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عبادات
عناصر کی تعداد: 53
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- اردو مُقرّر : عطاء الرحمن ضياء الله مراجعہ : عطاء الرحمن ضياء الله
रोज़े की अनिवार्यता और उसके प्रावधानः प्रस्तुत आडियो में रमज़ान के महीने के रोज़े की अनिवार्यता, क़ुरआन व हदीस से उसकी अनिवार्यता के प्रमाणों, उसकी अनिवार्यता की शर्तों और रोज़े की तत्वदर्शिता का उल्लेख किया गया है। इसी तरह रोज़े के कुछ प्रावधानों, जैसे- रोज़े की नीयत, उसका अर्थ और नीयत का स्थान, तथा सेहरी करने की फज़ीलत व महत्व का उल्लेख किया गया है।
- اردو مُقرّر : عطاء الرحمن ضياء الله مراجعہ : عطاء الرحمن ضياء الله
रोज़ा तोड़नेवाली चीज़ें : इस व्याख्यान में रोज़े की अनिवार्यता का चर्चा करते हुए, उसकी अनिवार्यता को नकारने वाले अथवा बिना किसी वैध कारण के रोज़ा न रखने वाले का हुक्म उल्लेख किया गया है। तथा जिन लोगों के लिए रमज़ान के महीने में रोज़ा न रखने की छूट दी गई है, उनके कारणों का उल्लेख करते हुए, उन चीज़ों का खुलासा किया गया है जिनसे रोज़ा टूट जाता है। इसी तरह सेहरी करने और उसे अंतिम समय तक विलंब करने के बेहतर होने का चर्चा करते हुए, रमज़ान के दिन में संभोग करने के कफ्फारा (परायश्चित) पर सविस्तार प्रकाश डाला गया है।
- اردو مُقرّر : عطاء الرحمن ضياء الله مراجعہ : عطاء الرحمن ضياء الله
हिज्जा के दस दिनों की प्रतिष्ठा: इस उम्मत पर अल्लाह का बहुत बड़ा उपकार और एहसान है कि उसने उन्हें नेकी के ऐसे अवसर प्रदान किए हैं, जिनमें वे नेक कार्य कर अल्लाह की अधिक निकटता और कई गुना पुण्य और इनाम प्राप्त कर सकते हैं। उन्हीं अवसरों में एक महान अवसर ज़ुल-हिज्जा के महीने के प्राथमिक दस दिन हैं। ये साल के सबसे श्रेष्ठ दिन हैं, औ इनके अन्दर नेक कार्य करना अल्लाह को अन्य दिनों के मुक़ाबले मे अधिक प्रिय और पसंदीद है। इसिलए इन दिनों में अधिक से अधिक अल्लाहु अक्बर, ला इलाहा इल्लल्लाह और अल्हम्दुलिल्लाह कहना चाहिए, तथा अन्य उपासना कृत्य करना चाहिए। इन्ही दिनों में एक महान इबादत हज्ज भी अदा किया जाता है। प्रस्तुत व्याख्यान में इन्ही बातों का उल्लेख करते हुए, अल्लाह के पवित्र घर और वहाँ की स्पष्ट निशानियों- मक़ामे इब्राहीम, हज्रे-अस्वद, ज़मज़म के कुआं के उल्लेख
- اردو مُقرّر : عطاء الرحمن ضياء الله مراجعہ : عطاء الرحمن ضياء الله
रमज़ान के अंतिम दस दिनों की फज़ीलतः इस उम्मत पर अल्लाह का बहुत बड़ा उपकार है कि उसने उन्हें रमज़ान के अंतिम दस दिनों में एक ऐसी रात प्रदान किया है, जो हज़ार महीनों (अर्थात 83 वर्षों) से अधिक बेहतर है। इसीलिए इस रात को पाने के लिए पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम एतिकाफ़ करते थे और नेकी के कार्यों में बहुत संघर्ष करते थे, रातों को जागते थे और अपने परिवार को भप जगाते थे। प्रस्तुत व्याख्यान में इसी पर चर्चा किया गया है।
- اردو مُقرّر : ابو زید ضمیر مراجعہ : عطاء الرحمن ضياء الله
हज्ज और उम्रा के फज़ायल : प्रस्तुत व्याख्यान में हज्ज की अनिवार्यता, इस्लाम धर्म में उसके महत्व का उल्लेख करते हुए, दिव्य क़ुरआन और हदीस में हज्ज और उम्रा तथा उनके विभिन्न कार्यों के गुणविशेषण व प्रतिष्ठा का वर्णन किया गया है।
- اردو مراجعہ : عطاء الرحمن ضياء الله
हज्ज का संक्षिप्त विवरण : हज्ज एक महान वैश्विक अवसर है, जिसमें दुनिया के कोने-कोने से आकर मुसलमान अल्लाह के पवित्र घर मक्का मकर्रमा में एकत्रित होते हैं ; ताकि उस महान कर्तव्य को पूरा करें जो जीवन में केवल एक बार अनिवार्य है। प्रस्तुत व्याख्यान में हज्ज की अनिवार्यता, उसकी फज़ीलत, इस यात्रा के लिए हलाल धन की आपूर्ति, तथा इसे खालिस अल्लाह के लिए और उसके पैगंबर के बताए हुए तरीक़े के अनुसार अदा करने का उल्लेख है। इसी हज्ज के निर्धारित स्थानों (मीक़ात), एहराम बांधने के समय ऐच्छिक चीज़ों, एहराम की अवस्था में वर्जित और निषिद्ध चीज़ों और संक्षेप के साथ उम्रा और हज्ज की विधि का उल्लेख किया गया है।
- اردو مُقرّر : ابو سعد قطب محمد اثری
اس خطاب میں قیام اللیل كے آداب و كیفیت پر گفتگو ہو ئی ہے
- اردو مُقرّر : ابو سعد قطب محمد اثری
اس خطاب میں نماز عیدین كا طریقہ اور اس سے متعلق دیگر احكام بیان ہوئے ہیں
- اردو مُقرّر : ابو سعد قطب محمد اثری
اس ریكارڈنگ میں صدقہ فطر ادا كرنے كا وقت ، مقدار اور اس كے حق داروں پر روشنی ڈالی گئی ہے
- اردو مُقرّر : ابو سعد قطب محمد اثری
اس ریكارڈنگ میں اعتكاف كے شرعی حكم اور اس كی فضیلت پر مكمل روشنی ڈالی گئی ہے
- اردو مُقرّر : ابو سعد قطب محمد اثری
اس خطاب میں نماز تہجد جو رمضان و غیر رمضان دونوں حالتوں میں پڑھی جاتی ہے اس فضیلت بیان كی گئی ہے
- اردو مُقرّر : ابو سعد قطب محمد اثری
اس ریكارڈنگ میں ماہ رمضان میں مواظبت كے ساتھ پڑھی جانے والے نماز تراویح كے احكام و مسائل پر مكمل روشنی ڈالی گئی ہے
- اردو مُقرّر : ابو سعد قطب محمد اثری
اس خطاب میں نمار تراویح ادا كرنے كا طریقہ اور اس كے چند احكام پر روشنی ڈالی گئی ہے
- اردو مُقرّر : ابو سعد قطب محمد اثری
اس خطاب میں چند ایسی غلطیوں اور كوتاہیوں كی نشان دہی كی گئی ہے جو عموما ماہ رمضان میں روزہ داروں سے واقع ہوتی ہیں
- اردو مُقرّر : ابو سعد قطب محمد اثری
اس خطاب میں ماہ رمضان كے متعلق انتہائی اہم اور ضروی معلومات بیان كی گئی ہے