्सर उनके बारे में प्रश्न किया जाता रहता है। प्रस्तुत हैं ऐसे ही 18 प्रश्नों के उत्तर। 
-  हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबयदि किसी महिला पर रमज़ान के रोज़ों का क़र्ज़ है तो क्या उसके लिए जाइज़ है कि वह शव्वाल के छ: रोज़ों को क़र्ज़ से पहले रखे या कि क़र्ज़ को शव्वाल के छ: रोज़ों पर प्राथमिकता दे ? 
-  हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबकुछ रोज़ेदार रमज़ान के दिन का अधिकतर समय वीडियो और टीवी पर फिल्मों और धारावाहिकों (सीरियल) के देखने और कार्ड (ताश, पत्ते) खेलने में गुज़ारते हैं, तो इसका क्या हुक्म है ? 
-  हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबकुछ लोग कहते हैं : यदि आप रमज़ान के दिन में किसी मुसलमान को खाते या पीते देखें तो आप पर उसको सूचित करना अनिवार्य नहीं है। क्योंकि उसे अल्लाह तआला ने खिलाया और पिलाया है। तो क्या यह बात सही है ? 
-  हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबउस आदमी का क्या हुक्म है जिसने रमज़ान के दिन में रोज़े की हालत में अपनी पत्नी से कई बार संभोग कर लिया, फिर उसने बाद में सुना कि रोज़े की हालत में संभोग करना जाइज़ नहीं है ? 
-  हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबएक महिला ने बिना किसी उज़्र (कारण) के सन् 1396 हिज्री में रमज़ान के तीन दिनों का रोज़ा तोड़ दिया, बल्कि उसने लापरवाही करते हुए ऐसा किया, तो इस बारे में अल्लाह का हुक्म (फैसला) क्या है और उस पर क्या अनिवार्य है ? 
-  हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबयदि मनुष्य रमज़ान के महीने का रोज़ा रखने और रमज़ान में नमाज़ पढ़ने का बहुत लालायित है, किन्तु रमज़ान समाप्त होते ही नमाज़ छोड़ देता है, तो क्या उसका रोज़ा शुद्ध (मान्य) है ? 
-  हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबमैं ने एक साल मासिक धर्म (माहवारी) के दिनों में रोज़ा तोड़ दिया और अभी तक उन दिनों का रोज़ा नहीं रख सकी हूँ। इस पर कई वर्ष बीत चुके हैं। मेरे ऊपर रोज़ों की जो क़र्ज़ है मैं उसका भुगतान करना चाहती हूँ। लेकिन मुझे यह ज्ञात नहीं कि मेरे ऊपर कितने दिनों के रोज़े बाक़ी हैं। इस स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए ? 
-  हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबउस व्यक्ति का क्या हुक्म है जिसने रमज़ान के रोज़े की क़ज़ा को छोड़ दिया जबकि उसके पास कोई उज़्र (बहाना, कारण) नहीं है, क्या उसके लिए क़ज़ा करने के साथ केवल तौबा कर लेने काफी है, या उस पर कफ्फारा अनिवार्य है ? 
-  हिन्दी मुफ्ती : अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबउस आदमी के बारे में इस्लामी शरीयत का क्या हुक्म है जिसने रमज़ान के छूटे हुए रोज़ों की क़ज़ा को किसी कारणवश दूसरे रमज़ान के बाद तक विलंब कर दिया तथा एक दूसरे आदमी ने उसे बिना किसी कारण के विलंब कर दिया ? 
-  हिन्दी मुफ्ती : स्थायी समिति वैज्ञानिक अनुसंधान, इफ्ता, दावत एंव निर्देश अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबयह बात किसी पर रहस्य नहीं कि जिस व्यक्ति ने रमज़ान के दिन में अपनी पत्नी से संभोग कर लिया उस पर एक गुलाम आज़ाद करना, या लगातार दो महीने रोज़े रखना, या साठ मिस्कीनों को खाना खिलाना अनिवार्य है। प्रश्न यह है किः 1- अगर आदमी अपनी पत्नी से एक से अधिक बार और विभिन्न दिनों में संभोग कर ले, तो क्या वह प्रत्येक दिन के बदले दो महीना रोज़ा रखे गा, या केवल दो महीने का रोज़ा रख लेना उन सभी दिनों के लिए काफी है जिनमें उसने संभोग किया है? 2- यदि उसे इस बातकी जानकारी नहीं है कि जिसने अपनी पत्नी से संभोग किया है, उसपर उपर्युक्त हुक्म लगता है, बल्कि वह यह समझता था कि जितने दिन उसने अपनी पत्नी से संभोग किया है उसके बदले एक दिन क़ज़ा करना होगा। तो इसका क्या हुक्म है ? 3- क्या पत्नी पर भी उसी तरह अनिवार्य है जिस तरह पति पर अनिवार्य है ? 4- क्या खाने के स्थान पर पैसा भुगतान कर देना जाइज़ है ? 5- क्या अपनी तरफ से और पत्नी की तरफ से एक ही मिस्कीन को खाना खिलाना जाइज़ है ? 6- यदि खाना खिलाने के लिए किसी को न पाए तो किसी खैराती संस्था, उदाहरण के तौर पर रियाज़ में स्थित जम्ईयतुल बिर्र या किसी अन्य संस्था को देना जाइज़ है? 
-  हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबक्या रमज़ान में क़ियामुल्लैल की कोई निश्चित संख्या है या नहीं? 
-  हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबक्या रमज़ान के दिन में हराम बातें करने से मनुष्य का रोज़ा फासिद हो जाता है? 
-  हिन्दी मुफ्ती : मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन अनुवाद : अताउर्रहमान ज़ियाउल्लाह संशोधन : शफीक़ुर्रहमान ज़ियाउल्लाह मदनी प्रकाशक : इस्लामी आमन्त्रण एंव निर्देश कार्यालय रब्वा, रियाज़, सऊदी अरबजिस आदमी ने बिना किसी कारण रमज़ान के रोज़े की अनिवार्यता से अनवगत होने के सबब कुछ दिनों का रोज़ा नहीं रखा तो क्या उस पर कज़ा वाजिब है?